करौली. जिले में ERCP योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से 3 दिन पहले रविवार को महिलाओं की विशाल महापंचायत का आयोजन हुआ. जिसमें ईआरसीपी योजना को लेकर महिलाओं को जागरूक किया गया. साथ ही महासभा में महिलाओं ने ईआरसीपी का विरोध करने वालों को चूड़ियां पहनाने का संकल्प लिया. इस महापंचायत में करीब 15 हजार से अधिक महिलाएं शामिल हुई थीं. वहीं, महापंचायत में पहुंचे किसान नेता रामनिवास मीणा ने महिलाओं के उत्साह को देखते हुए कई अहम घोषणाएं की.
दरअसल, पीएम मोदी आगामी 31 मई को अजमेर दौरे पर आ रहे हैं, जहां वो जनसभा को संबोधित करेंगे. इस बीच पीएम के दौरे से तीन पहले यानी रविवार को करौली में 15 हजार से अधिक महिलाओं ने महापंचायत का आयोजन किया. इस दौरान महिलाओं ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने का संकल्प लिया. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के तत्वावधान में जिले के टोडाभीम ग्राम के नांगल शेरपुर में महिला पंचायत हुई. इसमें शामिल महिलाओं ने शपथ ली कि वे चंबल का पानी नहरों के माध्यम से खेतों तक नहीं आने तक चैन से नहीं बैठेंगी.
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इस दौरान महिला पंचायत में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीणा ने बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि महिलाएं बैठकर स्वयं सामाजिक स्तर पर न्याय करें, इसके लिए नांगल शेरपुर में पूर्वी राजस्थान के सर्वसमाज की महिलाओं का हाईकोर्ट बनाया जाएगा. आजादी के 75 साल बाद भी पूर्वी राजस्थान की महिलाओं को पानी उपलब्ध नहीं कराकर सरकारें अत्याचार कर रही हैं. ऐसे में अब किसी भी अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
वहीं, किसान विकास समिति की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष संगीता गुर्जर के नेतृत्व में हुई इस महिला पंचायत में करीब 25 से अधिक महिलाओं ने अपने विचार रखे. महिलाओं ने साफ शब्दों में कहा कि विधानसभा चुनाव में वोट मांगने आने वाले नेताओं को इस बार गांवों में नहीं घुसने दिया जाएगा. नेताओं से साफ कह दिया जाएगा कि पहले चंबल पानी नहरों के माध्यम से खेतों तक लेकर आओ, उसके बाद ही वोट के बारे में कोई बात होगी. इस बीच महिलाओं ने ईआरसीपी नहीं तो वोट भी नहीं का नारा दिया.
महिला पंचायत को प्रदेशाध्यक्ष संगीता गुर्जर के साथ जयपुर की कुसम देवी, आमेर की इंदिरा शर्मा, उरदैन की किरण राजपूत, दौसा की अनिता मीना, त्रिशूल की छात्रा सपना बैरवा, खेडी मेरेडा की कमला देवी, दौसा की मौसम मीणा, पाडली की छोटी देवी, नांगल पहाडी की मगना देवी, महेन्द्रवाडा की कमलेश देवी, बांदीकुई की सरिता मीना, हिण्डौन की पुष्प मंगल, महस्वा की छात्रा कल्पना मीना, लखन बाई, पेंचला की रूपंती देवी, मांचडी की फूलवती, शंकरपुर डोरका की शांति देवी, राजौली की सीमा देवी, महवा की ममता देवी, खिरखिडा की निरमा देवी, मूडिया की वीरांगना निरूपमा, मुहाना की मीरा देवी, सुमन मीना सहित 25 से ज्यादा महिलाओं ने संबोधित किया.