जोधपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल में विद्युतिकरण के बाद बिजली से रेलगाडियां दौडने लगीं हैं. लेकिन चोरों की रेलवे लाइन पर बिछाए गए तारों पर नजर पड गई. चोर जुगाड़ से 25 हजार किलोवाट के करंट दौडते 56 मीटर लंबी तार काट कर ले गए. घटना सात अप्रेल की पाली जिले के मारवाड जंक्शन के समीप पाली बोमादडा खंड की है. तार कटते ही बीच रास्ते में उस दिन कई ट्रेनें रूक गई. जिन्हें डीजल इंजन लगाकार रवाना करना पडा. पूरे मामले का आरपीएफ ने खुलासा कर दिया है. इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. खास बात यह है कि आरोपियों ने करंट के दौरान तार काटने का तरीका यूट्यूब पर खोजा. उसके बाद अपना जुगाड बनाया और इस घटना को अंजाम दिया है.
ऐसे हुआ खुलासा :आरपीएफ के प्रभारी सुभाष विश्नोई ने बताया कि सात अप्रैल की रात दो बजे इलेक्ट्रिक लाइन चोरी होने की जानकारी मिली थी. घटना के बाद मौका मुआयना के दौरान आस पास की झाड़ियों में कुछ सामान मिला. जिसे देखकर कर केबल चोरी होने का अंदाजा हुआ. इस सामान में लकड़ी का बांस, दो प्लास व कटर मिला. नजदीक में इलेक्ट्रिक ओएचई (ओवर हेड इलेक्ट्रिक) कॉपर केबल के टुकड़े मिले. जिसके बाद मौके पर आरपीएफ के जवान तैनात किए गए. घटना के अगले दिन कुछ लोग ये सामान लेने पहुंचे. जिन्हें आरपीएफ ने धर दबोचा.
पूछताछ में उन्होंने चारी की बात को कबूला. इधर दूसरी और आरपीएफ ने मौके पर मिले कटर व अन्य सामान की जानकारी इकट्ठा करने के लिए नजदीक के हार्डवेयर की दुकान से पता किया. जिससे एक बाद एक कडियां जुड़ती चली गई. आरपीएफ ने इस मामले में बाड़मेर के रावतसर गांव निवासी हरखाराम 32 पुत्र पूनमाराम जाट, पाली निवासी रमजान उर्फ साहिल 27 पुत्र दिलदार खां, फारूख 26 पुत्र शेरू खां, मूलत यूपी के गाजीपुर हाल परमात्मा 22 पुत्र बेजू चौहान को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके अलावा चोरी की केबल (तार) 32 हजार रूपए में खरीदने वाले पाली निवासी कबाडी मुकेश पुत्र टीकमचंद खटीक को भी गिरफ्तार किया है.
यूट्यूब से सीखा करंट के साथ तार काटना : आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि चोरों को पता था कि रेलवे की ओएचई केबल में हर समय 25 किलोवॉट करंट दौडता है. ऐसे में इसे काटना इतना आसान नहीं है. लेकिन उनको यह भी पता था कि तांबे की केबल काफी महंगी बिकती है. तो इंटरनेट पर सर्च किया. यूट्यूब उनको एक वीडियो मिला जिसमें चलते विद्युत प्रवाह के साथ तार काटना सीखा. उसके बाद उसके लिए सामान जुटाया. बाद में बोमदडा के पास की जगह चुनी जहां आस पास सिर्फ झाडियां और पत्थर थे. इसके अलावा इंटरनेट पर अपनी राशि दिन और समय भी चोरी के लिए सर्च किया.
बांस पर कटर लगाकर आपरेट किया : चोरों ने करंट चालू रहने के दौरान तार काटने के लिए जुगाड यूट्यूब देखकर तैयार किया. इसके लिए नया बांस खरीदा. उस पर पत्थर काटने वाला कटर फिट किया. बांस के सहारे तार नीचे लाए. जिसे एक बैट्री से जोडा गया. इतना ही नहीं तार के साथ एक स्वीच भी लगाया. जिससे जरूरत पडने पर ऑन ऑफ किया जा सके. साथ चोरों ने यह भी पता लगाया कि आधी रात के बाद दो घंटे तक उस ट्रेक पर ट्रेन का आना जाना नहीं होगा. इसके बाद इस चौंकाने वाली घटना को अंजाम दिया गया. बांस के सहारे कटर को केबल पर लगाया और स्वीच आन कर दिया. कुछ देर में ही कटर ने तार काट दिया. इसके बाद अगले हिससे को भी ऐसे ही काटा. फिर तार समेट कर ले गए और कबाडी को सुबह बेच कर 32 हजार रूपए कमा लिए.