करौली. जिला मुख्यालय करौली पर सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन, महिला अधिकारिता और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक निजी रिसोर्ट में जिला स्तरीय समारोह आयोजित किया गया.
समारोह में जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि महिलाएं चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़े और शिक्षित होकर सुदृढ़ समाज की स्थापना करें. समारोह को सम्बोधित करते हुए जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है. सरकार की योजनाओं का लाभ शिक्षित व्यक्ति लेकर योजनाओं को जन जन तक पहुंचाकर लोगों के जीवन को बेहतरीन बना सकता है.
उन्होंने कहा कि जिस परिवार में महिलाएं शिक्षित होती हैं उससे परिवार में तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण बन जाती हैं. उनमें से एक है परिवार सीमित रहता है, बच्चों की शिक्षा बढ़ती है और लडकियों को रोजगार के लिए प्रेरित किया जाता है. इसलिए महिला शिक्षा से ही समाज की बुनियाद रखी जाती है. साथ ही महिलाओं का स्वयं विकास होता है और इसके साथ साथ समाज का भी उत्थान होता है.
अपर जिला और सेशन न्यायाधीश जगमोहन अग्रवाल ने कहा कि महिलाएं ना कभी कमजोर थी और ना है और ना रहेंगी. प्रकृति और संस्कृति की ओर से पुरूषों का उदभव गौरव और सम्मान महिलाओं से ही होता है इसलिए भारतीय संविधान में महिलाओं को समानता का अधिकार भी दिया गया है. महिलाएं अपने मन में कभी दुर्बलता नही लाएं और अपनी सोच को बदलें.
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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश रेखा यादव ने कहा कि महिलाएं अपनी सुरक्षा और अधिकारों से अपने आप को मजबूत बनाएं और शिक्षित होकर बालिकाओं को आगे बढाएं. महिलाएं सशक्त होकर समाज को विकसित करने में अपना योगदान दें.
सरकार की ओर से भी महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर उनके सशक्तिकरण के प्रयास किए जा रहे हैं. महिला एवं बालि विकास विभाग के उपनिदेशक प्रभाती लाल जाट ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए महिलाओं के अधिकारो के बारे में जानकारी दी.