ETV Bharat / state

करौली: भाजपाइयों ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को किया याद, मनाई 119वीं जयंती - मीडिया प्रभारी मुकेश सालौत्री

करौली में सांसद सेवा केंद्र पर सोमवार को भाजपाइयों ने मनाई डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की 119वीं जयंती. वहीं जयंती के उपलक्ष में वृक्षारोपण भी किया गया, उसके बाद पदाधिकारियों ने उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प भी लिया.

karauli news, rajasthan news, राजस्थान न्यूज, करौली न्यूज
भाजपाइयों ने डॉ.मुखर्जी को किया याद, मनाई 119वीं जयंती
author img

By

Published : Jul 6, 2020, 9:54 PM IST

करौली. जिले में सांसद सेवा केंद्र पर सोमवार को भाजपाइयों ने डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 119 वीं जयंती मनाई गई. साथ ही जयंती के उपलक्ष में वृक्षारोपण भी किया गया. इस दौरान पदाधिकारियों ने उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. बता दें कि सांसद सेवा केंद्र में सोमवार को भाजपा नेताओं ने शहर मंडल अध्यक्ष अनूप शर्मा के नेतृत्व में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाई.

इस दौरान भाजपा नेताओं ने संसद सेवा केंद्र परिसर में वृक्षारोपण किया और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. वहीं भाजपा जिला मीडिया प्रभारी मुकेश सालौत्री ने डॉ. मुखर्जी की जीवनी को लेकर बताया कि वे बेहद कुशाग्र बुद्धि के थे और बहुत ही कम उम्र में कुलपति जैसे पद पर काबिज हुए.

केंद्रीय मंत्री मंडल में रहते हुए उन्होंने एक देश एक विधान की अवधारणा को बल दिया. कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग साबित करने के लिए उन्होंने अपनी जान लड़ा दी थी. इस मौके पर जिला महामंत्री धीरेंद्र बैंसला, सुरेश शुक्ला सहित अन्य वक्ताओं ने भी उनके संस्मरणों को बताया. बता दें कि डॉ.मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में एक संपन्न परिवार में हुआ था

पढ़ें: बिजली बिल माफ करने की मांग को लेकर भाजपाइयों ने किया प्रदर्शन, राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

उनके पिता इलाके के प्रतिष्ठित शख्सियत थे. मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक पास की और 1921 में बीए. वहीं लॉ की डिग्री 1923 में पूरी करने के बाद मुखर्जी ब्रिटेन चले गए. 1926 में बैरिस्टर बनकर लौटे और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की. कश्मीर को लेकर काफी मुखर थे और वो दो विधान और दो झंडों के सिद्धांत के खिलाफ थे.

कश्मीर नीति को लेकर उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जमकर घेरा था. वहीं 1953 में वो बिना परमिशन कश्मीर यात्रा पर चले गए थे, जहां उनको गिरफ्तार कर नजरबंद कर दिया गया था. वहीं 23 जून 1953 को रहस्यमयी परिस्थितियों में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु हो गई.

करौली. जिले में सांसद सेवा केंद्र पर सोमवार को भाजपाइयों ने डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 119 वीं जयंती मनाई गई. साथ ही जयंती के उपलक्ष में वृक्षारोपण भी किया गया. इस दौरान पदाधिकारियों ने उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. बता दें कि सांसद सेवा केंद्र में सोमवार को भाजपा नेताओं ने शहर मंडल अध्यक्ष अनूप शर्मा के नेतृत्व में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाई.

इस दौरान भाजपा नेताओं ने संसद सेवा केंद्र परिसर में वृक्षारोपण किया और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. वहीं भाजपा जिला मीडिया प्रभारी मुकेश सालौत्री ने डॉ. मुखर्जी की जीवनी को लेकर बताया कि वे बेहद कुशाग्र बुद्धि के थे और बहुत ही कम उम्र में कुलपति जैसे पद पर काबिज हुए.

केंद्रीय मंत्री मंडल में रहते हुए उन्होंने एक देश एक विधान की अवधारणा को बल दिया. कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग साबित करने के लिए उन्होंने अपनी जान लड़ा दी थी. इस मौके पर जिला महामंत्री धीरेंद्र बैंसला, सुरेश शुक्ला सहित अन्य वक्ताओं ने भी उनके संस्मरणों को बताया. बता दें कि डॉ.मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में एक संपन्न परिवार में हुआ था

पढ़ें: बिजली बिल माफ करने की मांग को लेकर भाजपाइयों ने किया प्रदर्शन, राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

उनके पिता इलाके के प्रतिष्ठित शख्सियत थे. मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक पास की और 1921 में बीए. वहीं लॉ की डिग्री 1923 में पूरी करने के बाद मुखर्जी ब्रिटेन चले गए. 1926 में बैरिस्टर बनकर लौटे और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की. कश्मीर को लेकर काफी मुखर थे और वो दो विधान और दो झंडों के सिद्धांत के खिलाफ थे.

कश्मीर नीति को लेकर उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जमकर घेरा था. वहीं 1953 में वो बिना परमिशन कश्मीर यात्रा पर चले गए थे, जहां उनको गिरफ्तार कर नजरबंद कर दिया गया था. वहीं 23 जून 1953 को रहस्यमयी परिस्थितियों में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु हो गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.