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जोधपुर: JNVU में राजपूत समाज के छात्र नेताओं में दो फाड़, ABVP मुश्किल में - जोधपुर खबर

जय नारायण व्यास विश्विद्यालय में अलग-अलग समाज के छात्रों के बीच होने वाले इस चुनाव पर सभी की नजर टिकी है. इस बार एबीवीपी मुश्किलों में नजर आ रही है.

Student union election 2019, Rajput society torn, जोधपुर न्यूज स्टोरी
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Published : Aug 18, 2019, 7:50 PM IST

जोधपुर. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्र संघ चुनाव 2019 में जोधपुर के जेएनवीयू से अध्यक्ष पद के लिए त्रिवेंद्र पाल सिंह को टिकट दिया गया है जिसके बाद एबीवीपी से टिकट की चाह रखने वाले रविंद्र सिंह को टिकट ना देने पर उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अध्यक्ष पद पर खड़े होने की घोषणा कर दी है. वर्तमान में इसका उल्टा असर कहीं ना कहीं साफ तौर पर एबीवीपी को भुगतना पड़ सकता है.

एबीवीपी से टिकट ना मिलने पर निर्दलीय से खड़े हुए रविंद्र सिंह

छात्र संघ 2019 में चुनाव को लेकर जोधपुर जेएनवीयू में अध्यक्ष पद के लिए राजपूत समाज से दो छात्र नेता द्वारा अध्यक्ष पद की दावेदारी करने पर राजपूत समाज के छात्रों में भी दो गुट बनते दिखाई दे रहे है. एक गुट त्रिवेंद्र पाल सिंह को समर्थन कर रहा है तो वही दूसरा गुट रविंद्र सिंह के समर्थन में खड़ा हो गया है.

यह भी पढ़े: शिवराज सिंह चौहान का जयपुर दौरा... करेंगे नव सदस्य सम्मेलन को संबोधित

छात्र नेता रविन्द्र को एबीवीपी से टिकट ना मिलने पर उन्होंने आरोप लगाया है कि विपक्ष पार्टी के कुछ दलालो ने राजनीति हस्तक्षेप कर के एबीवीपी से कमजोर प्रत्याशी को खड़ा करवाया है. जिससे की एबीवीपी का प्रत्याशी जीत ना सके ओर इसका फायदा दूसरे संगठन को मिल सके.
कही ना कही देखा जाए तो राजपूत समाज के दो छात्रों का अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी करना दूसरे संगठन को सीधा फायदा पहुँचा सकता है, लेकिन अब देखना होगा कि सभी छात्र अपने छात्र नेता को चुनने के लिए किसका समर्थन करते है और किसे वोट देकर विजयी बनाते है.

जोधपुर. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्र संघ चुनाव 2019 में जोधपुर के जेएनवीयू से अध्यक्ष पद के लिए त्रिवेंद्र पाल सिंह को टिकट दिया गया है जिसके बाद एबीवीपी से टिकट की चाह रखने वाले रविंद्र सिंह को टिकट ना देने पर उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अध्यक्ष पद पर खड़े होने की घोषणा कर दी है. वर्तमान में इसका उल्टा असर कहीं ना कहीं साफ तौर पर एबीवीपी को भुगतना पड़ सकता है.

एबीवीपी से टिकट ना मिलने पर निर्दलीय से खड़े हुए रविंद्र सिंह

छात्र संघ 2019 में चुनाव को लेकर जोधपुर जेएनवीयू में अध्यक्ष पद के लिए राजपूत समाज से दो छात्र नेता द्वारा अध्यक्ष पद की दावेदारी करने पर राजपूत समाज के छात्रों में भी दो गुट बनते दिखाई दे रहे है. एक गुट त्रिवेंद्र पाल सिंह को समर्थन कर रहा है तो वही दूसरा गुट रविंद्र सिंह के समर्थन में खड़ा हो गया है.

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छात्र नेता रविन्द्र को एबीवीपी से टिकट ना मिलने पर उन्होंने आरोप लगाया है कि विपक्ष पार्टी के कुछ दलालो ने राजनीति हस्तक्षेप कर के एबीवीपी से कमजोर प्रत्याशी को खड़ा करवाया है. जिससे की एबीवीपी का प्रत्याशी जीत ना सके ओर इसका फायदा दूसरे संगठन को मिल सके.
कही ना कही देखा जाए तो राजपूत समाज के दो छात्रों का अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी करना दूसरे संगठन को सीधा फायदा पहुँचा सकता है, लेकिन अब देखना होगा कि सभी छात्र अपने छात्र नेता को चुनने के लिए किसका समर्थन करते है और किसे वोट देकर विजयी बनाते है.

Intro:जोधपुर जोधपुर संभाग के सबसे बड़े विश्वविद्यालय जय नारायण व्यास विश्विद्यालय में होने वाले छात्र संघ चुनाव पर पूरे प्रदेश की नजर रहती है। दो अलग अलग समाज के छात्रों के बीच होने वाले चुनाव पर सभी की नजर रहती है । लेकिन इस बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा अध्यक्ष पद के लिए त्रिवेंद्र पाल सिंह को अध्यक्ष पद का टिकट देने के बाद एबीवीपी संकट में दिखाई दे रही है। राजपूत समाज के टिकट को लेकर दो फाड़ हो गए है । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्र संघ चुनाव 2019 में जोधपुर के जेएनवीयू से अध्यक्ष पद के लिए त्रिवेंद्र पाल सिंह को टिकट दिया गया है जिसके बाद एबीवीपी से टिकट की चाह रखने वाले रविंद्र सिंह को टिकट ना देने पर उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अध्यक्ष पद पर खड़े होने की घोषणा कर दी।वर्तमान में इसका उल्टा असर कही का कही साफ तौर एबीवीपी को भुगतना पड़ सकता है ।


Body:छात्र संघ 2019 में चुनाव को लेकर जोधपुर जेएनवीयू में अध्यक्ष पद के लिए राजपूत समाज से 2 छात्र नेता द्वारा अध्यक्ष पद की दावेदारी करने पर राजपूत समाज के छात्रों में भी 2 गुट बनते दिखाई दे रहे है। एक गुट त्रिवेंद्र पाल सिंह को समर्थन कर रहा है तो वही दूसरा गुट रविंद्र सिंह के समर्थन में खड़ा हो गया है । छात्र नेता रविन्द्र को एबीवीपी से टिकट ना मिलने पर उन्होंने आरोप लगाया है कि विपक्ष पार्टी के कुछ दलालो ने राजनीति हस्तक्षेप कर के एबीवीपी से कमजोर प्रत्याशी को खड़ा करवाया है जिस से की एबीवीपी का प्रत्याशी जीत ना सके ओर इसका फायदा दूसरे संगठन को मिल सके। कही ना कही देखा जाए तो राजपूत समाज के 2 छात्रों का अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी करना दूसरे संगठन को सीधा फायदा पहुँचा सकता है । लेकिन अब देखना होगा कि सभी छात्र अपने छात्र नेता को चुनने के लिए किसका समर्थन करते है और किसे वोट देकर विजयी बनाते है।


Conclusion:बाईट रविंद्र सिंह निर्दलीय प्रत्याशी
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