जोधपुर. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी लेने के बाद एक बार फिर रोहित गोदारा का नाम चर्चा में है. गत वर्ष सीकर में हुए राजू ठेहट की हत्या की भी जिम्मेदारी रोहित ने ली थी. रोहित गोदारा पुलिस के लिए पहले भी चुनौती बना हुआ था, लेकिन अब बड़ी परेशानी बन गया है. बताया जा रहा है कि रोहित वर्तमान में संभवत कनाडा में लॉरेंस के सहयोगी गोल्डी बरार के साथ मिलकर सबकुछ ऑपरेट कर रहा है. पुलिस रोहित के घर बीकानेर के लूणकरणसर के कपूरीसर गांव तक गई, लेकिन कोई बड़ी सफलता नहीं मिली. घर के लोग उससे दूरी बना चुके हैं.
रोहित के खिलाफ राजस्थान में 33 मामले दर्ज हैं. बड़े कारोबारी रंगदारी के लिए उसकी गैंग के निशाने पर रहते हैं. सीकर में राजू ठेहट की हत्या के बाद जयपुर में एक क्लब पर फायरिंग में भी रोहित गोदारा का नाम आया था. यह सभी काम उसने लॉरेंस के इशारे पर किए. खास बात यह है कि लॉरेंस विश्नोई खुद लंबे समय से जेल मे हैं, लेकिन पुलिस और एनआईए की टीमें अभी उसका नेटवर्क नहीं तोड़ पाई हैं.
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बीकानेर का हिस्ट्रीशीटर बना लॉरेंस खास: रोहित गोदारा को बीकानेर का हिस्ट्रीशीटर घोषित किया गया है. बताया जा रहा है कि रोहित 2010 में अपराध की दुनिया में शामिल हुआ था. इन 13 सालों में 15 बार जेल जा चुका है. हर बार जमानत मिलती गई. जिसके चलते उसके हौसले बुलंद हो गए. लोगों से रंगदारी वसूलने के लिए धमकाने और फायरिंग करवाता था. जेल में उसका संपर्क लॉरेंस के गुर्गों से हुआ.
इसके बाद वह लॉरेंस का काम करने लगा और उसका खास बन गया. लॉरेंस जेल से अपने भाई अनमोल ओर रोहित के मार्फत काम करने लगा. रोहित की निशानदेही पर कनाडा से गोल्डी बरार विदेश से कॉल करवाता है. गत वर्ष जून में वह फर्जी पासपोर्ट पर दुबई भाग गया. इसके बाद वह अजरबैजान गया. वहां उसके एक बार पकड़े जाने की बात आई थी. इन दिनों उसके कनाडा में होने की बात सामने आ रही है. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है.
पुलिस वाले का बेटा पुलिस के लिए सरदर्द: 1992 में जन्मे लॉरेंस विश्नोइ के पिता पंजाब पुलिस में कांस्टेबल थे. परिवार पैसे वाला था. लॉरेंस जब पैदा हुआ, तो बहुत ज्यादा गौरा था. जिसके चलते मां ने उसका नाम लॉरेंस रखा, जिसका मतलब ब्राइट चमकता होता है. चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में लॉरेंस ने अपने आकर्षण से जोरदार पैठ बनाई. वहां स्टूडेंट इलेक्शन के लिए अपना ग्रुप बनाया, जिसका नाम रखा सोपू. लेकिन वह वहां चुनाव हार गया. जिसका बदला लेने के लिए उसने जीतने वालों से लड़ाई की. रिवाल्वर ली और फायरिंग भी की. उसके बाद वह धीरे-धीरे क्राइम की दुनिया में चला गया.
9 साल से जेल से चला रहा नेटवर्क: 9 साल पहले एक हत्या के मामले में लॉरेंस को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जेल में ही रहते हुए उसने अपना गैंग खड़ा किया. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान की जेलों में रहा. इस दौरान उसने अपना नेटवर्क बनाया. अपराधियों की आर्थिक मदद करके वह उनसे अपने काम करवाता है. इसके अलावा गैंग के किसी साथी की हत्या पर खुलेआम बदला लेने की नीति से उसका नेटवर्क मजबूत हो गया. 2017 में जोधपुर में उसने रंगदारी के लिए फायरिंग कर हत्या करवाई. उसके बाद राजस्थान में उसका नेटवर्क मजबूत हो गया. एनआईए गैंगेस्टर का नेटवर्क तोड़ने में लगी है.