जोधपुर. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डीसीपी धर्मेंद यादव के नेतृत्व में एक रातानाडा सांसी बस्ती में एक शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें अवैध कच्ची शराब बनाने और बेचने से जुड़ी महिलाएं जिन्होंने व्यवसाय छोड़ सिलाई के काम से जुड़ी महिलाओं ने डीसीपी को अपना काम दिखाया.
बता दें कि रातानाडा क्षेत्र स्थित सांसी बस्ती की महिलाएं पहले अवैध कच्ची शराब बनाना और उसे बेचने का काम में जुड़ी थी. साथ ही वहां रहने वाली कई महिला अपराध में लिप्त होकर अपना घर चलाने पर मजबूर थी. जिसके बाद डीसीपी धर्मेंद्र यादव के नेतृत्व में सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग से संपर्क किया गया और वहां पर बैठक रखी गई. जहां पर महिलाओं ने बताया कि अगर उन्हें कोई दूसरा रोजगार मिलता है तो वह इस काम को छोड़ देगी. इसके बाद पुलिस और सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग की ओर से एक एनजीओ से संपर्क किया गया और वहां रहने वाली महिलाओं को कपड़े सिलाई करने का काम सिखाया गया. जिसके बाद से वहां की महिलाओं ने कपड़ा सिलाई शुरू की एनजीओ ने वहां रहने वाली महिलाओं को लगभग 50 से अधिक सिलाई मशीन भी निशुल्क भेंट की. इसी कड़ी में सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रातानाडा सांसी बस्ती में एक शिविर का आयोजन किया गया, जहां महिलाओं को जागरुक करने का प्रयास किया गया. साथ महिलाओं ने अपने काम को पुलिस सहित सामाजिक एवं न्याय अधिकारीता विभाग को भी दिखाया.
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डीसीपी धर्मेंद्र यादव ने बताया कि रातानाडा क्षेत्र स्थित सांसी कॉलोनी में रहने वाले महिलाओं ने पहले आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होकर काम किया जाता था. जिसमें अवैध शराब बनाने ओर उसे बेचने का काम किया जाता था लेकिन राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार जोधपुर जिला कलेक्टर ने आदेश दिए कि इन महिलाओं को रोजगार दिलवाया जाए. जिसके बाद पुलिस और सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग की मदद से एनजीओ से संपर्क किया. ज्ञाबोर महिलाओं को रोजगार दिलवाना का प्रयास किया गया. इसी कड़ी में महिलाएं अब कपड़ा सिलाई सीख रही हैं. कुछ महिलाओ द्वारा कपड़ा सिलने का काम भी शुरू कर दिया गया है और वे अपना घर आसानी से चला रही हैं.
डीसीपी धर्मेंद्र यादव ने बताया कि महिला दिवस के मौके पर ऐसी महिलाओं को सम्मानित भी किया गया है. साथ ही अब महिलाओं ने वापस आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होकर काम नहीं करने का भी संकल्प लिया है. ऐसे में देखा जाए तो कहीं ना कहीं महिलाओं को रोजगार तो मिला ही है और आपराधिक गतिविधियों में भी काफी कमी देखने को मिली है.