ETV Bharat / state

स्पेशल: सौर ऊर्जा से रोशन हो रहा एसपीएम कॉलेज, बिजली बिल से छुटकारा - राजस्थान न्यूज

भोपालगढ़ के एसपीएम कॅालेज को बिजली बिल के भुगतान की झंझटों से अब नहीं गुजरना पड़ता है. उन्हें 24 घंटे बिजली मिलती है. कॉलेज की एक पहल ने उन्हें बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया है.

bhopalgarh news,  rajasthan news, भोपालगढ़ न्यूज, जोधपुर न्यूज
सौर ऊर्जा से बिजली की बिल से छुटकारा
author img

By

Published : Jan 29, 2020, 10:58 AM IST

भोपालगढ़. भोपालगढ़ कस्बे में स्थित एसपीएम कॉलेज बिजली को लेकर पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन गया है. इससे अब महाविद्यालय प्रबंधन को ना तो बिजली का बिल भरने का चिंता रहती है और ना ही बार-बार पावर कट होने की समस्या ही झेलनी पड़ती है. रूसा के तहत महाविद्यालय में सोलर पैनल लगाए जाने के बाद, यह संभव हो पाया है. जिसके चलते अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली पैदा की जाती है.

सौर ऊर्जा से बिजली की बिल से छुटकारा

गौरतलब है कि भोपालगढ़ कस्बे के एसपीएम कॉलेज में लंबे समय से बिजली की समस्या थी. यहां पर कनेक्शन होने के बाद भी समय पर ना तो पूरी बिजली मिल पाती थी, ना ही पर्याप्त वोल्टेज में बिजली आती थी. ऐसे में महाविद्यालय के कंप्यूटर लैब और अन्य जरूरतों के हिसाब से बिजली नहीं मिल पाने के कारण पठन-पाठन में दिक्कतें सामने आती थी. यहां तक महाविद्यालय को बीएड संकाय में नया विद्युत कनेक्शन लेने के लिए भी मुश्किले सामने आई. जिसके बाद इन समस्याओं को देखते हुए महाविद्यालय की पूर्व रूसा कार्यक्रम प्रभारी व्याख्याता डॉ. रश्मि राजपाल ने रूसा योजना के तहत महाविद्यालय को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई.

यह भी पढ़ें. आजादी 'काले पानी' से : ईटीवी भारत के कैंपेन का बड़ा असर, 650 करोड़ खर्च कर साफ होगा बुड्ढा नाला

जिसके बाद राज्य सरकार से बजट राशि स्वीकृत हुई. सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना के तहत महाविद्यालय को 6 लाख 71 हजार 500 रूपए की राशि स्वीकृत हुई. जिसके बाद महाविद्यालय की ब्लॉक की छत पर सौर ऊर्जा के पैनल लगाए गए हैं. जिससे पैदा होने वाली बिजली से अब महाविद्यालय में सारे कामकाज संचालित होने लगे हैं. अब यहां न तो बिजली और न ही वोल्टेज कम-ज्यादा आने की कोई दिक्कत रही है.

बिजली बिल से भी मिली निजात

महाविद्यालय में सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने का काम शुरू किए जाने से जहां एक ओर पूरे वोल्टेज के साथ चौबीसों घंटे पूरी बिजली मिल पा रही है. वहीं दूसरी ओर बिजली आपूर्ति के बदले प्रतिमाह भरे जाने वाले बिजली बिल से भी अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली पैदा होने के बाद राहत मिल गई है.

यह भी पढ़ें. बसंत पंचमी : सालों बाद बन रहा एक साथ 2 विशेष संयोग, इन बातों का रखें खास ध्यान....

ऐसे में महाविद्यालय प्रबंधन को अब महीने के महीने बिजली का भारी भरकम बिल भी नहीं चुकाना पड़ता है. जबकि बिजली बिल के बदले बचने वाली राशि का उपयोग महाविद्यालय की अन्य गतिविधियों और विद्यार्थी हित में किया जाने लगा है. जिसके चलते महाविद्यालय के विकास की रफ्तार भी तेज हुई है.

