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राजस्थान पुलिस का हेड कांस्टेबल ने किया सुसाइड, दो दिन पूर्व उनके बेटे उप प्रधान को पुलिस ने किया था गिरफ्तार - राजस्थान पुलिस का हेड कांस्टेबल चेनाराम आत्महत्या

राजस्थान पुलिस का हेड कांस्टेबल चेनाराम ने आज सुबह थाने में ही सुसाइड कर लिया है. इसके बाद से पुलिस प्रशासन सकते में हैं क्योंकि दो दिन पूर्व ही पुलिस ने उनके बेटे अर्थात तिंवरी के उप प्रधान खेमाराम को गिरफ्तार किया था. फिर बवाल होने पर रिहा किया था.

Chakhu Police Station, Phalodi
चाखू थाना फलोदी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 8, 2023, 11:44 AM IST

जोधपुर. नवनिर्मित फलोदी जिले के चाखू थाने के एक पुलिसकर्मी ने आज शुक्रवार सुबह थाना परिसर में ही सुसाइड कर लिया है. घटना सुबह साढे छह बजे की है. पानी के टांके से शव निकाला गया है. मृतक पुलिसकर्मी के परिजन चाखू पहुंचे हैं. हेड कांस्टेबल चेनाराम के शव को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा. फलोदी एसपी विनित बंसल ने बताया कि थाना परिसर के ओसियां के बाना का बास निवासी हेड कांस्टेबल चेनाराम ने आत्महत्या कर ली है. इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी. इधर इस घटना की जानकारी मिलते ही मृतक के पुत्र व तिंवरी पंचायत समिति के उपप्रधान खेमाराम सहित अन्य लोग चाखू के लिए रवाना हो गए. पुलिस अधीक्षक ​सहित अन्य अधिकारी भी थाने पहुंचे हैं. चाखू थानाधिकारी समरवीर सिंह ने ही उच्चाधिकारियों को इस घटना की सूचना दी थी. एसपी बंसल ने बताया कि ​अभी किसी तरह का सुसाइड नोट नहीं मिला है.

बता दें कि ओसियां विधानसभा के तिंवरी पंचायत समिति के उप प्रधान खेमाराम बाना ने सरकारी निर्माण कार्य के शिलापट्ट पर उसका नाम नहीं लिखे जाने का विरोध किया था. जिसके बाद पुलिस ने बीते बुधवार रात को उपप्रधान खेमाराम बाना को शांति भंग की धारा में गिरफ्तार किया था. उसके बाद ओसियां थाना के बाहर भाजपा के नेताओं ने विरोध जताया था. तब प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया था कि ओसियां के कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा के दबाव में पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की है. हालांकि भाजपाइयों के विरोध के मद्देनजर पुलिस ने उपखंड अधिकारी से जमानत करवाने की प्रक्रिया थाने में ही करवाकर खेमाराम को रिहा कर दिया था.

पढ़ें शिलापट्ट पर नाम नहीं लिखा, विरोध जताया तो उपप्रधान गिरफ्तार, देर रात थाने के बाहर हुआ हंगामा

ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने उपप्रधान पर कार्यक्रम का व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाया. जबकि ओसियां के पूर्व विधायक एवं संसदीय सचिव भैराराम सियोल ने कहा कि पुलिस विधायक के दबाव में कम कर रही है. उप प्रधान भी एक चुना हुआ प्रतिनिधि है. उसके गांव में निर्माण कार्य हुआ था. सरकारी प्रोटोकॉल के अनुसार गांव के सरपंच, पंचायत समिति, सदस्य जिला परिषद सदस्य के नाम शिलापट्ट पर लिखे जाएंगे. लेकिन विधायक ने सिर्फ अपना और अपने जिला प्रमुख का ही नाम लिखवाया. जिसका विरोध जताने पर विवाद हुआ पुलिस उप प्रधान को थाने लेकर चली गई.

जोधपुर. नवनिर्मित फलोदी जिले के चाखू थाने के एक पुलिसकर्मी ने आज शुक्रवार सुबह थाना परिसर में ही सुसाइड कर लिया है. घटना सुबह साढे छह बजे की है. पानी के टांके से शव निकाला गया है. मृतक पुलिसकर्मी के परिजन चाखू पहुंचे हैं. हेड कांस्टेबल चेनाराम के शव को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा. फलोदी एसपी विनित बंसल ने बताया कि थाना परिसर के ओसियां के बाना का बास निवासी हेड कांस्टेबल चेनाराम ने आत्महत्या कर ली है. इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी. इधर इस घटना की जानकारी मिलते ही मृतक के पुत्र व तिंवरी पंचायत समिति के उपप्रधान खेमाराम सहित अन्य लोग चाखू के लिए रवाना हो गए. पुलिस अधीक्षक ​सहित अन्य अधिकारी भी थाने पहुंचे हैं. चाखू थानाधिकारी समरवीर सिंह ने ही उच्चाधिकारियों को इस घटना की सूचना दी थी. एसपी बंसल ने बताया कि ​अभी किसी तरह का सुसाइड नोट नहीं मिला है.

बता दें कि ओसियां विधानसभा के तिंवरी पंचायत समिति के उप प्रधान खेमाराम बाना ने सरकारी निर्माण कार्य के शिलापट्ट पर उसका नाम नहीं लिखे जाने का विरोध किया था. जिसके बाद पुलिस ने बीते बुधवार रात को उपप्रधान खेमाराम बाना को शांति भंग की धारा में गिरफ्तार किया था. उसके बाद ओसियां थाना के बाहर भाजपा के नेताओं ने विरोध जताया था. तब प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया था कि ओसियां के कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा के दबाव में पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की है. हालांकि भाजपाइयों के विरोध के मद्देनजर पुलिस ने उपखंड अधिकारी से जमानत करवाने की प्रक्रिया थाने में ही करवाकर खेमाराम को रिहा कर दिया था.

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ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने उपप्रधान पर कार्यक्रम का व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाया. जबकि ओसियां के पूर्व विधायक एवं संसदीय सचिव भैराराम सियोल ने कहा कि पुलिस विधायक के दबाव में कम कर रही है. उप प्रधान भी एक चुना हुआ प्रतिनिधि है. उसके गांव में निर्माण कार्य हुआ था. सरकारी प्रोटोकॉल के अनुसार गांव के सरपंच, पंचायत समिति, सदस्य जिला परिषद सदस्य के नाम शिलापट्ट पर लिखे जाएंगे. लेकिन विधायक ने सिर्फ अपना और अपने जिला प्रमुख का ही नाम लिखवाया. जिसका विरोध जताने पर विवाद हुआ पुलिस उप प्रधान को थाने लेकर चली गई.

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