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कोर्ट ने आदेश की पालना नहीं करने पर अवमानना का दोषी माना, अगली सुनवाई पर हाजिर होने के आदेश - Marudhara Gramin Bank

राजस्थान हाईकोर्ट ने आदेश की पालना नहीं करने पर मरुधरा ग्रामीण बैंक जोधपुर के वर्तमान और दो सेवानिवृत अध्यक्षों को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं.

राजस्थान हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 3, 2024, 9:28 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस कुलदीप माथुर ने आदेश की अवहेलना करने पर प्रदेश के सबसे बड़े ग्रामीण बैंक राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक जोधपुर के वर्तमान और दो सेवानिवृत अध्यक्षों को अवमानना का दोषी मानते हुए अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं.

पूर्ववर्ती सभी अध्यक्ष अवमानना के दोषी : बैंक के ही अधिकारियों और कर्मचारियों की एसोसिएशन की ओर से दायर अवमानना याचिका पर अधिवक्ता नरपतसिंह चारण ने पैरवी करते हुए बताया कि वर्ष 2018 में हाईकोर्ट ने आदेश पारित कर प्रार्थीगण को साल 1992 से कम्प्यूटर वेतन वृद्धि के सेवा लाभ देने का निर्णय दिया था, जिसकी अनुपालना आज दिन तक बैंक ने नहीं की, जबकि इस निर्णय के खिलाफ बैंक की ओर से प्रस्तुत अपील और स्पष्टीकरण प्रार्थना पत्रों को भी हाईकोर्ट की खंडपीठ ने खारिज कर दिया था. ऐसी स्थिति में न केवल बैंक के वर्तमान अध्यक्ष बल्कि पूर्ववर्ती सभी अध्यक्ष अवमानना के दोषी हैं.

पढ़ें. अदालती दखल के बाद मिला पेंशन परिलाभ, हाईकोर्ट ने अब देरी पर दिलाया ब्याज

व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश: कोर्ट ने बैंक के जवाब को पूर्णतया विधि विरुद्ध और मनमाना मानते हुए दोनों पक्षों की बहस को सुनने के बाद वर्तमान अध्यक्ष मुकेश भारतीय और दो सेवानिवृत अध्यक्ष एसपी श्रीमाली और ज्ञानेन्द्र कुमार जैन को कोर्ट के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने का दोषी माना है. कोर्ट ने 18 जनवरी को दोपहर 2 बजे तीनों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश देते हुए कहा जानबूझकर आदेश की अनुपालना न करने के लिए दंडित किया जाए.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस कुलदीप माथुर ने आदेश की अवहेलना करने पर प्रदेश के सबसे बड़े ग्रामीण बैंक राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक जोधपुर के वर्तमान और दो सेवानिवृत अध्यक्षों को अवमानना का दोषी मानते हुए अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं.

पूर्ववर्ती सभी अध्यक्ष अवमानना के दोषी : बैंक के ही अधिकारियों और कर्मचारियों की एसोसिएशन की ओर से दायर अवमानना याचिका पर अधिवक्ता नरपतसिंह चारण ने पैरवी करते हुए बताया कि वर्ष 2018 में हाईकोर्ट ने आदेश पारित कर प्रार्थीगण को साल 1992 से कम्प्यूटर वेतन वृद्धि के सेवा लाभ देने का निर्णय दिया था, जिसकी अनुपालना आज दिन तक बैंक ने नहीं की, जबकि इस निर्णय के खिलाफ बैंक की ओर से प्रस्तुत अपील और स्पष्टीकरण प्रार्थना पत्रों को भी हाईकोर्ट की खंडपीठ ने खारिज कर दिया था. ऐसी स्थिति में न केवल बैंक के वर्तमान अध्यक्ष बल्कि पूर्ववर्ती सभी अध्यक्ष अवमानना के दोषी हैं.

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व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश: कोर्ट ने बैंक के जवाब को पूर्णतया विधि विरुद्ध और मनमाना मानते हुए दोनों पक्षों की बहस को सुनने के बाद वर्तमान अध्यक्ष मुकेश भारतीय और दो सेवानिवृत अध्यक्ष एसपी श्रीमाली और ज्ञानेन्द्र कुमार जैन को कोर्ट के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने का दोषी माना है. कोर्ट ने 18 जनवरी को दोपहर 2 बजे तीनों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश देते हुए कहा जानबूझकर आदेश की अनुपालना न करने के लिए दंडित किया जाए.

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