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कैसे बढ़ेगा भारतः नौनिहालों को तो छोड़िए...यहां तो 'मास्टर जी' को भी नहीं आता क,ख, ग....

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Published : Jan 14, 2020, 5:11 PM IST

Updated : Jan 14, 2020, 5:23 PM IST

आज का भारत टेक्नोलॉजी से लैस हो चुका है. हम मंगल तक का सफर कर चुके हैं, लेकिन हमारी यंग जनरेशन जो हमारा भविष्य है, उनकाृ शैक्षणिक स्तर और जहां वे पढ़ते हैं, उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों की शर्मसार कर देने वाली हकीकत सामने आई है. इस सरकारी स्कूल की हाल इतना खराब है कि यहां के 12वीं के बच्चों को 'क' 'ख' 'ग' 'घ' की ही जानकारी नहीं है. बच्चे तो बच्चे इनको मास्टरों को तो व्यजंन कितने होते हैं ये ही नहीं पता है. देखिए करौली के स्कूलों का हाल, ईटीवी भारत की इस स्पेशल रिपोर्ट में...

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कलेक्टर की 'क्लास" मे स्वर्ग व्यजंन नहीं बता पाए शिक्षक-विधार्थी

करौली. आज हमारे कदम चांद और मंगल तक पहुंच चुके हैं. डिजिटल भारत साक्षर भारत की बातें हमारी सरकारें करती हैं, तो वहीं दूसरी ओर इस डिजिटल भारत में स्कूलों की स्तर पर बेहद ही भयानक तस्वीर हमारे सामने आई है. जिस देश में लोग तकनीक की बात करते हैं, उस देश के बच्चों को पढ़ाई का बेसिक, यानी कि क, ख ,ग भी नहीं आता है. बच्चे तो बच्चे, शर्म की बात तो यह है कि उन्हें पढ़ाने वाले मास्टर इतना भी नहीं जानते हैं कि हिंदी में कितने व्यजंन होते हैं.

अब आप सोच ही सकते हैं कि सरकार के साक्षर भारत का अभियान कितनी तरक्की पर है. जो बच्चे इस देश का भविष्य हैं. अगर उनकी शिक्षा का स्तर इतना खराब होगा तो हमारा यह देश कौनसी प्रगति की राह पकड़ रहा है. जहां बच्चों शैक्षणिक स्तर इतना खराब है.

कलेक्टर की 'क्लास" मे स्वर्ग व्यजंन नहीं बता पाए शिक्षक-विधार्थी

यह भी पढे़ं- सिटी पैलेस में सैलानियों ने भी लिया पतंगबाजी का लुत्फ, चखा दाल की पकौड़ियों का स्वाद

राजस्थान सरकार की ओर से सभी जिलों में शिक्षा का स्तर पता करने के लिए ऊपर से आर्डर दिए गए हैं. जिसके तहत करौली के जिला कलेक्टर ने इस काम को प्रमुखता से लेते हुए खुद ही स्कूलों में जाकर वहां का हाल जाना, तो जो हकीकत सामने आई, उससे जिला कलेक्टर खुद भी आश्चर्य में पड़ गए.

दरअसल इन दिनों करौली जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव शिक्षा की गुणवत्ता जांचने के लिए पिछले एक सप्ताह से स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं. इस कड़ी में कलेक्टर जब पंचायत समिति के गांव ससेडी के राजकीय विद्यालय पहुंच गए.12वीं के बच्चों से स्वर और व्यजंन के बारे में पूछा, तो बच्चे क, ख, ग, घ में ही फंसकर रह गए. हैरानी की बात तो यह है कि बच्चे तो बच्चे खुद शिक्षकों को भी नहीं पता कि व्यजंन कितने होते हैं.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस का मंत्री दरबार: अब तक 65 हजार से ज्यादा फरियादी जन सुनवाई के लिए कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे

व्यंजन तो आता नहीं, उतर आए सिफारिश पर

कलेक्टर के अचानक यूं स्कूल पहुंच जाने पर शिक्षक घबरा गए और जवाब नहीं दे पाने के बाद उनसे माफी मांगने लगे. एक शिक्षक ने तो हाथ तक जोड़कर कहा- गुरूजी आप थोड़ी कृपा करो न. इस पर कलेक्टर ने फटकारते हुए कहा कि कितनी तन्ख्वाह लेते हो, शिक्षा की क्वालिटी देखो, क्यों नहीं सुधारते हो, मेहनत क्यों नही करते हो. देखो बच्चों की हालात आपके सामने है.

