जोधपुर. संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाला मामले में घिरे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश प्रवीर भटनागर ने भी सुनवाई से इनकार कर दिया है. बता दें कि इस याचिका में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी मामले की जांच अनियमित जमा पर प्रतिबंध योजना अधिनियम 2019 की धारा 30 के तहत होनी चाहिए. अधिनियम के अनुसार सोसाइटी का स्टेटस मल्टीस्टेट है. ऐसे में अधिनियम के प्रावधान के अनुसार जांच सीबीआई को भेजी जानी चाहिए.
इसी मुद्दे पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी. गौर है कि शेखावत की ओर से पिछले महीने हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिसे जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की अदालत में सूचीबद्ध किया गया था. लेकिन उन्होंने (जस्टिस गर्ग) इस केस की सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया था. जिसके बाद जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत में केस सूचीबद्ध की गई थी. अब दूसरी बेंच में सुनवाई के लिए यह याचिका वापस सूचीबद्ध होगी.
एमएम श्रीवास्तव के समक्ष मामला जाएगा : दरअसल, बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के आरोप में घिरे केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में पेश याचिका पर जस्टिस प्रवीर भटनागर ने सुनवाई से इनकार करते हुए मामला दूसरी बेंच के समक्ष भेज दिया. अब राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव के समक्ष मामला जाएगा और वहां से अन्य बेंच में लिस्ट के लिए रेफर किया जाएगा. पिछली सुनवाई पर जस्टिस मनोज कुमार गर्ग ने सुनवाई से इनकार किया था, जिसके बाद मामला जस्टिस प्रवीण भटनागर की बेंच में भेजा गया था, लेकिन अब उन्होंने भी सुनवाई से इनकार कर दिया है.
केन्द्रीय मंत्री शेखावत की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट मुख्यपीठ में विविध आपराधिक याचिका पेश करते हुए मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी होने से सभी मामले सीबीआई को सुपुर्द कर जांच कराने की मांग की है, साथ ही एसओजी में दर्ज एफआईआर को भी निरस्त कराने की गुहार है. वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेन्द्र सिंह दासपा ने केन्द्रीय मंत्री शेखावत की ओर से मामले को लिस्ट करवाया, लेकिन जस्टिस मनोज कुमार गर्ग के बाद अब जस्टिस प्रवीर भटनागर ने भी सुनवाई से इनकार कर दिया.
900 करोड़ का घोटाला, 2019 से जांच : संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में करीब 900 करोड़ के घोटाले का आरोप है, जिसमें हजारों लोगों के जीवन भर की कमाई फंस गई. इसको लेकर अगस्त 2019 में एसओजी ने मामला दर्ज किया था, जिसकी जांच पड़ताल के बाद संचालक मंडल के लोगों की गिरफ्तारी हुई. इसमें सोसाइटी के मुखिया विक्रम सिंह इंद्रोई सहित कई लोग अभी जेल में है. हाल ही में इस मामले में केंद्रीय मंत्री के नजदीकी सीए और डाकलिया परिवार के लोगों की गिरफ्तारी हुई. जिसके बाद एसओजी ने दूसरी चार्ज शीट पेश की. अभी इस मामले में और गिरफ्तारी और कार्रवाई के संकेत खुद सीएम दे चुके है.
शेखावत हैं निशाने पर : संजीवनी मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद लगातार मंत्री शेखावत पर हमलावर बने हुए हैं. उन पर अभियुक्त होने का आरोप लगाया, जिसे वे लगातार दोहरा भी रहे हैं. हाल ही में उन्होंने एसओजी की जांच पूरी होने का इशारा किया था. यानी मामले में और गिरफ्तारी और चार्जशीट पेश हो सकती है. जिसके बाद से केंद्रीय मंत्री शेखावत की चिंताएं बढ़ गई हैं. उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामला सीबीआई को सौंपने की मांग की है. जिस पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि कार्रवाई से बचने के लिए वे ऐसा कर रहे हैं. अगर इनकी भूमिका नहीं है तो सामने आकर कहना चाहिए.