जोधपुर. जोधपुर मुख्य रेलवे स्टेशन परिसर स्थित नगर निगम के दुकानों के आगे रेलिंग लगाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. हालांकि व्यापारी डेढ़ माह पहले जब रेलिंग लगी थी तब से ही विरोध में दुकानें बंद कर रखे हैं लेकिन अब नगर निगम ने इस मामले में पहल करते हुए हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा है.
सोमवार को निगम और जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा की दुकानों के आगे की जगह नगर निगम की है. व्यापारियों का कहना है कि रेलवे ने हमारी दुकानों का आगे रेलिंग लगाकर उनका व्यापार बंद कर दिया है. रेलिंग लगी रहेगी तो उनको व्यापार में घाटा होगा.
दरअसल जोधपुर के मुख्य रेलवे स्टेशन के प्रवेश के साथ ही दाएं भाग की तरफ करीब 30 दुकानें हैं जहां अच्छी खासी भीड़ रहती थी. लेकिन रेलवे ने हाल ही में इस परिसर के फर्श का सीमेंट कराया तो उसके बाद रातों-रात रेलिंग लगा दी तब से यह मामला उलझ गया.
व्यापारी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे तो हाईकोर्ट ने नगर निगम को भी तलब किया. नगर निगम खुल कर व्यापारियों के पक्ष में आ गया है. निगम ने कोर्ट में कहा है कि जमीन नगर निगम की है तो रेलवे को अधिकार नहीं है कि उस पर रेलिंग लगाएं. अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में हाई कोर्ट मामले में क्या फैसला देता है.
रेलवे सूत्रों का कहना है कि इन दुकानों के परिसर की तरफ द्वार खुलने से इतनी ज्यादा गंदगी हो जाती थी. जिसके चलते रेलवे को हमेशा शर्मसार होना पड़ता था यही वजह है कि जोधपुर रेलवे ने दुकानों के आगे रेलिंग लगा दी. जिससे कि कोई गंदगी परिसर में नहीं हो सके, लेकिन अगर हाईकोर्ट में रेलिंग हटाने के आदेश दे दिए तो रेलवे की स्वच्छता की मुहिम को कड़ा झटका लगेगा.