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ढोल-नगाड़ों की थाप पर भगवान शिव का अभिषेक, भक्तों ने मांगी कोरोना महामारी खत्म करने की मन्नत - भक्तों ने की शिव की पूजा

करौली में सावन के चौथे सोमवार को शिव मन्दिरों में दिनभर भक्तों का जमावड़ा लगा रहा. इस दौरान भक्तों ने शिवलिंग पर ढोल-नगाड़ों की थाप पर चटक सहस्त्रधारा का आयोजन करवाया गया. भक्तों ने भगवान शिव से कोरोना महामारी से छुटकारा दिलाने की प्रार्थना करते हुए पूजा-अर्चना की.

भगवान शिव का हुआ अभिषेक, Abhishek of Lord Shiva
ढोल-नगाड़ों की थाप पर भगवान शिव का अभिषेक
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Published : Jul 27, 2020, 7:29 PM IST

करौली. जिला मुख्यालय के फकीरा सेठ की बगीची स्थित शिवलिंग पर सावन के चौथे सोमवार के अवसर पर भक्तों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर चटक सहस्त्रधारा का आयोजन करवाया. भक्तों ने भगवान शिव से कोरोना महामारी को खत्म करने की प्रार्थना करते हुए पूजा-अर्चना की. इस दौरान बम-बम भोले के जयकारों के नारों से मंदिर गूंजमान हो गया.

बता दें कि यूं तो भगवान भोलेनाथ की वर्षभर पूजा की जाती है. लेकिन सावन मास में शिव भक्तों के द्वारा भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का शिवालयों में एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है. सोमवार को सावन मास में भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हुए शिवभक्त बड़े ही आनंदित होकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करके भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं.

ऐसे में इस साल भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त बेलपत्र चढ़ाकर कोरोना महामारी से छुटकारा दिलवाने की मनौती मांग रहे हैं. भक्त विपिन शर्मा ने बताया कि फकीरा सेठ की बगीची बहुत ही दिव्य और भव्य स्थान है. जहां सैकड़ों की संख्या में भक्तगण अलग-अलग पारियों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए पूजा अर्चना करते हैं, लेकिन आज यहां एक विशेष आयोजन शिव भक्तों के द्वारा किया गया. जिसको चटक सहस्त्रधारा कहते हैं.

पढ़ेंः सावन विशेष: राजस्थान का ऐसा मंदिर जहां शिवलिंग के नीचे कुंड, जिसमें नहाने से मिलता है चर्म रोगों से छुटकारा

भक्त मंडली के सदस्यों ने बड़े हर्षोल्लास के साथ भगवान भोलेनाथ का दूध, दही, पांच अनाजों से, गौव्रत, पंचगव्य, गुलाब प्रकृति में जो भी चीज है, उनसे भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया गया. शिव भक्तों ने ढोल-नगाड़े पर नृत्य कर अभिषेक किया. वहीं मंदिर के पुजारी द्वारा रूद्र पाठ का आयोजन किया गया.

करौली. जिला मुख्यालय के फकीरा सेठ की बगीची स्थित शिवलिंग पर सावन के चौथे सोमवार के अवसर पर भक्तों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर चटक सहस्त्रधारा का आयोजन करवाया. भक्तों ने भगवान शिव से कोरोना महामारी को खत्म करने की प्रार्थना करते हुए पूजा-अर्चना की. इस दौरान बम-बम भोले के जयकारों के नारों से मंदिर गूंजमान हो गया.

बता दें कि यूं तो भगवान भोलेनाथ की वर्षभर पूजा की जाती है. लेकिन सावन मास में शिव भक्तों के द्वारा भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का शिवालयों में एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है. सोमवार को सावन मास में भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हुए शिवभक्त बड़े ही आनंदित होकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करके भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं.

ऐसे में इस साल भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त बेलपत्र चढ़ाकर कोरोना महामारी से छुटकारा दिलवाने की मनौती मांग रहे हैं. भक्त विपिन शर्मा ने बताया कि फकीरा सेठ की बगीची बहुत ही दिव्य और भव्य स्थान है. जहां सैकड़ों की संख्या में भक्तगण अलग-अलग पारियों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए पूजा अर्चना करते हैं, लेकिन आज यहां एक विशेष आयोजन शिव भक्तों के द्वारा किया गया. जिसको चटक सहस्त्रधारा कहते हैं.

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भक्त मंडली के सदस्यों ने बड़े हर्षोल्लास के साथ भगवान भोलेनाथ का दूध, दही, पांच अनाजों से, गौव्रत, पंचगव्य, गुलाब प्रकृति में जो भी चीज है, उनसे भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया गया. शिव भक्तों ने ढोल-नगाड़े पर नृत्य कर अभिषेक किया. वहीं मंदिर के पुजारी द्वारा रूद्र पाठ का आयोजन किया गया.

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