करौली. लोकसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है. कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद राजस्थान में 19 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. प्रत्याशियों की लिस्ट में करौली-धौलपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने युवा कार्ड और जातिगत वोटों का आंकड़ा तय कर धौलपुर जिले के संजय कुमार जाटव को मैदान में उतारा है.
ऐसे में खबर है कि संजय जाटव के टिकट फाइनल होने के बाद कांग्रेसियों ने भी अपने बागी तेवर दिखाने चालू कर दिए हैं. साल 2014 में कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार रहे और वर्तमान में दावेदारी जता रहे लख्खीराम बेरवा ने बगावती तेवर दिखाते हुए कांग्रेस आलाकमान पर नाराजगी जाहिर की है.
लखीराम बैरवा ने ईटीवी भारत को बताया कि लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है. अंतिम समय तक कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मेरा नाम चल रहा था. लेकिन, मेरा नाम काटकर संजय जाटव को दे दिया गया है जो बिल्कुल गलत है. अभी मैं बाहर हूं, मेरा करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना तय है. क्षेत्र के 36 कौम का मुझे साथ मिल रहा है इसलिए मैं निश्चित तौर पर चुनाव लड़ूंगा. एक-दो दिन में आकर क्षेत्र के लोगों से चर्चा करूंगा और मीडिया में भी स्टेटमेंट जारी करूंगा.
वहीं, भाजपा और बसवा पार्टी से चुनाव लड़ने की बात पर लख्खीराम ने कहा की यह तय है चुनाव लड़ूंगा. लेकिन, अभीतक इन पार्टियों के टिकट पर चुनाव लड़ने की कोई मंशा नहीं है. फिर भी क्षेत्र के लोगों से चर्चा करके जो फैसला होगा वह मिडिया मे बता दिया जायेगा. उधर, ईटीवी भारत से खास चर्चा में करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी संजय जाटव ने बताया की लोकसभा क्षेत्र में सबसे पहली प्राथमिकता बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना, रेल के बंद पड़े काम को वापस से चालू करवाना और पानी की समस्या को हल करने का मुद्दा रहेगा.
2014 में भाजपा उम्मीदवार से बहुत कम अंतर से हारे थे लख्खीराम बैरवा
2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते लख्खीराम बैरवा भाजपा के डॉक्टर मनोज राजोरिया से बहुत कम अंतर से चुनाव हारे थे. लखीराम बैरवा को कांग्रेस पार्टी ने 2014 में उम्मीदवार बनाया था लेकिन, मोदी लहर के कारण भाजपा उम्मीदवार डॉ मनोज राजोरिया से थोड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. लख्खीराम बैरवा ने बताया की इस बार कांग्रेस की सीट निश्चित ही अपनी सीट दर्ज करती लेकिन, मेरा टिकट काटने से कांग्रेस को सीट का नुकसान उठाना पड़ सकता है. वहीं, लखीराम बैरवा ने बताया कि अभी मेरा किसी पार्टी से संपर्क नहीं हुआ है और ना ही मैं करूंगा.