भोपालगढ़. भोपालगढ़ कस्बे में स्थित एसपीएम कॉलेज बिजली को लेकर पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन गया है. इससे अब महाविद्यालय प्रबंधन को ना तो बिजली का बिल भरने का चिंता रहती है और ना ही बार-बार पावर कट होने की समस्या ही झेलनी पड़ती है. रूसा के तहत महाविद्यालय में सोलर पैनल लगाए जाने के बाद, यह संभव हो पाया है. जिसके चलते अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली पैदा की जाती है.
गौरतलब है कि भोपालगढ़ कस्बे के एसपीएम कॉलेज में लंबे समय से बिजली की समस्या थी. यहां पर कनेक्शन होने के बाद भी समय पर ना तो पूरी बिजली मिल पाती थी, ना ही पर्याप्त वोल्टेज में बिजली आती थी. ऐसे में महाविद्यालय के कंप्यूटर लैब और अन्य जरूरतों के हिसाब से बिजली नहीं मिल पाने के कारण पठन-पाठन में दिक्कतें सामने आती थी. यहां तक महाविद्यालय को बीएड संकाय में नया विद्युत कनेक्शन लेने के लिए भी मुश्किले सामने आई. जिसके बाद इन समस्याओं को देखते हुए महाविद्यालय की पूर्व रूसा कार्यक्रम प्रभारी व्याख्याता डॉ. रश्मि राजपाल ने रूसा योजना के तहत महाविद्यालय को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई.
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जिसके बाद राज्य सरकार से बजट राशि स्वीकृत हुई. सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना के तहत महाविद्यालय को 6 लाख 71 हजार 500 रूपए की राशि स्वीकृत हुई. जिसके बाद महाविद्यालय की ब्लॉक की छत पर सौर ऊर्जा के पैनल लगाए गए हैं. जिससे पैदा होने वाली बिजली से अब महाविद्यालय में सारे कामकाज संचालित होने लगे हैं. अब यहां न तो बिजली और न ही वोल्टेज कम-ज्यादा आने की कोई दिक्कत रही है.
बिजली बिल से भी मिली निजात
महाविद्यालय में सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने का काम शुरू किए जाने से जहां एक ओर पूरे वोल्टेज के साथ चौबीसों घंटे पूरी बिजली मिल पा रही है. वहीं दूसरी ओर बिजली आपूर्ति के बदले प्रतिमाह भरे जाने वाले बिजली बिल से भी अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली पैदा होने के बाद राहत मिल गई है.
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ऐसे में महाविद्यालय प्रबंधन को अब महीने के महीने बिजली का भारी भरकम बिल भी नहीं चुकाना पड़ता है. जबकि बिजली बिल के बदले बचने वाली राशि का उपयोग महाविद्यालय की अन्य गतिविधियों और विद्यार्थी हित में किया जाने लगा है. जिसके चलते महाविद्यालय के विकास की रफ्तार भी तेज हुई है.