जोधपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में निर्वाचन विभाग और प्रदेश के सभी दल जोर-शोर से तैयारी में जुटे हुए हैं. जहां एक ओर सत्ताधारी दल कांग्रेस सरकार रिपीट का मिशन लेकर चल रही है. वहीं विपक्षी पार्टी भाजपा भी कुर्सी को वापस पाने की कोशिशों में जुटी है. इस बीच इन पांच साल में कई विधानसभा क्षेत्रों में बढ़े नए मतदाता सियासी समीकरण को प्रभावित करने की स्थिति में आ गए हैं. खास बात यह है कि पिछले चुनाव में जिन विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों के जीत-हार का अंतर 10 हजार से कम रहा, वहां बढ़े हुए मतदाता राजनीतिक समीकरणों को बदलने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.
बता दें कि जोधपुर जिले में निर्वाचन विभाग ने नई मतदाता सूचियां जारी कर दी है, हालांकि अभी नामांकन तक नाम जोड़े जा सकते हैं. ऐसे में नए मतदाताओं की संख्या में ओर अधिक बढ़ोतरी होने की संभावना है. इस बार चुनाव में जिले की दस विधानसभा सीटों पर कुल 27 लाख 20 हजार 528 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. इनमें 12 लाख 98 हजार 207 महिलाएं और 14 लाख 22 हजार 267 पुरुष मतदाता हैं. इनके अलावा 54 ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं. 2018 से अब तक कुल 2 लाख 61 हजार 192 नए मतदाता इस सूची में शामिल हुए हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि दस में से पांच विधानसभा क्षेत्रों में नए मतदाताओं की बढ़ोतरी गत चुनाव के प्रत्याशियों की हार-जीत के आंकड़ों के मुकाबले दो-तीन गुना से भी ज्यादा है. इनमें लूणी व लोहावट विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि हुई है.
माहौल देखकर वोट करते हैं नए मतदाता : बढ़े हुए मतदाता कई उम्मीदवारों के हार-जीत के समीकरणों को बदल सकते हैं. क्योंकि देखा गया है कि नए मतदाता माहौल देखकर ही मतदान करते हैं. गत चुनाव में जोधपुर की दस सीटों में से सात में कांग्रेस, दो में बीजेपी व एक पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का उम्मीदवार विजयी हुआ था. इनमें सूरसागर, लूणी, बिलाड़ा, फलौदी व भोपालगढ़ के परिणाम में जीत-हार का अंतर दस हजार वोटों से भी कम था. नए मतदाता के रूप में यहां बढ़ोतरी दो से तीन गुना हुई है. इसके अलावा ओसियां, शेरगढ़, लोहावट व सरदारपुरा में जीत के अंतर से थोड़े कम या ज्यादा मतदाता बढ़े हैं. वहीं, शहर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम मतदाता बढ़े हैं. जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि अभी भी फार्म 6 व 8 के माध्यम से नाम जुड़वाए जा सकते हैं.