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Complaint against RAS case : RAS अधिकारी ट्रैप के बाद हो गया बहाल, लेकिन शिकायतकर्ता आज भी लगा रहा चक्कर...जानिए पूरी कहानी - आरएएस अधिकारी के खिलाफ एसीबी में शिकायत

भ्रष्टचार के खिलाफ आवाज उठाना एक ग्रामीण को महंगा पड़ गया. साल 2019 में जिस आरएएस अधिकारी के खिलाफ एसीबी में शिकायत की और रंग हाथों पकड़वाया, वह अधिकारी तो फिर से बहाल हो गया, लेकिन शिकायतकर्ता का न तो काम हुआ और न ही उसे अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ (Villager in trouble after complaint in ACB) मिला. उसका आरोप है कि सरकारी योजनाओं से जुड़े उसके काम नहीं किए जा रहे. उसे शिकायतकर्ता कहकर टाल दिया जाता है.

Villager in trouble after complaint in ACB
आरएएस अधिकारी ट्रैप के बाद हो गया बहाल, लेकिन शिकायतकर्ता आज भी लगा रहा चक्कर...जानिए पूरी कहानी
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Published : May 26, 2022, 10:42 PM IST

जोधपुर. भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए एसीबी अपनी हेल्पलाइन के जरिए लोगों को शिकायत दर्ज करवाने का प्रचार कर रही है. लेकिन दूसरी ओर शिकायत पर एसीबी की कार्रवाई के बाद भी शिकायकर्ता के काम नहीं हो रहे. जिस अधिकारी को एसीबी ट्रैप में पकड़वाया, वह बहाल हो गया. लेकिन शिकायतकर्ता का काम अब भी अटका पड़ा है. और तो और उसके बाकी काम भी सरकारी कर्मचारी करने से आनाकानी करने लगे (Villager in trouble after complaint in ACB) हैं.

यह कहानी बिलाड़ा तहसील के चिरढाणी निवासी पप्पू दास की है. जिसने अपने खेत की पत्थरगढी करवाने के लिए बिलाड़ा में आवेदन किया था. इसके लिए तहसीलदार को आदेश करवाने के लिए जिला मुख्याल पर पदस्थापित एडीएम तृतीय विजयपाल सिंह नाहटा के चक्कर काटे. नाहटा ने 10 हजार रुपए की मांग रखी. जिसकी पप्पू दास ने एसीबी में शिकायत कर दी थी. जिस पर नाहटा गिरफ्तार हो गए. इसके बाद एक बार एक टीम ने उसके खेत पर जाकर दौरा किया. उसके बाद किसी ने काम नहीं किया.

एसीबी में शिकायत और ट्रैप करवा भी ये शख्स काट रहा अधिकारियों के चक्कर...

पढ़ें: अलवर: रिश्वत लेते हुए पकड़े गए डिप्टी एसपी के बारे में शिकायतकर्ता ने किए खुलासे, कहा- ऐंठ चुके हैं लाखों रुपये

खास बात यह है कि गत सप्ताह ही सरकार ने विजय सिंह नाहटा को बहाल कर दिया. लेकिन पप्पू दास की परेशानी अभी तक कम नहीं हुई. पीड़ित का कहना है कि पत्थरगढी नक्शे के हिसाब से नहीं की गई. इसकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. परेशान होकर उसने गत वर्ष यह फाइल ही बंद करवा दी. पप्पू दास का आरोप है कि उसे सरकारी योजना में लाभ नहीं दिया जा रहा है. यहां तक की नरेगा में जो काम किया, उसका भी पूरा भुगतान नहीं हुआ. अब जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन की फाइल लगा दी, लेकिन अधिकारी कनेक्शन नहीं दे रहे हैं. उसे चालीस फिट खुद से लाइन बिछाने के लिए दबाव दे रहे हैं.

