जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर शहर में बढ़ते अतिक्रमण एवं संकरी होती सड़कों के साथ सड़कों पर विचरण करने वाले पशुओं को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देशों के साथ अनुपालना रिपोर्ट मांगी है. हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर जोधपुर, पुलिस आयुक्त जोधपुर, आयुक्त नगर निगम उत्तर व दक्षिण के साथ आयुक्त जोधपुर विकास प्राधिकरण से संयुक्त रूप से कार्य योजना बनाकर समयबद्ध तरीके से पूरा करते हुए अनुपालना रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.
जस्टिस डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी व जस्टिस राजेन्द्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ के समक्ष स्व प्रेरणा से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. पिछले सुनवाई में दिए गए आदेशों एवं प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों को भी कोर्ट के समक्ष रखा गया. न्यायमित्र मोतीसिंह राजपुरोहित, भावित शर्मा व दीक्षित पंवार ने जोधपुर शहर के हालातों से कोर्ट को अवगत करवाया. शहर में सड़कों पर विचरण करने वाले पशुओं की वजह से होने वाले हादसों की जानकारी दी.
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वहीं कोर्ट के समक्ष सरकार की ओर से एएजी संदीप शाह, एएजी सुनील बेनीवाल, एएजी करणसिंह राजपुरोहित, निगम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश पंवार के सहयोगी आयुष गहलोत व जेडीए की ओर से रजत दवे मौजूद रहे. अब तक आवारा पशुओं, अतिक्रमण, सड़कें, हाथ ठेलों, अस्थायी एवं स्थाई अतिक्रमणों को लेकर जो कारवाई हुई, उससे अवगत करवाया.
सभी को सुनने के बाद कोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में कहा कि यह तय है कि शहर में कुछ पशु मालिक अपने पशुओं से दूध लेने के बाद उनको छोड़ देते हैं जो कि सड़कों पर विचरण करते हैं, जिनकी वजह से आए रोज सड़क पर हादसे होते हैं. यहां तक की आम आदमी सड़क पर पैदल चलने से भी डरता है. ऐसे मालिकों पर भारी जुर्माना लगाएं, ताकि बार-बार अपने पशुओं को सड़क पर ना छोड़ें.
कोर्ट ने यह भी कहा कि आमतौर पर देखा जा रहा है कि जोधपुर शहर के चारों ओर सड़कों के किनारे पर लम्बे समय से हाथ ठेले एवं केबिनों के जरिए अतिक्रमण किया गया है. जिससे फुटपाथ पर चलना भी आसान नहीं है. यहां तक कि अतिक्रमण की वजह से सड़कें संकरी होती जा रही है. भविष्य को देखते हुए सोच रखकर ही सड़कों का निर्माण किया जाए ताकि चौड़ी सड़कें हों और यातायात सुगम हो सके. केवल सड़कें चौड़ी बनाने से ही यातायात सुगम नहीं हो सकता है. वहां पर जब तक अतिक्रमण रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाएंगे, तब तक कुछ नहीं हो सकता है.
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कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि शहर में पार्किंग करने की भी समस्या सामने आ रही है. सड़कों पर ही अपने चौपहिया वाहन पार्क कर दिए जाते हैं जिससे सड़कों पर यातायात सुगम नहीं हो पाता है. समय-समय पर ऐसे वाहनों के खिलाफ भी कारवाई की जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि शहर को सुन्दर बनाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे. क्योंकि शहर को भविष्य की सोच के अनुसार ही सुन्दर बनाए ताकि शहर में सड़कों पर ना तो मानव जीवन खतरे में हो ना ही अतिक्रमण.
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कोर्ट ने कहा कि सभी अधिकारी आवश्यक रूप से संयुक्त रूप से अनुपालना करे अन्यथा कोर्ट को जुर्माना लगाने के लिए भी सोचना होगा. वो जुर्माना भी अधिकारियों से ही वसूला जाएगा. जोधपुर शहर की सार्वजनिक सड़कों पर अराजक स्थिति किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने जिला कलेक्टर जोधपुर, पुलिस आयुक्त जोधपुर, आयुक्त नगर निगम उत्तर व दक्षिण के साथ आयुक्त जोधपुर विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए विशेषकर नगर निगम को आवश्यक रूप से अनुपालना करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि तत्काल उचित कदम उठाने आवश्यक है. कोर्ट ने 5 फरवरी, 2024 को अगली सुनवाई मुकरर्र की है.