जोधपुर. प्रदेश में महंगाई राहत कैंप के माध्यम से जनता को राहत देने का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार पर केंद्रीय जनशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन कैंप के माध्यम से जनता को ठग रही है. जोधपुर दौरे पर आए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है. निरंतर पिछले 4 साल से हमने इस विषय को सड़क से लेकर सदन में बार-बार उठाया है. जनाक्रोश यात्राओं और महाघेराव के माध्यम से सरकार के भ्रष्टाचार को जनता के सामने लाने का काम किया है, लेकिन अब तो हद ही हो गई. शायद देश की राजनीति में पहली बार होगा. प्रदेश की सरकार के मंत्री ही अपने मंत्रिमंडल के साथियों के ऊपर सड़क पर और सदन में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. मैं यह मानता हूं कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति और मजबूरी एक मुख्यमंत्री की नहीं हो सकती है कि उसके मंत्री ही उसको सड़क पर घेरने का काम कर रहे हैं.
शिविर नहीं शिगूफा है राहत कैम्प : महंगाई राहत कैंपों पर शेखावत ने कहा कि ये केवल राजनीतिक शिगूफा मात्र है. क्या इन महंगाई राहत शिविरों में लोगों को पहली राहत प्रदान की जा रही है या देने की घोषणा की जा रही है. 12वीं क्लास का कंप्यूटर साइंस पढ़ने वाला विद्यार्थी भी 50 से 100 यूनिट बिजली मुफ्त का बदलाव प्रोग्राम में कर सकता है तो गर्मी में लाखों लोगों को लाइन में खड़ा करके उनको गारंटी देने की आवश्यकता ही नहीं थी. उन्होंने कहा कि किसानों को 2000 यूनिट मुफ्त देने को भी कंप्यूटर प्रोग्राम में फिक्स किया जा सकता है, क्योंकि जिनको देना था, उनकी सूची आपके पास है. आंकड़े गिनवाते हुए शेखावत ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने 850 रुपए प्रति किसान बिजली कनेक्शन पर सब्सिडी दी थी. दो साल तक इस सरकार ने उसको बंद किया और अपनी जेब में रखा.
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सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल राजस्थान में : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में सबसे महंगा डीजल-पेट्रोल राजस्थान में बिक रहा है. पड़ोसी राज्यों की तुलना में यहां 10 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल और 10 रुपए प्रति लीटर डीजल महंगा है. राजस्थान में हर माह 15 करोड़ लीटर पेट्रोल और 45 करोड़ लीटर डीजल बिकता है. इस लिहाज से 60 करोड़ लीटर की सेल पर सरकार 600 करोड़ रुपए प्रति माह राजस्थान की जनता की जेब से लूटने काम कर रही है.