भोपालगढ़. भोपालगढ़ कस्बे में स्थित एसपीएम कॉलेज बिजली को लेकर पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन गया है. इससे अब महाविद्यालय प्रबंधन को ना तो बिजली का बिल भरने का चिंता रहती है और ना ही बार-बार पावर कट होने की समस्या ही झेलनी पड़ती है. रूसा के तहत महाविद्यालय में सोलर पैनल लगाए जाने के बाद, यह संभव हो पाया है. जिसके चलते अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली पैदा की जाती है.

सौर ऊर्जा से बिजली की बिल से छुटकारा

गौरतलब है कि भोपालगढ़ कस्बे के एसपीएम कॉलेज में लंबे समय से बिजली की समस्या थी. यहां पर कनेक्शन होने के बाद भी समय पर ना तो पूरी बिजली मिल पाती थी, ना ही पर्याप्त वोल्टेज में बिजली आती थी. ऐसे में महाविद्यालय के कंप्यूटर लैब और अन्य जरूरतों के हिसाब से बिजली नहीं मिल पाने के कारण पठन-पाठन में दिक्कतें सामने आती थी. यहां तक महाविद्यालय को बीएड संकाय में नया विद्युत कनेक्शन लेने के लिए भी मुश्किले सामने आई. जिसके बाद इन समस्याओं को देखते हुए महाविद्यालय की पूर्व रूसा कार्यक्रम प्रभारी व्याख्याता डॉ. रश्मि राजपाल ने रूसा योजना के तहत महाविद्यालय को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई.

यह भी पढ़ें. आजादी 'काले पानी' से : ईटीवी भारत के कैंपेन का बड़ा असर, 650 करोड़ खर्च कर साफ होगा बुड्ढा नाला

जिसके बाद राज्य सरकार से बजट राशि स्वीकृत हुई. सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना के तहत महाविद्यालय को 6 लाख 71 हजार 500 रूपए की राशि स्वीकृत हुई. जिसके बाद महाविद्यालय की ब्लॉक की छत पर सौर ऊर्जा के पैनल लगाए गए हैं. जिससे पैदा होने वाली बिजली से अब महाविद्यालय में सारे कामकाज संचालित होने लगे हैं. अब यहां न तो बिजली और न ही वोल्टेज कम-ज्यादा आने की कोई दिक्कत रही है.

बिजली बिल से भी मिली निजात

महाविद्यालय में सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने का काम शुरू किए जाने से जहां एक ओर पूरे वोल्टेज के साथ चौबीसों घंटे पूरी बिजली मिल पा रही है. वहीं दूसरी ओर बिजली आपूर्ति के बदले प्रतिमाह भरे जाने वाले बिजली बिल से भी अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली पैदा होने के बाद राहत मिल गई है.

यह भी पढ़ें. बसंत पंचमी : सालों बाद बन रहा एक साथ 2 विशेष संयोग, इन बातों का रखें खास ध्यान....

ऐसे में महाविद्यालय प्रबंधन को अब महीने के महीने बिजली का भारी भरकम बिल भी नहीं चुकाना पड़ता है. जबकि बिजली बिल के बदले बचने वाली राशि का उपयोग महाविद्यालय की अन्य गतिविधियों और विद्यार्थी हित में किया जाने लगा है. जिसके चलते महाविद्यालय के विकास की रफ्तार भी तेज हुई है.

