जोधपुर. शहर के प्रतिष्ठित उम्मेद क्लब में नाबालिग का वीडियो बनाने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं को निस्तारित करते हुए पीड़िता के बयानों के आधार पर मुख्य आरोपी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चालान पेश करने की अनुमति दी है. साथ ही चालान के लिए उसे हिरासत में नहीं लेने के निर्देश भी दिए हैं. वहीं अन्य आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कहा कि अनुसंधान के बाद अपराध सिद्ध नहीं हुआ है, उसके खिलाफ एफआर पेश की जाएगी.
जस्टिस पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की अदालत में मुख्य आरोपी आकाश चोपड़ा की ओर से पेश याचिका को सुनवाई के बाद निस्तारित करते हुए कहा कि (Video of Minor Taking shower in Umed Club) पुलिस के अनुसार तकनीकी आधार पर मामला सिद्ध नहीं हुआ है. लेकिन पीड़िता के बयान दर्ज हो चुके हैं, ऐसे में पुलिस ट्रायल के लिए कोर्ट में चालान पेश कर सकता है. लेकिन चालान के लिए आरोपी को हिरासत में लेने की आवश्यकता नहीं है. वह अपने जमानत बॉन्ड पेश कर सकता है.
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आरोपी की ओर से आवश्यक सहयोग किया जाएगा. यदि ऐसा नहीं होता है तो ट्रायल कोर्ट उसके खिलाफ कानूनी कारवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा. वहीं हंसराज बाहेती, दीपक भाटी व अर्पित मोदी की ओर से पेश याचिकाओं को भी निस्तारित कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस अनुसंधान के अनुसार अपराध सिद्ध नहीं हुआ है. सभी पक्षकार अपने-अपने उपाय करने के लिए स्वतंत्र रहेंगे.