जिला कलेक्टर ने लगाई फटाकर
कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा की जब आप प्राईवेट स्कूलों में जाकर काम करोगे, तो आपको 10 हजार से ज्यादा कोई नहीं देगा और सरकार आपको 70 हजार रूपए देती है, तो आप हमसे सिफारिश कर रहे हो. जिला कलेक्टर भी स्कूल के इस तरह के हालात देखकर हक्के-बक्के रह गए. इसके बाद उन्होंने हर क्लास में पहुंचकर बच्चों से सवाल-जवाब किया. लगभग सभी क्लासों का हाल एक सा ही नजर आया.

यह भी पढे़ं- जल महल पर हुई जमकर पतंगबाजी, चाइनीज मांझे का इस्तेमाल नहीं करने का दिया संदेश

कलेक्टर ने जारी किए आदेश

जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि राज्य सरकार के निर्देश है कि बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले. इसके लिए सभी स्कूलों का निरीक्षण किया जाए. इस निरीक्षण में स्कूलों के बदतर हालात मुझे देखने को मिल रहे हैं. बच्चों का शैक्षणिक स्तर कमजोर पाया गया. साथ ही शिक्षकों को भी सवाल के जबाब मालूम नही थे. शिक्षा अधिकारियों को सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं.

एक तरफ राजस्थान सरकार स्कूलों में शिक्षा की क्वालिटी डेवलप करने की बात करती है. वहीं दूसरी तरफ सरकारी विद्यालयों का शिक्षा स्तर दिनों-दिन घटता ही जा रहा है. 12वीं कक्षा के विधार्थियों को स्वर और व्यंजन के बारे में जानकारी तक नही है. विधार्थी तो छोड़ों उनको अध्ययन करवाने वाले खुद गुरूजी भी सही जबाब देने में फिसल गए. ऐसे में अब प्रशासन को ही सोचना होगा कि इन बच्चों का भविष्य कितने अंधकार में जा रहा है. आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करने वाले मास्टरों की ऐसे स्थिति जमीनी हकीकत को बयां करती है.

करौली. आज हमारे कदम चांद और मंगल तक पहुंच चुके हैं. डिजिटल भारत साक्षर भारत की बातें हमारी सरकारें करती हैं, तो वहीं दूसरी ओर इस डिजिटल भारत में स्कूलों की स्तर पर बेहद ही भयानक तस्वीर हमारे सामने आई है. जिस देश में लोग तकनीक की बात करते हैं, उस देश के बच्चों को पढ़ाई का बेसिक, यानी कि क, ख ,ग भी नहीं आता है. बच्चे तो बच्चे, शर्म की बात तो यह है कि उन्हें पढ़ाने वाले मास्टर इतना भी नहीं जानते हैं कि हिंदी में कितने व्यजंन होते हैं.

अब आप सोच ही सकते हैं कि सरकार के साक्षर भारत का अभियान कितनी तरक्की पर है. जो बच्चे इस देश का भविष्य हैं. अगर उनकी शिक्षा का स्तर इतना खराब होगा तो हमारा यह देश कौनसी प्रगति की राह पकड़ रहा है. जहां बच्चों शैक्षणिक स्तर इतना खराब है.

कलेक्टर की 'क्लास" मे स्वर्ग व्यजंन नहीं बता पाए शिक्षक-विधार्थी

यह भी पढे़ं- सिटी पैलेस में सैलानियों ने भी लिया पतंगबाजी का लुत्फ, चखा दाल की पकौड़ियों का स्वाद

राजस्थान सरकार की ओर से सभी जिलों में शिक्षा का स्तर पता करने के लिए ऊपर से आर्डर दिए गए हैं. जिसके तहत करौली के जिला कलेक्टर ने इस काम को प्रमुखता से लेते हुए खुद ही स्कूलों में जाकर वहां का हाल जाना, तो जो हकीकत सामने आई, उससे जिला कलेक्टर खुद भी आश्चर्य में पड़ गए.

