जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को (Motor Vehicle Accident Claims Tribunal) निर्देश दिए हैं कि दो सप्ताह में हलफनामा और तालिका पेश कर बताएं कि राज्य में मोटर यान दुर्घटना दावा अधिकरणों में सभी श्रेणी के कितने पद स्वीकृत हैं. कोर्ट ने कहा कि निश्चित रूप से यह भी बताएं कि इन पदों की संख्या कितनी है और रिक्त पदों को सरकार कब तक भर देगी. मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल और न्यायाधीश रेखा बोराणा की खंडपीठ ने जिला अभिभाषक संघ बांसवाड़ा की जनहित याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश दिए.
याचिकाकर्ता संघ की ओर से अधिवक्ता रणजीत जोशी और अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि वर्ष 2016 में संघ के पत्र पर कोर्ट ने जनहित याचिका दायर कर नोटिस जारी किए थे, लेकिन छह साल बाद भी सिर्फ स्टेनोग्राफर और लेखाधिकारी ही नियुक्त किए गए हैं लेकिन वे भी सभी जगह पूर्ण रूप से नहीं भरे गए हैं. उन्होंने कहा कि अन्य श्रेणी के खाली पदों को भरने के वास्ते सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के प्रशासनिक आदेशों से श्रम न्यायालय और अन्य न्यायालयों को भी मोटर वाहन के लम्बित दावे हस्तांतरित कर दिए गए है, लेकिन वहां पर लेखाधिकारी और स्टेनोग्राफर तथा अन्य स्टाफ की नियुक्तियां नहीं की जा रही है, जिससे अधिकरण का काम सुचारु नहीं हो रहा है. राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह ने कहा कि हाईकोर्ट ने विभिन्न निर्देशों में सिर्फ स्टेनोग्राफर और लेखाधिकारी पद ही भरने का कहा था, जो अधिकांश जगह भर दिए गए हैं.
हाईकोर्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ सचिन आचार्य ने पैरवी की. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि दो सप्ताह में तालिका और शपथ पत्र पेश कर बताएं कि राज्य में मोटर यान दुर्घटना दावा अधिकरणों में विभिन्न श्रेणी के कितने पद स्वीकृत है और इनकी संख्या कितनी है।राज्य सरकार स्पष्ट रूप से बताएं कि रिक्त पदों को कब तक भर दिया जाएगा.