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Rajasthan Assembly Election 2023: दिव्या मदेरणा, हरीश चौधरी के बाद अब ज्योति मिर्धा से भी पार पाना होगा हनुमान बेनीवाल को - Jyoti Mirdha entry in BJP intensifies Jat politics

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में नागौर, जोधपुर और बाड़मेर में जाट वोटों को लेकर समीकरण दिलचस्प हो गए हैं. यहां दिव्या मदेरणा, हरीश चौधरी के बाद अब ज्योति मिर्धा के रूप में आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल को चुनौती मिलने वाली है.

New challenge for Hanuman Beniwal
मारवाड़ में जाट राजनीति
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 23, 2023, 8:29 PM IST

मारवाड़ में हनुमान के सामने अब जाट ही बनेंगे चुनौती...

जोधपुर. विधानसभा चुनाव को लेकर लंबे समय से अपनी पार्टी के दम पर मारवाड़ में जाट बेल्ट को साधने में जुटे हनुमान बेनीवाल के लिए राह इतनी आसान नजर नहीं आ रही है. खासतौर से नागौर, जोधपुर व बाड़मेर पर फोकस कर रहे बेनीवाल के लिए नागौर से ज्योति मिर्धा के कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन करने के बाद से हर जगह पर मोर्चे खुल गए हैं. ज्योति मिर्धा के भाजपा में जाने से बेनीवाल के लिए खुद के घर में ही बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. ज्योति मिर्धा नागौर में जाटों को गोलबंद करने में जुट गई हैं. इसी तरह से जोधपुर में दिव्या मदेरणा भी जुटी हैं.

ज्योति मिर्धा के भाजपा में जाने के बाद हरीश चौधरी भी हमलावर हो गए: हनुमान बेनीवाल को अपने गृह जिले नागौर में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में सीधी चुनौती मिलेगी. क्योंकि जाट लैंड में भाजपा के पास इस बार बड़ा चेहरा ज्योति मिर्धा भी है. जिसे 2014 बेनीवाल ने बीजेपी के समर्थन से ही नागौर से ज्योति मिर्धा हराया था. इस बार वह साफ शब्दों में कह रही है कि बिना समर्थन के मैदान में आकर दिखाओ. इतना ही नहीं ज्योति मिर्धा साफ कह रही है कि कांग्रेस हमारे नेताओं को खत्म करने में लगी हुई है. भाजपा की परिवर्तन यात्रा में तो ज्योति मिर्धा ने जमकर आरएलपी के चुने विधायक सीटों पर प्रचार कर बेनीवाल की नीति और नीयति पर सवाल उठाते हुए हमले किए थे.

पढ़ें: 70 साल से कांग्रेस के साथ बंधा जाट समाज चाहता अपना हक, मुख्यमंत्री के रूप में इस बार मिले यह अधिकार

ओसियां में भी होगी रोचक जंग: हनुमान बेनीवाल यूं तो सर्वाधिक प्रदेश की एससी आरक्षित सीटों पर फोकस कर रहे हैं, जहां जाट निर्णायक हैं. इनमें मारवाड़ में मेडता व भोपागलढ़ से उनके दो विधायक हैं. मदेरणा परिवार से चल रही खींचतान के चलते लंबे समय से कह रहे हैं कि ओसियां में इस बार हिसाब बराबर करना है. वहीं दूसरी और ओसियां की विधायक दिव्या मदेरणा कह रही हैं कि मैने पूरी किलेबंदी कर रखी है. कोई यहां घुस नहीं सकता. ऐसे में ओसियां में इस बार बेहद तगड़ा त्रिकोणीय मुकाबला होगा. ओसियां की तरह ही खिंवसर, नागौर, बायतू, ओसियां जैसी जाट बाहुल्य सीटों पर जाट उम्मीदवारों से फाइट से बेनीवाल की ताकत सामने आएगी.