पढ़ें: शिकायतकर्ता को ही ब्लैकलिस्ट करने पर हाई कोर्ट ने आरयू से मांगा जवाब

उसके पिता के नाम का प्रधानमंत्री आवास का आवेदन भी रद्द कर दिया गया. परेशानी को लेकर पप्पू दास ने जिला प्रशासन को अपनी पीड़ा बताई. साथ ही एसीबी के अधिकारियों को भी प्रार्थना पत्र दिया, जिससे उसके काम हो सके. उसका कहना है कि गांव व तहसील के अधिकारी तो कहते हैं कि यह तो शिकायकखोर है. इसलिए काम नहीं करते हैं. अब एक बार फिर वह वह जोधपुर जिला प्रशासन के चक्कर काट रहा है. प्रशासन की ओर से उसे संपर्क पोर्टल पर शिकायत करने का कहा गया (Villager asked to contact sampark portal) है.

जोधपुर. भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए एसीबी अपनी हेल्पलाइन के जरिए लोगों को शिकायत दर्ज करवाने का प्रचार कर रही है. लेकिन दूसरी ओर शिकायत पर एसीबी की कार्रवाई के बाद भी शिकायकर्ता के काम नहीं हो रहे. जिस अधिकारी को एसीबी ट्रैप में पकड़वाया, वह बहाल हो गया. लेकिन शिकायतकर्ता का काम अब भी अटका पड़ा है. और तो और उसके बाकी काम भी सरकारी कर्मचारी करने से आनाकानी करने लगे (Villager in trouble after complaint in ACB) हैं.

यह कहानी बिलाड़ा तहसील के चिरढाणी निवासी पप्पू दास की है. जिसने अपने खेत की पत्थरगढी करवाने के लिए बिलाड़ा में आवेदन किया था. इसके लिए तहसीलदार को आदेश करवाने के लिए जिला मुख्याल पर पदस्थापित एडीएम तृतीय विजयपाल सिंह नाहटा के चक्कर काटे. नाहटा ने 10 हजार रुपए की मांग रखी. जिसकी पप्पू दास ने एसीबी में शिकायत कर दी थी. जिस पर नाहटा गिरफ्तार हो गए. इसके बाद एक बार एक टीम ने उसके खेत पर जाकर दौरा किया. उसके बाद किसी ने काम नहीं किया.

एसीबी में शिकायत और ट्रैप करवा भी ये शख्स काट रहा अधिकारियों के चक्कर...

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खास बात यह है कि गत सप्ताह ही सरकार ने विजय सिंह नाहटा को बहाल कर दिया. लेकिन पप्पू दास की परेशानी अभी तक कम नहीं हुई. पीड़ित का कहना है कि पत्थरगढी नक्शे के हिसाब से नहीं की गई. इसकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. परेशान होकर उसने गत वर्ष यह फाइल ही बंद करवा दी. पप्पू दास का आरोप है कि उसे सरकारी योजना में लाभ नहीं दिया जा रहा है. यहां तक की नरेगा में जो काम किया, उसका भी पूरा भुगतान नहीं हुआ. अब जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन की फाइल लगा दी, लेकिन अधिकारी कनेक्शन नहीं दे रहे हैं. उसे चालीस फिट खुद से लाइन बिछाने के लिए दबाव दे रहे हैं.

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उसके पिता के नाम का प्रधानमंत्री आवास का आवेदन भी रद्द कर दिया गया. परेशानी को लेकर पप्पू दास ने जिला प्रशासन को अपनी पीड़ा बताई. साथ ही एसीबी के अधिकारियों को भी प्रार्थना पत्र दिया, जिससे उसके काम हो सके. उसका कहना है कि गांव व तहसील के अधिकारी तो कहते हैं कि यह तो शिकायकखोर है. इसलिए काम नहीं करते हैं. अब एक बार फिर वह वह जोधपुर जिला प्रशासन के चक्कर काट रहा है. प्रशासन की ओर से उसे संपर्क पोर्टल पर शिकायत करने का कहा गया (Villager asked to contact sampark portal) है.

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