करौली. प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूले जाने को लेकर अभिभावकों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही अभिभावकों का एक प्रतिनिधि मंडल एसडीएम से मिलकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान अभिभावकों ने ज्ञापन के जरिए प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूले जाने पर रोक लगाने की मांग की.
दरअसल, सरकारी स्कूलों की पढ़ाई का स्तर कमजोर होने के कारण उनकी हालत बहुत ही खस्ताहाल है. जिसकी वजह से अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहता है. ऐसे में अभिभावकों के पास निजी स्कूल के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह जाता. इसलिए निजी स्कूल मनमानी फीस की वसूली का फायदा उठा रहे हैं.
अभिभावक विजय पांडेय ने बताया कि निजी स्कूलों में लूट को रोकने के लिए प्रदेश सरकार कानून बनाए और एक पॉलिसी के तहत इन्हें संचालित करे. सरकार के नियमों को ताक पर रखकर निजी स्कूलों द्वारा छात्रों के अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली की जा रही है. निजी स्कूलों में फीस में मनमानी वृद्धि तो की ही जाती है, ड्रेस-स्टेशनरी की भी स्कूल परिसर में ही मनमाने दामों पर बिक्री की जाती है. नियम नहीं होने के बावजूद हर साल एडमिशन फीस वसूली जा रही है.
ऐसे में सरकार से मांग है कि वह निजी स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए तुरंत शिक्षा का अधिकार कानून को लागू करे. प्रदेश सरकार सख्ती से इस कानून को लागू कर दे, तो प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और लूट पर काफी हद तक लगाम लग जाएगी. अभिभावकों ने मांग की है कि प्रदेश सरकार निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए. इसके लिए सबसे पहले प्रदेश सरकार फीस का ढांचा तैयार करे.