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Rajasthan Assembly Election 2023 : एससी, जाट और अल्पसंख्यक गठजोड़ बनाने में जुटे हनुमान बेनीवाल, ये है रणनीति

राजस्थान विधानसभा चुनाव में आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल एससी, जाट और अल्पसंख्यक पर विशेष फोकस कर रहे हैं, ताकि इनके जरिए बेनीवाल चुनाव में अपनी सीटें बढ़ा सकें.

MP Hanuman Beniwal
MP Hanuman Beniwal
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 30, 2023, 4:53 PM IST

एससी, जाट और अल्पसंख्यक गठजोड़ बनाने में जुटे हनुमान बेनीवाल.

जोधपुर. आगामी विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर सासंद हनुमान बेनीवाल का सर्वाधिक फोकस जाट बाहुल्य सामान्य सीटों से ज्यादा अनुसूचित जाति वाले सीटों पर होगा. साथ ही वे अल्पसंख्यकों को भी साधने में जुटे हैं. बेनीवाल ओबीसी के नाम पर किसान, अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति के साथ मिलकर नया फैक्टर बनाने की तैयारी में हैं, जिससे वे इस चुनाव में अपनी सीटें और मत बढ़ा सकें.

सुरक्षित और अल्पसंख्यक प्रभावी सीटें राडार पर: सालासार से सत्ता संकल्प यात्रा की शुरुआत में बेनीवाल ने कहा कि ओबीसी किसान वर्ग, अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति एक साथ आ गए तो सत्ता प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता. बेनीवाल के इस फार्मूले की वजह भी यह है कि गत चुनाव में उन्होंने जाट बाहुल्य एससी सीटों पर उनके उम्मीदवार प्रभावी साबित हुए थे और उन्होंने दो सीटें भी जीती थी. सफलता उनको सिर्फ मारवाड़ में ही मिली, लेकिन इस बार मारवाड़ के साथ-साथ शेखावाटी और जयपुर जिले की सुरक्षित और अल्पसंख्यक प्रभावी सीटें उनके राडार पर हैं.

पढ़ें. Rajasthan Assembly Elections 2023 : बेनीवाल का जाट कनेक्शन, हनुमान बोले- नेताओं ने लोगों को बांटा, मैं एक कर रहा हूं

इसलिए एससी सीटों पर नजर : 2018 में बेनीवाल ने कुल 56 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उनको सर्वाधिक मत जाट बाहुल्य एससी सीटों पर ही मिले. ऐसी सीटों पर जाटों ने कांग्रेस और भाजपा की जगह आरएलपी के पक्ष में मतदान किया था. एक दर्जन सुरक्षित सीटों पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार के मत पांच अंकों में थे, जबकि नागौर की मेड़ता और जोधपुर की भोपागलढ़ सीट पर रालोपा के उम्मीदवार विजयी हुए थे. अधिकांश सीटों पर तीसरे नंबर पर प्रत्याशी रहे थे.

इन सुरक्षित सीटों पर रहा अच्छा प्रदर्शन : पिछले विधानसभा चुनाव में नागौर की जायल सीट पर रालोपा उम्मीदवार को 49265 मत मिले थे और दूसरे नंबर पर रहे थे. जोधपुर की बिलाड़ा सीट पर 37252, बाड़मेर की चौहटन सीट पर 23795, चित्तौड़गढ़ की कपासन सीट पर 27231, जयपुर की दूदू सीट पर 18795, बगरू सीट पर 15728, चाकसू सीट पर 16665 मत मिले थे. इसी प्रकार बिकानेर की खाजूवाला सीट पर 9742 और कठूमर सीट पर 10714 मत रालोपा उम्मीदवार को मिले. इसके अलावा 2021 के उपचुनाव में सुजानगढ़ सुरक्षित सीट पर उनके उम्मीदवार को 32 हजार से अधिक मत मिले थे.

पढ़ें. Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल पर हनुमान बेनीवाल ने कही यह बड़ी बात

सामान्य सीटें, जिन पर रहेगी नजर : जोधपुर के लूणी में गत चुनाव में 30 हजार से अधिक मत रालोपा के उम्मीदवार को मिले थे. इसी तरह से बाड़मेर में बायतू सीट से कांग्रेस की टक्कर ही बेनीवाल के उम्मीवार से हुई थी. इसी तरह से नागौर में लाडनूं, उपचुनाव में सरदारशहर सीट पर भी अच्छा प्रदर्शन हुआ था, जिसके चलते इस बार बेनीवाल का फोकस नागौर के अलावा जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली, जालौर, बीकानेर, सीकर, चूरू, जयपुर, झुंझुनू और हनुमानगढ़ जिले की सुरक्षित सीटों के साथ ही सामान्य सीटों पर है.

