करौली. सांसद डॉ मनोज राजोरिया ने प्रेस वार्ता कर बताया कि करौली और धौलपुर जिलों में पीएम मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 23000 करोड़ की 5 पेयलजल परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इससे 820 गांव लाभांवित होंगे. वहीं इन परियोजनाओं में शामिल कालीतीर पेयजल परियोजना को लेकर कांग्रेस पहले ही स्वीकृति का एलान कर चुकी है.
राजोरिया प्रेस से मुताबिक होते हुए कहा कि पीएम की इस सौगात से लोकसभा क्षेत्र मे पेयजल संकट से जुझ रहे 820 गांव लाभान्वित होगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अजमेर आगमन के अवसर पर जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के लिए 23 हजार करोड़ की 5 पेयजल परियोजनाओं को मंजूरी दी है. दोनों ही जिलों को सम्मिलित करते हुए संसदीय क्षेत्र की 2 महत्वपूर्ण परियोजनाओं करौली जिले के लिए चंबल-करौली सवाई माधोपुर और धौलपुर जिले के लिए कालीतीर-धौलपुर परियोजना को मंजूरी दी गई है.
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राजोरिया ने बताया कि चम्बल करौली-सवाईमाधोपुर-नादौती परियोजना के लिए 2004 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने 567 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे. इसी परियोजना का विस्तार करते हुए इसे टोडाभीम और सवाई माधोपुर जिले के अन्य भागों तक बढ़ाया गया है. इसमें करौली के टोडाभीम उपखण्ड के कुल 73 गांवों को सम्मिलित किया गया है. 2004 से लेकर अभी तक इस परियोजना में करौली एवं सवाई माधोपुर जिलों के कुल 1234 गांवों को सम्मिलित किया गया है. जिसमें करौली जिले के 820 गांव सम्मिलित हैं. कालीतीर पेयजल परियोजना के लिए लगभग 842 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. इसमें इस परियोजना से भरतपुर व धौलपुर जिले के लगभग 470 गावों को सतही जल की आपूर्ति से जोड़ा जाएगा.
राजोरिया ने बताया कि इस परियोजना से धौलपुर जिले के वाडी बसेडी सरमथुरा क्षेत्र के 263 गावों और धौलपुर के 113 गांव और भरतपुर जिले के बयाना ब्लॉक के 94 गावों को सम्मिलित किया गया है. कालीतीर पेयजल परियोजना के लिए पार्वती एवं रामसागर बांध से पानी की आपूर्ति की जायेगी. इसके लिए पार्वती एवं रामसागर बांध में 2-2 इन्टेक बेल व दोनों बांधों पर ट्रीटमेंट प्लान्ट स्थापित किये जायेंगे.
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जल जीवन मिशन में संसदीय क्षेत्र के दोनों ही जिलों के कुल 1223 गावों को सम्मिलित किया गया है, जिसमें करौली जिले के 847 और धौलपुर जिले के 376 गांव सम्मिलित हैं. राजोरिया ने बताया कि इसके अतिरिक्त करौली की परियोजना चम्बल पांचना-जगर परियोजना के लिए डीपीआर तैयार हो चुकी है. इसकी अनुमानित लागत लगभग 1939 करोड़ रुपए बताई गई है. लेकिन राज्य सरकार ने स्वीकृत करने के बाद भी राशि आवंटित नहीं करने के चलते इस परियोजना का कार्य आरंभ नहीं हो सका है.
गौरतलब है कि गत 7 मई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजाखेड़ा में सभा के दौरान खुले मंच से धौलपुर जिले के लिए मंजूर की गई काली तीर परियोजना का एलान किया था. धौलपुर बीजेपी कार्यालय पर शुक्रवार को सांसद डॉ मनोज राजोरिया ने प्रेस वार्ता कर काली तीर परियोजना का श्रेय भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है. उन्होंने कहा काली तीर परियोजना को हरी झंडी जल जीवन मिशन योजना के माध्यम से भारत सरकार द्वारा दी गई है.
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अशोक गहलोत जादूगर, लूट रहे झूठी वाहवाहीः काली तीर परियोजना पर पूछे गए सवाल पर सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जादूगर हैं. परियोजना का काम भारत सरकार का है, लेकिन गहलोत झूठी वाहवाही लूट रहे हैं. उन्होंने कहा जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री की योजना है. लोकसभा चुनाव के दौरान हिंडौन में पीएम मोदी ने सभा के दौरान काली तीर परियोजना की घोषणा की थी. उन्होंने कहा भारत सरकार द्वारा राजस्थान सरकार को पैसा निर्माण कराने के लिए दिया जाता है. 28 मई को प्रदेश में पीएम मोदी ने 5 परियोजनाओं के लिए 23000 करोड़ की स्वीकृति दी है.
मलिंगा ने उठाया था मुद्दाः तत्कालीन समय के विधायक एवं संसदीय सचिव गिर्राज सिंह मलिंगा ने 2012 में विधानसभा में काली तीर परियोजना का मुद्दा उठाया था. बाड़ी विधानसभा क्षेत्र एवं बसेड़ी पानी की समस्या से अधिक जूझते हैं. तत्कालीन गहलोत सरकार ने मलिंगा की मांग पर बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में चंबल लिफ्ट परियोजना से 44 गांव के लिए क्षेत्रीय ऑफसेट योजना को हरी झंडी दी थी. लेकिन काली तीर परियोजना अधर में लटक गई थी. मलिंगा ने बताया कि उनके प्रयास पर मुख्यमंत्री ने काली तीर परियोजना को वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी. परियोजना के टेंडर हो चुके हैं. जल्द ही काम शुरू हो सकेगा.