जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग राजस्थान सरकार की ओर से तबादला आदेश जारी करने पर पूर्ण रूप से रोक के बावजूद कर्मचारियों के हो रहे तबादलों को गंभीरता से लेते हुए अगली सुनवाई पर मुख्य सचिव को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस अरूण मोंगा की एकलपीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा कि प्रशासनिक निर्देशों का उल्लघंन करने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्यों नही कारवाई की जाए यह भी स्पष्ट किया जाए.
इसके साथ अदालत ने याचिकाकर्ताओं को राहत देते हुए अगले आदेश तक उनको रिलीव नही करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस मोंगा की एकल पीठ के समक्ष योगेश आचार्य स्वायत्त शासन विभाग और गीता शिक्षा विभाग की कर्मचारी ओर से तबादले पर रोक के लिए याचिकाएं पेश की गई थी. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता गोविन्द सुथार व जीआर गोयल ने पैरवी करते हुए बताया कि प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा जारी आदेश 04.01.2023 एवं परिपत्र दिनांक 03.01.2024 से तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बावजूद कार्मिको के तबादले किए जा रहे हैं.
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हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए आदेश जारी किया कि कोर्ट में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें तबादले पर रोक को लेकर याचिकाए पेश हो रही हैं, जबकि प्रशासनिक आदेश व परिपत्र जारी होने के बावजूद ऐसे मामले सामने आ रहे है यह गंभीर है. कोर्ट ने दोनों याचिकाकर्ताओं को राहत देते हुए 6 फरवरी को मुख्य सचिव को विडियों कान्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रशासनिक आदेश की पालना नही करने पर क्या कदम उठाए जा रहे हैं और उल्लघंन करने वाले अधिकारियों पर क्यों नही कारवाई की जाए इसको लेकर भी स्पष्टीकरण दिया जाए.