एससी, जाट और अल्पसंख्यक गठजोड़ बनाने में जुटे हनुमान बेनीवाल.

जोधपुर. आगामी विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर सासंद हनुमान बेनीवाल का सर्वाधिक फोकस जाट बाहुल्य सामान्य सीटों से ज्यादा अनुसूचित जाति वाले सीटों पर होगा. साथ ही वे अल्पसंख्यकों को भी साधने में जुटे हैं. बेनीवाल ओबीसी के नाम पर किसान, अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति के साथ मिलकर नया फैक्टर बनाने की तैयारी में हैं, जिससे वे इस चुनाव में अपनी सीटें और मत बढ़ा सकें.

सुरक्षित और अल्पसंख्यक प्रभावी सीटें राडार पर: सालासार से सत्ता संकल्प यात्रा की शुरुआत में बेनीवाल ने कहा कि ओबीसी किसान वर्ग, अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति एक साथ आ गए तो सत्ता प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता. बेनीवाल के इस फार्मूले की वजह भी यह है कि गत चुनाव में उन्होंने जाट बाहुल्य एससी सीटों पर उनके उम्मीदवार प्रभावी साबित हुए थे और उन्होंने दो सीटें भी जीती थी. सफलता उनको सिर्फ मारवाड़ में ही मिली, लेकिन इस बार मारवाड़ के साथ-साथ शेखावाटी और जयपुर जिले की सुरक्षित और अल्पसंख्यक प्रभावी सीटें उनके राडार पर हैं.

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इसलिए एससी सीटों पर नजर : 2018 में बेनीवाल ने कुल 56 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उनको सर्वाधिक मत जाट बाहुल्य एससी सीटों पर ही मिले. ऐसी सीटों पर जाटों ने कांग्रेस और भाजपा की जगह आरएलपी के पक्ष में मतदान किया था. एक दर्जन सुरक्षित सीटों पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार के मत पांच अंकों में थे, जबकि नागौर की मेड़ता और जोधपुर की भोपागलढ़ सीट पर रालोपा के उम्मीदवार विजयी हुए थे. अधिकांश सीटों पर तीसरे नंबर पर प्रत्याशी रहे थे.

इन सुरक्षित सीटों पर रहा अच्छा प्रदर्शन : पिछले विधानसभा चुनाव में नागौर की जायल सीट पर रालोपा उम्मीदवार को 49265 मत मिले थे और दूसरे नंबर पर रहे थे. जोधपुर की बिलाड़ा सीट पर 37252, बाड़मेर की चौहटन सीट पर 23795, चित्तौड़गढ़ की कपासन सीट पर 27231, जयपुर की दूदू सीट पर 18795, बगरू सीट पर 15728, चाकसू सीट पर 16665 मत मिले थे. इसी प्रकार बिकानेर की खाजूवाला सीट पर 9742 और कठूमर सीट पर 10714 मत रालोपा उम्मीदवार को मिले. इसके अलावा 2021 के उपचुनाव में सुजानगढ़ सुरक्षित सीट पर उनके उम्मीदवार को 32 हजार से अधिक मत मिले थे.

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सामान्य सीटें, जिन पर रहेगी नजर : जोधपुर के लूणी में गत चुनाव में 30 हजार से अधिक मत रालोपा के उम्मीदवार को मिले थे. इसी तरह से बाड़मेर में बायतू सीट से कांग्रेस की टक्कर ही बेनीवाल के उम्मीवार से हुई थी. इसी तरह से नागौर में लाडनूं, उपचुनाव में सरदारशहर सीट पर भी अच्छा प्रदर्शन हुआ था, जिसके चलते इस बार बेनीवाल का फोकस नागौर के अलावा जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली, जालौर, बीकानेर, सीकर, चूरू, जयपुर, झुंझुनू और हनुमानगढ़ जिले की सुरक्षित सीटों के साथ ही सामान्य सीटों पर है.

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