Intro:भोपाल के एसपीएम कॉलेज खुद की बिजली स्वयं बनाने में बना आत्मनिर्भरBody:भोपालगढ़ के परसराम मदेरणा राजकीय महाविद्यालय बिजली में बना आत्मनिर्भर, ₹671500 से सोलर लाइट लगाई, बिजली कटौती से मिली निजात, भारी भरकम बिजली बिल से भी मिली राहतConclusion:SPECIAL-- खुद की बिजली खुद ही बना रहा भोपालगढ़ का एसपीएम कॉलेज
बिजली कटौती से मिली निजात
भोपालगढ़।
एक ओर जहां अधिकांश विभागों के सरकारी कार्यालयों में बिजली के बिल पेटे डिस्कॉम के लाखों रुपए बकाया हैं और डिस्कॉम की ओर से बार-बार लिखे जाने के बावजूद भी कई सरकारी कार्यालय बकाया बिजली के बिल नहीं भर पा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर भोपालगढ़ कस्बे में स्थित श्री परसराम मदेरणा राजकीय पीजी कॉलेज बिजली को लेकर पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन गया है। इससे अब महाविद्यालय प्रबंधन को ना तो बिजली का बिल भरने का चिंता रहती है और ना ही बार-बार पावर कट होने की समस्या ही झेलनी पड़ती है। यह सब संभव हो पाया है, रूसा के तहत महाविद्यालय में सोलर पैनल लगाए जाने के बाद। जिसके चलते अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली पैदा की जाती है और महाविद्यालय विद्युत आपूर्ति को लेकर पूरी तरह से आत्मनिर्भर भी बन गया है।
गौरतलब है कि भोपालगढ़ कस्बे के एसपीएम कॉलेज में लंबे समय से बिजली की समस्या थी। यहां पर कनेक्शन होने के बाद भी समय पर ना तो पूरी बिजली मिल पाती थी और ना ही पर्याप्त वोल्टेज आ पाते थे। ऐसे में महाविद्यालय के कंप्यूटर लैब व अन्य जरूरतों के हिसाब से बिजली नहीं मिल पाने के कारण दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता था। वहीं महाविद्यालय में शुरू हुए बीएड संकाय में नया विद्युत कनेक्शन लेने के लिए भी कॉलेज प्रबंधन को खासे पापड़ बेलने पड़े और तब कहीं जाकर बिजली कनेक्शन हो पाया था।
----सौर ऊर्जा से मिली राहत----
महाविद्यालय में आ रही बिजली की इन समस्याओं को देखते हुए महाविद्यालय की पूर्व में रूसा कार्यक्रम प्रभारी व्याख्याता डॉ. रश्मि राजपाल ने रूसा योजना के तहत महाविद्यालय को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई। जिसकी स्वीकृति 6 लाख 71 हजार 500 रुपये के बाद महाविद्यालय में रूसा से स्वीकृत बजट राशि से राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना के तहत महाविद्यालय में बने एक ब्लॉक की छत पर सौर ऊर्जा के पैनल लगाए गए हैं। जिससे पैदा होने वाली बिजली से अब महाविद्यालय में सारे कामकाज संचालित होने लगे हैं और न तो बिजली और न ही वोल्टेज कम-ज्यादा आने की कोई दिक्कत रही है।
---बिजली बिल से भी मिली निजात----महाविद्यालय में सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने का काम शुरू किए जाने से जहां एक ओर पूरे वोल्टेज के साथ चौबीसों घण्टे पूरी बिजली मिल पा रही है। वहीं दूसरी ओर बिजली आपूर्ति के बदले प्रतिमाह भरे जाने वाले बिजली बिल से भी अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली पैदा होने के बाद राहत मिल गई है। ऐसे में महाविद्यालय प्रबंधन को अब महीने के महीने बिजली का भारी भरकम बिल भी नहीं चुकाना पड़ता है। जबकि बिजली बिल के बदले बचने वाली राशि का उपयोग महाविद्यालय की अन्य गतिविधियों एवं विद्यार्थी हित में किया जाने लगा है। जिसके चलते महाविद्यालय के विकास की रफ्तार भी तेज हुई है।

बाईट-- भेराराम बेनीवाल, असिस्टेंट प्रोफेसर एसपीएम कॉलेज
बाईट-- राजेन्द्र जाखड़, विद्यार्थी,एसपीएम कॉलेज
बाईट-- मलकियत सिंह,प्राचार्य, एसपीएम कॉलेज भोपालगढ़
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.