जोधपुर. शिक्षा को लेकर बात हो रही हो और जिक्र सरकारी स्कूल का हो तो मन में जर्जर स्कूल बिल्डिंग और असुविधाओं की तस्वीर उभरकर सामने आती है. कई सरकारी स्कूलों में इस तरह के हालात देखने को मिल भी जाएंगे लेकिन जोधपुर के लूणी क्षेत्र के डोली गांव में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (Government Higher Secondary School doli become hightech) ने एक नजीर पेश की है. कल तक असुविधाओं से जूझते इस स्कूल की तकदीर और तस्वीर को स्कूल स्टाफ और भामाशाहों ने बदलकर रख दी है. आज ये स्कूल निजी स्कूल को भी मात दे रहा है.
विद्यालय में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से न केवल बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, बल्कि कंप्यूटर शिक्षा (Computer lab and smart class facility in GHSS doli) से लेकर बच्चों के लिए बेहतर फर्नीचर आदि के इंतजाम भी यहां हैं. हर कक्षा के बाहर स्कूली बच्चों के लिए शुद्ध पेयल का कैंपर रखा हुआ है. विद्यालय की इस बदली तस्वीर को देखकर हर कोई हैरान हो जाता है. एक बारगी यकीन ही नहीं होता है कि यह निजी स्कूल है या सरकारी.
पढ़ें. स्पेशल स्कूल : अजमेर में रेलगाड़ी वाला स्कूल, बच्चे 'शिक्षा ट्रेन' में पढ़ पाना चाहते हैं अपनी मंजिल
जोधपुर से से मात्र 20 किलोमीटर दूर लूणी क्षेत्र के गांव डोली में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक दौर ऐसा भी था जब सुविधाओं की कमी खलती थी लेकिन अपने क्षेत्र के इस स्कूल की तस्वीर को संवारने का बीड़ा स्थानीय भामाशाहों और स्कूल स्टाफ ने खुद उठाया और परिणाम आज देखने को मिल रहा है. विद्यालय परिसर में 25 कक्षा कक्ष हॉल, 20 कंप्यूटर सेट, बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर, पंखे आदि की व्यवस्था की गई है. विद्यालय के प्राचार्य रूपाराम पटेल ने बताया कि इस स्कूल में 890 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. स्कूल में भामाशाहों की मदद से अब तक विकास कार्य पर 1 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं. विद्यालय का मुख्य गेट आकर्षण का केंद्र हैं. वहीं विद्यालय में मुख्य गेट भामाशाहों की ओर से बनवाया गया है.
पढ़ाई में भी स्कूल के बच्चे नाम रोशन कर रहे
विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि स्कूल में कला वर्ग, विज्ञान, वाणिज्य वर्ग और कृषि संकाय की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. इसके साथ ही हर वर्ष दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा में विद्यालय के छात्र-छात्राएं मेरिट सूची में अपना वर्चस्व कायम रखते हुए गांव का नाम रोशन कर रहे हैं. इस स्कूल में आसपास के 20 गांव के बच्चे पढ़ने के लिए आ रहे हैं.
पढ़ें. ओम प्रसाद का प्रयास बना गांव के लिए प्रेरणा...हर कोई कर रहा तारीफ
स्कूल में लगेंगे 22 सीसीटीवी कैमरे
प्राचार्य रूपाराम पटेल ने बताया कि स्कूल में बेहतर मॉनिटरिंग के लिए 22 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इसके लिए पूर्व विद्यार्थी परिषद की ओर से 3.5 लाख रुपए खर्च की जाएगी. जिससे पूरे विद्यालय परिसर और कक्षा कक्ष में कैमरों की मदद से निगरानी रखी जाएगी. साथ ही पूर्व विद्यार्थी परिषद की ओर से समग्र शिक्षा योजना के तहत 76 हजार की राशि जमा करवाई गई है. विद्यालय में भामाशाहों ने लाखों रुपए खर्च कर साइकिल स्टैंड बनवा दिया. जिससे यहां आने वाले विद्यार्थियों को सुविधा मिल रही है.
पढ़ें. भरतपुरः सेवा और शिक्षा का मंदिर बना 'अपना घर आश्रम', स्मार्ट क्लास में होती है पढ़ाई
पूर्व विधायक ने लिया था विद्यालय को गोद
दरअसल कुछ वर्ष पूर्व तत्कालीन विधायक व भाजपा नेता कैलाश भंसाली ने डोली विद्यालय की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए कदम बढ़ाते हुए विद्यालय को गोद लिया था. उन्होंने विद्यालय में 4 हॉल का निर्माण भी करवाया था. आज उसी हॉल में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से बच्चों को हर रोज एलईडी के माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही है. पर्यावरण की बात की जाए तो पूरे विद्यालय परिसर में करीब एक हजार से अधिक पेड़-पौधे लगे हैं. पूरा विद्यालय परिसर हरा भरा दिखाई देता है.
प्रतियोगिता में भी आगे हैं बच्चे
विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताओं में दमखम दिखाया है. हाल ही में राज्य स्तरीय विज्ञान मेले में जोधपुर में डोली के चंद्रप्रकाश , प्रदीप , और योगेश सुथार का चयन राज्य स्तर पर किया गया. इसके अलावा प्रदेश की राजधानी जयपुर में आयोजित हुई क्लासिक डांस नृत्य में राज्य में प्रथम स्थान इस विद्यालय के अभिषेक भाटी ने हासिल किया है. आहोर में हुई राज्य स्तरीय जूडो खेलकूद प्रतियोगिता में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत छात्रा प्रियंका और संतोष का चयन किया गया.