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मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी पर जिला प्रशासन ने मारा छापा, दुकानदारों में मचा हड़कंप - Administration of black marketing of medical equipment

करौली में कोरोना संकट में मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी की लम्बे समय से मिल रही सुचना के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और विभिन्न मेडिकल स्टोर का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान कर दर से अधिक सामान बेचने पर उपकरणों को जब्त करने की कार्रवाई की.

मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी पर छापा, Black marketing of medical devices raided
मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी पर छापा
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Published : May 18, 2021, 3:00 PM IST

करौली. कोरोना संकट काल में मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी की लम्बे समय से मिली रही सुचना के बाद जिला प्रशासन मंगलवार को हरकत में आया और विभिन्न मेडिकल स्टोर का औचक निरीक्षण कर छापामार की. बाद में कर दर से अधिक सामान बेचने पर उपकरणों को जब्त करने की कारवाई की. साथ ही कालाबाजारी करने पर संबंधित दुकानों पर पेनल्टी की कारवाई की गई. जिला प्रशासन की छापामार कारवाई से मेडिकल दुकानदारों में हडकंप मच गया.

जिला रसद अधिकारी राम सिंह मीणा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान बाजार में मास्क और पल्स ऑक्सीमीटर की अधिक मांग के कारण वस्तुओं की कालाबाजारी और अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक बिक्री की जांच के लिए औचक निरीक्षण किया गया.

जिसमें भानू ड्रग स्टोर गुलाब बाग करौली से दो पल्स ऑक्सीमीटर, जो बिना एमआरपी के प्रत्येक ऑक्सीमीटर 1500 रुपये में बेचा जा रहा था, जब्त किए गए. इसी प्रकार हरी मेडिकल स्टोर गुलाब बाग करौली से 25 मास्क के एन 95 बिना एमआरपी के प्रत्येक मास्क 80 रुपये की दर से बेचे जा रहे थे, जब्त किए गए.

जांच के इसी क्रम में मनोज मेडिकल स्टोर हॉस्पीटल रोड करौली से एक पल्स ऑक्सीमीटर और के एन-95 मास्क बिना एमआरपी और निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर बेचे जा रहे थे. हिण्डौन स्थित एक अन्य अरोड़ा मेडिकल स्टोर से एक पल्स ऑक्सीमीटर जो बिना एमआरपी के 1300 रुपये में बेचा जा रहा था, जब्त किया गया.

पढ़ेंः राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन कांग्रेस विधायक चाह कर भी नहीं कर पाएंगे एंबुलेंस देने का काम, जानिये क्यों

उक्त समस्त कार्रवाई विद्यिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 और पीसीआर नियम 2011 के अनुसार बिना एमआरपी. के बेचे जाने पर की गई. उक्त प्रत्येक फर्म और मेडिकल स्टोर पर 5000 रूपये की पेनल्टी अधिरोपित की गई. सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को नियत दर पर मास्क और पल्स ऑक्सीमीटर बेचने हेतु पाबन्द किया गया.

करौली. कोरोना संकट काल में मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी की लम्बे समय से मिली रही सुचना के बाद जिला प्रशासन मंगलवार को हरकत में आया और विभिन्न मेडिकल स्टोर का औचक निरीक्षण कर छापामार की. बाद में कर दर से अधिक सामान बेचने पर उपकरणों को जब्त करने की कारवाई की. साथ ही कालाबाजारी करने पर संबंधित दुकानों पर पेनल्टी की कारवाई की गई. जिला प्रशासन की छापामार कारवाई से मेडिकल दुकानदारों में हडकंप मच गया.

जिला रसद अधिकारी राम सिंह मीणा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान बाजार में मास्क और पल्स ऑक्सीमीटर की अधिक मांग के कारण वस्तुओं की कालाबाजारी और अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक बिक्री की जांच के लिए औचक निरीक्षण किया गया.

जिसमें भानू ड्रग स्टोर गुलाब बाग करौली से दो पल्स ऑक्सीमीटर, जो बिना एमआरपी के प्रत्येक ऑक्सीमीटर 1500 रुपये में बेचा जा रहा था, जब्त किए गए. इसी प्रकार हरी मेडिकल स्टोर गुलाब बाग करौली से 25 मास्क के एन 95 बिना एमआरपी के प्रत्येक मास्क 80 रुपये की दर से बेचे जा रहे थे, जब्त किए गए.

जांच के इसी क्रम में मनोज मेडिकल स्टोर हॉस्पीटल रोड करौली से एक पल्स ऑक्सीमीटर और के एन-95 मास्क बिना एमआरपी और निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर बेचे जा रहे थे. हिण्डौन स्थित एक अन्य अरोड़ा मेडिकल स्टोर से एक पल्स ऑक्सीमीटर जो बिना एमआरपी के 1300 रुपये में बेचा जा रहा था, जब्त किया गया.

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उक्त समस्त कार्रवाई विद्यिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 और पीसीआर नियम 2011 के अनुसार बिना एमआरपी. के बेचे जाने पर की गई. उक्त प्रत्येक फर्म और मेडिकल स्टोर पर 5000 रूपये की पेनल्टी अधिरोपित की गई. सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को नियत दर पर मास्क और पल्स ऑक्सीमीटर बेचने हेतु पाबन्द किया गया.

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