करौली. जिले के मंडरायल पंचायत समिति के अधीन रोधई ग्राम पंचायत मे पीएम आवास योजना मे फर्जीवाड़ा का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक दिव्यांग मृतक के नाम का फायदा उठाकर एक व्यक्ति ने 1 लाख 38 हजार रुपए की सहायता राशि उठा ली.
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जिसके बाद पीड़ित दिव्यांग परिजन ने सरपंच सचिव JEN सहित 7 लोगों के खिलाफ कोर्ट मे इस्तगासा दायर कर गुहार लगाई. जिसके बाद पुलिस ने आधा दर्जन धाराओं में मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. इधर सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद जहा कर्मचारियों मे हडकंप मच गया है.वही लोगो मे चर्चा का विषय बना हुआ है.
जिसके बाद पीड़ित दिव्यांग परिजन ने सरपंच सचिव JEN सहित 7 लोगो के खिलाफ कोर्ट मे इस्तगासा दायर कर गुहार लगाई. जिसके बाद पुलिस ने आधा दर्जन धाराओं मे मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. रोधई ग्राम पंचायत के गोपालपुरा निवासी भरोसी जाटव ने बताया कि वह दो भाई है. जिसमे बड़े भाई स्वरूप जाटव का 9 अक्टूबर 2020 को स्वर्गवास हो गया था. उसकी मां का भी 17 नवंबर 2018 को स्वर्गवास हो चुका है.
प्रार्थी का भाई स्वरूप अविवाहित और गूंगा-बहरा और विकलांग था. साल 2011 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रार्थी के भाई स्वरूप जाटव का आवास स्वीकृत हुआ था. जिसकी स्वीकृति के बाद षडयंत्रपूर्वक प्रधानमंत्री आवास योजना में उसके भाई की मंजूर हुई राशि रोधई निवासी रामस्वरूप जाटव ने दलाल और सरपंच सचिव से मिलीभगत करते हुए 1 लाख 38 हजार रुपए की राशि उठा ली.
जबकि प्रार्थी के भाई को उक्त आवास की एक भी किश्त की राशि नहीं मिली. जिसकी जानकारी पीड़ित परिजन को इंटरनेट के माध्यम से हुई. सीईओ जिला परिषद करौली और अन्य संबंधित अधिकारियों को मामले की सूचना दी तो जिला परिषद से यह आश्वासन दिया गया कि उसके भाई की राशि वसूली की कार्रवाई रामस्वरूप जाटव से की जा रही है.
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इसके बाद मामले को लेकर परिजनों ने 21 जुलाई 2021 को मंडरायल थाने में गुहार लगाई, लेकिन मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई. जिसके बाद परिजन भरोसी जाटव की ओर से जिला पुलिस अधीक्षक को डाक द्वारा अवगत कराया गया, लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई. फिर पीड़ित भाई भरोसी जाटव की ओर से कोर्ट मे इस्तगासा के जरिए 7 लोगों पर मंडरायल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया. जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल में जुट गई है.