दरअसल इन दिनों करौली जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव शिक्षा की गुणवत्ता जांचने के लिए पिछले एक सप्ताह से स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं. इस कड़ी में कलेक्टर जब पंचायत समिति के गांव ससेडी के राजकीय विद्यालय पहुंच गए.12वीं के बच्चों से स्वर और व्यजंन के बारे में पूछा, तो बच्चे क, ख, ग, घ में ही फंसकर रह गए. हैरानी की बात तो यह है कि बच्चे तो बच्चे खुद शिक्षकों को भी नहीं पता कि व्यजंन कितने होते हैं.

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व्यंजन तो आता नहीं, उतर आए सिफारिश पर

कलेक्टर के अचानक यूं स्कूल पहुंच जाने पर शिक्षक घबरा गए और जवाब नहीं दे पाने के बाद उनसे माफी मांगने लगे. एक शिक्षक ने तो हाथ तक जोड़कर कहा- गुरूजी आप थोड़ी कृपा करो न. इस पर कलेक्टर ने फटकारते हुए कहा कि कितनी तन्ख्वाह लेते हो, शिक्षा की क्वालिटी देखो, क्यों नहीं सुधारते हो, मेहनत क्यों नही करते हो. देखो बच्चों की हालात आपके सामने है.

जिला कलेक्टर ने लगाई फटाकर
कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा की जब आप प्राईवेट स्कूलों में जाकर काम करोगे, तो आपको 10 हजार से ज्यादा कोई नहीं देगा और सरकार आपको 70 हजार रूपए देती है, तो आप हमसे सिफारिश कर रहे हो. जिला कलेक्टर भी स्कूल के इस तरह के हालात देखकर हक्के-बक्के रह गए. इसके बाद उन्होंने हर क्लास में पहुंचकर बच्चों से सवाल-जवाब किया. लगभग सभी क्लासों का हाल एक सा ही नजर आया.

यह भी पढे़ं- जल महल पर हुई जमकर पतंगबाजी, चाइनीज मांझे का इस्तेमाल नहीं करने का दिया संदेश

कलेक्टर ने जारी किए आदेश

जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि राज्य सरकार के निर्देश है कि बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले. इसके लिए सभी स्कूलों का निरीक्षण किया जाए. इस निरीक्षण में स्कूलों के बदतर हालात मुझे देखने को मिल रहे हैं. बच्चों का शैक्षणिक स्तर कमजोर पाया गया. साथ ही शिक्षकों को भी सवाल के जबाब मालूम नही थे. शिक्षा अधिकारियों को सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं.

एक तरफ राजस्थान सरकार स्कूलों में शिक्षा की क्वालिटी डेवलप करने की बात करती है. वहीं दूसरी तरफ सरकारी विद्यालयों का शिक्षा स्तर दिनों-दिन घटता ही जा रहा है. 12वीं कक्षा के विधार्थियों को स्वर और व्यंजन के बारे में जानकारी तक नही है. विधार्थी तो छोड़ों उनको अध्ययन करवाने वाले खुद गुरूजी भी सही जबाब देने में फिसल गए. ऐसे में अब प्रशासन को ही सोचना होगा कि इन बच्चों का भविष्य कितने अंधकार में जा रहा है. आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करने वाले मास्टरों की ऐसे स्थिति जमीनी हकीकत को बयां करती है.

Intro:एक तरफ राजस्थान सरकार स्कूलो मे दिनोंदिन शिक्षा मे क्वालिटी बडाने की बात कहती है दुसरी ओर राजस्थान के करौली जिले के सरकारी विघालयो का शिक्षा का स्तर इतना गिरता जा रहा है.की 12 वी कक्षा के विधार्थियों को स्वर व व्यंजन के बारे में जानकारी तक नही है,विधार्थी तो छोडो उनको अध्ययन करवाने वाले खुद गुरूजी सही जबाब देने मे फिसल गये...इसकी पोल जब खुली जब खुद जिलाधीश ने स्कूलो मे जाकर अचानक से शिक्षा का स्तर जाना.


