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जोधपुर में बरसाती नालों की समस्या का अब तक कोई हल नहीं, सफाई कार्य भी अधूरा - जोधपुर

बरसाती नाले जोधपुर शहर के लिए लंबे समय ते परेशानी का कारण बने हुए है. लेकिन जिम्मेदार अब तक इस समस्या का हल नहीं निकाल सके हैx.

समस्या समाधान के दावे कर रहे है जिम्मेदार
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Published : May 21, 2019, 5:55 PM IST

जोधपुर. मौसम विभाग के अनुसार जून के दूसरे सप्ताह से मानसून सक्रिय हो जाएगा. हालांकि इससे पहले ही जोधपुर में दो बार बारिश हो चुकी है, जिसमें शहर की सड़कों पर जल भराव लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया था. शहर में बरसाती पानी की निकासी के इंतजाम अभी भी नाकाफी है. गत वर्ष बरसाती नाले तीन लोगों की मौत का कारण बने थे. वहीं, जोधपुर नगर निगम के इंतजामों ने अब तक रफ्तार नहीं पकड़ी है.

अब तक नहीं निकला कोई समाधान

इसकी बड़ी वजह यह भी है कि शहर के प्रमुख तीन नालों के अंतिम छोर के लिए निगम के पास जमीन ही नहीं है. इसको लेकर हाईकोर्ट भी दिशा निर्देश दे चुका है. जोधपुर नगर निगम के महापौर घनश्याम ओझा का कहना है कि तीनों नालों की परेशानी जमीन मिलने से ही दूर होगी. उनका दावा है शहरों के अन्य नालों की सफाई का काम अभी चल रहा है और हम 15 जून से पहले इसे पूर्ण कर लेंगे.

जोधपुर. मौसम विभाग के अनुसार जून के दूसरे सप्ताह से मानसून सक्रिय हो जाएगा. हालांकि इससे पहले ही जोधपुर में दो बार बारिश हो चुकी है, जिसमें शहर की सड़कों पर जल भराव लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया था. शहर में बरसाती पानी की निकासी के इंतजाम अभी भी नाकाफी है. गत वर्ष बरसाती नाले तीन लोगों की मौत का कारण बने थे. वहीं, जोधपुर नगर निगम के इंतजामों ने अब तक रफ्तार नहीं पकड़ी है.

अब तक नहीं निकला कोई समाधान

इसकी बड़ी वजह यह भी है कि शहर के प्रमुख तीन नालों के अंतिम छोर के लिए निगम के पास जमीन ही नहीं है. इसको लेकर हाईकोर्ट भी दिशा निर्देश दे चुका है. जोधपुर नगर निगम के महापौर घनश्याम ओझा का कहना है कि तीनों नालों की परेशानी जमीन मिलने से ही दूर होगी. उनका दावा है शहरों के अन्य नालों की सफाई का काम अभी चल रहा है और हम 15 जून से पहले इसे पूर्ण कर लेंगे.

Intro:जोधपुर। 
मौसम विभाग की मानें तो जून के दूसरे सप्ताह से मानसून सक्रिय हो जाएगा हालांकि इससे पहले ही जोधपुर में बेमौसम की दो बार बारिश हो चुकी है जिसमें शहर की सड़कें ताल तलैया बन गई यानी कि राज्य के दूसरे बड़े शहर में बरसाती पानी की निकासी के इंतजाम अभी भी नाकाफी हैं खास बात यह भी है कि गत वर्ष बरसाती नालों मैं बहकर 3 लोगों की जान भी जा चुकी है लेकिन अभी भी जोधपुर नगर निगम के इंतजामों ने रफ्तार नहीं पकड़ी है इसकी बड़ी वजह यह भी है कि शहर के प्रमुख तीन लालू के अंतिम छोर के लिए निगम के पास जमीन भी नहीं है इस को लेकर हाई कोर्ट भी दिशा निर्देश दे चुका है इनमें बनाड़ रोड पर सेना की जमीन तो पाली रोड पर विश्वविद्यालय की जमीन एवं स्वभाव तो की ढाणी में भैरव नाला के लिए जमीन की आवश्यकता है लेकिन अभी तक सिर्फ विश्वविद्यालय की जमीन को लेकर ही सहमति बनी है जिस पर भी ना ला बनने में अभी 6 माह का समय लगेगा सेना ने अपनी जमीन देने की सैद्धांतिक सहमति दी है लेकिन इसके बदले सरकार को सेना को जमीन देनी होगी। जोधपुर नगर निगम के महापौर घनश्याम ओझा का कहना है कि तीनों नामों की परेशानी जमीन मिलने से ही दूर होगी उनका दावा है कि नालों की सफाई का काम अभी चल रहा है और हम 15 जून से पहले इसे पूर्ण कर लेंगे। दरअसल शहर का एक भी बरसाती नाला अंतिम छोर पर नहीं पहुंचता है जिससे बारिश के दिनों में पूरे शहर में जल प्रलय की स्थिति बन जाती है । थोड़ी सी बारिश के बाद शहर पूरी तरह से ठप हो जाता है और शहर की कनेक्टिविटी भी खत्म हो जाती है ।

बाईट घनश्याम ओझा, महापौर जोधपुर नगर निगम


Body:खतरनाक पुलिया, जालोरी गेट से फतेहपोल रोड जयपुर रोड, बीजेएस सहित कई इलाके हैं जहां थोड़ी सी बारिश में ही 4 से 5 फीट पानी बहने लगता है और वहां रहने वाले लोगों को भारी परेशानी होती है।  कहने को तो नगर निगम हर बारिश में करोड़ों रुपए खर्च कर नालों की सफाई करता है लेकिन यह सफाई कार्य भी महज औपचारिकता ही साबित होता है। शहर के तीन प्रमुख बरसाती नाले हैं और यह तीनों ही नाले जोजरी नदी से नहीं मिलने के कारण इनका पानी मुख्य सड़कों पर बहता रहता है।






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