पढ़ें: Rajasthan Assembly Election 2023 : चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, जाट नेता नाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा ने थामा भाजपा का दामन

हरीश को हराने में जुटे हनुमान: बायतू से विधायक हरीश चौधरी और हनुमान बेनीवाल के बीच जो टकराव है उससे हर कोई वाकिफ है. गत चुनाव में भी बायतू में हरीश चौधरी के सामने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मेदाराम बेनीवाल को उतारा था. भाजपा तीसरे नंबर पर रही थी. इस बार भी बेनीवाल, हरीश चौधरी के सामने उतरने को तैयार हैं. बेनीवाल भी जोर-शोर से इस प्रयास में हैं कि हरीश चौधरी को इस बार हरा दें.

मारवाड़ में हनुमान के सामने अब जाट ही बनेंगे चुनौती...

जोधपुर. विधानसभा चुनाव को लेकर लंबे समय से अपनी पार्टी के दम पर मारवाड़ में जाट बेल्ट को साधने में जुटे हनुमान बेनीवाल के लिए राह इतनी आसान नजर नहीं आ रही है. खासतौर से नागौर, जोधपुर व बाड़मेर पर फोकस कर रहे बेनीवाल के लिए नागौर से ज्योति मिर्धा के कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन करने के बाद से हर जगह पर मोर्चे खुल गए हैं. ज्योति मिर्धा के भाजपा में जाने से बेनीवाल के लिए खुद के घर में ही बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. ज्योति मिर्धा नागौर में जाटों को गोलबंद करने में जुट गई हैं. इसी तरह से जोधपुर में दिव्या मदेरणा भी जुटी हैं.

ज्योति मिर्धा के भाजपा में जाने के बाद हरीश चौधरी भी हमलावर हो गए: हनुमान बेनीवाल को अपने गृह जिले नागौर में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में सीधी चुनौती मिलेगी. क्योंकि जाट लैंड में भाजपा के पास इस बार बड़ा चेहरा ज्योति मिर्धा भी है. जिसे 2014 बेनीवाल ने बीजेपी के समर्थन से ही नागौर से ज्योति मिर्धा हराया था. इस बार वह साफ शब्दों में कह रही है कि बिना समर्थन के मैदान में आकर दिखाओ. इतना ही नहीं ज्योति मिर्धा साफ कह रही है कि कांग्रेस हमारे नेताओं को खत्म करने में लगी हुई है. भाजपा की परिवर्तन यात्रा में तो ज्योति मिर्धा ने जमकर आरएलपी के चुने विधायक सीटों पर प्रचार कर बेनीवाल की नीति और नीयति पर सवाल उठाते हुए हमले किए थे.

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ओसियां में भी होगी रोचक जंग: हनुमान बेनीवाल यूं तो सर्वाधिक प्रदेश की एससी आरक्षित सीटों पर फोकस कर रहे हैं, जहां जाट निर्णायक हैं. इनमें मारवाड़ में मेडता व भोपागलढ़ से उनके दो विधायक हैं. मदेरणा परिवार से चल रही खींचतान के चलते लंबे समय से कह रहे हैं कि ओसियां में इस बार हिसाब बराबर करना है. वहीं दूसरी और ओसियां की विधायक दिव्या मदेरणा कह रही हैं कि मैने पूरी किलेबंदी कर रखी है. कोई यहां घुस नहीं सकता. ऐसे में ओसियां में इस बार बेहद तगड़ा त्रिकोणीय मुकाबला होगा. ओसियां की तरह ही खिंवसर, नागौर, बायतू, ओसियां जैसी जाट बाहुल्य सीटों पर जाट उम्मीदवारों से फाइट से बेनीवाल की ताकत सामने आएगी.

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हरीश को हराने में जुटे हनुमान: बायतू से विधायक हरीश चौधरी और हनुमान बेनीवाल के बीच जो टकराव है उससे हर कोई वाकिफ है. गत चुनाव में भी बायतू में हरीश चौधरी के सामने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मेदाराम बेनीवाल को उतारा था. भाजपा तीसरे नंबर पर रही थी. इस बार भी बेनीवाल, हरीश चौधरी के सामने उतरने को तैयार हैं. बेनीवाल भी जोर-शोर से इस प्रयास में हैं कि हरीश चौधरी को इस बार हरा दें.

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