Body:कलेक्टर की 'क्लास" मे स्वर्ग व्यजंन नही बता पाये शिक्षक विधार्थी -स्पेशल खबर,

करौली

एक तरफ राजस्थान सरकार स्कूलो मे दिनोंदिन शिक्षा मे क्वालिटी बडाने की बात कहती है दुसरी ओर राजस्थान के करौली जिले के सरकारी विघालयो का शिक्षा का स्तर इतना गिरता जा रहा है.की 12 वी कक्षा के विधार्थियों को स्वर व व्यंजन के बारे में जानकारी तक नही है,विधार्थी तो छोडो उनको अध्ययन करवाने वाले खुद गुरूजी सही जबाब देने मे फिसल गये...इसकी पोल जब खुली जब खुद जिलाधीश ने स्कूलो मे जाकर अचानक से शिक्षा का स्तर जाना.

दरअसल इन दिनो करौली जिला कलेक्टर डॉ मोहन लाल यादव शिक्षा की गुणवत्ता जांचने के उदेश्य से बीते सप्ताह से सरकारी स्कूलो का औचक निरीक्षण कर रहे है..यादव ने करौली पंचायत समिति की ग्राम पंचायत ससेडी के राजकीय विघालय और नादौती की ग्राम पंचायत कस्बा शहर के राजकीय उच्च माध्यमिक विघालय मे अचानक पहुचकर कक्षा 12वी के छात्र -छात्राओं से गुणवत्ता जांचने के उद्देश्य से मास्टर बनकर स्वर व व्यंजन के बारे में जानकारी ली.लेकिन बच्चे नही बता पाये. बच्चो को इसकी जानकारी नहीं होने पर उन्होंने शिक्षकों से जानकारी चाही तो खुद शिक्षक भी सही जबाब नही दे पाये.इस पर कलेक्टर ने शिक्षकों को लताड पिलाते हुए कहा कि जब आप को ही स्वर व व्यंजन के बारे में जानकारी नहीं तो बच्चों को भविष्य किस प्रकार से अच्छा बनायेंगे.उन्होंने छात्र-छात्राओं को स्वर व व्यंजन के बारे में बताया एवं गणित,हिन्दी,संस्कृत के बारे में भी बच्चों से प्रश्न पूछे. बच्चों ने जिला कलक्टर को कक्षा आने पर पहली बार नजदीकी से देखा तो खुश नजर आये.

सिफारिश करके लग जाते हो, शर्म आती नही.

गुरूजी आप थोडी कृपा करो ना सरकार के ऊपर.कितनी तन्ख्वाह लेते हो.शिक्षा की क्वालिटी देखो.क्यो नही सुधारते हो. मेहनत क्यो नही करते हो.देखो बच्चो की हालात आपके सामने है.कलेक्टर यादव के तेवर जब सामने नजर तब उन्होने अलग अलग कक्षाओं मे.पहुचकर बच्चो की क्लास ली.कलेक्टर ने गहरी नाराजगी जाहिर करते.हुए कहा की जब आप प्राईवेट स्कूलो मे जाकर काम करोगे तो आपको 10 हजार से ज्यादा कोई नही देगा..और सरकार आपको 70 हजार रूपये देती है.सिफारिश करके लग जाते हो.काम कुछ करते नही हो.टाईमपास करके चले जाते हो.शर्म नही आती है.
आपको तो मंडरायल के इलाके मे पटकना चाहिए. चुनाव बाद आपकी शिक्षा की क्वालिटी को देखते है.

जिला कलेक्टर डॉ मोहन लाल यादव ने बताया की राज्य सरकार के निर्देश है की बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले उसी उदेश्य के साथ स्कूलो का निरिक्षण किया जा रहा है.स्कूलो के निरिक्षण मे विपरीत स्थितिया नजर आयी है.बच्चो का शैक्षणिक स्तर कमजोर पाया गया.शिक्षको भी सवाल के जबाब मालूम नही थे.शिक्षा अधिकारियों को सुधार करने के निर्देश दिये गए हैं.

वाईट--- जिला कलेक्टर डॉ मोहन लाल यादव


Conclusion:
Last Updated : Jan 14, 2020, 5:23 PM IST
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