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करौली में ओलावृष्टि ने मचाई तबाही, किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी

करौली के किसानों की फसलों पर एक बार फिर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का कहर बरपा है, जिससे किसान परेशान हैं. कर्ज के बोझ तले दबे और बर्बादी के कगार पर खडे़ किसानों की उम्मीदों पर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने एक बार फिर पानी फेर दिया है.

करौली न्यूज़, Hailstorm in Karauli
करौली में ओले गिरने से किसानों की फसल बर्बाद
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Published : Mar 6, 2020, 1:20 PM IST

करौली. जिले में गुरुवार देर शाम अचानक मौसम का मिजाज बदल गया. तेज हवाओं और आकाशीय बिजली की गड़गड़ाहट के साथ बारिश शुरू हो गई. बारिश और तेज गर्जना के साथ लगातार 10 मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरना शुरू हो गए, जिससे जिलेभर में लहलहा रही चने, गेहूं और सरसों की फसल बर्बाद हो गई.

करौली में ओले गिरने से किसानों की फसल बर्बाद

जिले के सायपुर और रतनपुर सहित कई गांवों में भी देर रात मौसम का मिजाज बदलने से बारिश के साथ चना-मटर के आकार के ओले गिरे और फसलों को नुकसान पहुंचा. तेज अंधड़ के साथ लगातार ओले गिरने से किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं और उनके अरमानों पर पानी फिर गया.

पढ़ें: मंदी के चलते टारगेट का 55 फीसदी ही इनकम टैक्स जमा, मार्च महीने में वसूलना है 260 करोड़ टैक्स

जिले के टोडाभीम के किसानों ने बताया कि गेहूं और सरसों की फसल क्षेत्र में पक कर तैयार थी. ऐसे समय में प्रकृति की इस असहनीय मार ने फसल को बर्बाद कर दिया. किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी फसल को रातभर जागकर जैसे-तैसे बचाया था. लेकिन, प्रकृति के आगे किसकी चली है.

गौरतलब है कि बीते कई दिनों से जहां तेज धूप के चलते लोगो को मौसम में गर्मी का सामना करना पड़ रहा था. वहीं, बारिश और ओले गिरने से तापमान मे गिरावट आई है. इससे लोगों को सर्दी का अहसास होने लगा है.

करौली. जिले में गुरुवार देर शाम अचानक मौसम का मिजाज बदल गया. तेज हवाओं और आकाशीय बिजली की गड़गड़ाहट के साथ बारिश शुरू हो गई. बारिश और तेज गर्जना के साथ लगातार 10 मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरना शुरू हो गए, जिससे जिलेभर में लहलहा रही चने, गेहूं और सरसों की फसल बर्बाद हो गई.

करौली में ओले गिरने से किसानों की फसल बर्बाद

जिले के सायपुर और रतनपुर सहित कई गांवों में भी देर रात मौसम का मिजाज बदलने से बारिश के साथ चना-मटर के आकार के ओले गिरे और फसलों को नुकसान पहुंचा. तेज अंधड़ के साथ लगातार ओले गिरने से किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं और उनके अरमानों पर पानी फिर गया.

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जिले के टोडाभीम के किसानों ने बताया कि गेहूं और सरसों की फसल क्षेत्र में पक कर तैयार थी. ऐसे समय में प्रकृति की इस असहनीय मार ने फसल को बर्बाद कर दिया. किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी फसल को रातभर जागकर जैसे-तैसे बचाया था. लेकिन, प्रकृति के आगे किसकी चली है.

गौरतलब है कि बीते कई दिनों से जहां तेज धूप के चलते लोगो को मौसम में गर्मी का सामना करना पड़ रहा था. वहीं, बारिश और ओले गिरने से तापमान मे गिरावट आई है. इससे लोगों को सर्दी का अहसास होने लगा है.

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