जयपुर: ग्रेटर नगर निगम 7वीं साधारण सभा की बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई. सदन में बिना किसी प्रस्ताव पर चर्चा हुए ही हंगामा के चलते सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित किया गया. पहले कांग्रेसी पार्षदों ने काली पट्टी बांध शहर की बिगड़ी हुई सफाई व्यवस्था और नगर निगम के एकीकरण का विरोध जताया. इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद वेल में आमने-सामने हो गए और जमकर हंगामा हुआ. बाद में बीजेपी बोर्ड में ही सफाई समिति के अध्यक्ष रामस्वरूप मीणा और बीजेपी पार्षद श्रावणी देवी ने जगतपुरा जोन क्षेत्र में गलत तरीके से पट्टा देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर वेल में मेयर के सामने डटे रहे, जिनकी बात सुनने के लिए आधे घंटे सदन स्थगित किया गया.
ग्रेटर नगर निगम की सोमवार को दोपहर 1 बजे शुरू होनी वाली बैठक 1:36 पर शुरू हुई. हालांकि, मेयर के सदन में पहुंचने से पहले सांसद मंजू शर्मा यहां पहुंचीं और विधायक-सांसद के बैठने की जगह पर गंदगी को लेकर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा- यहां बहुत ज्यादा धूल मिट्टी है. इस पर कमिश्नर रुक्मणी रियाड़ ने इसे जल्द साफ करवाने के निर्देश दिए. वहीं, सदन को कार्रवाई शुरू होने पर पहले दिवंगत राजनेताओं और हस्तियों को श्रद्धांजलि देते हुए, सदन 15 मिनट के लिए स्थगित किया गया. इस दौरान कांग्रेस के पार्षद कर्ण शर्मा ने मिठाई के डिब्बे में कुछ कचरा भरकर मेयर की टेबल पर रख दिया और कहा कि ये मिठाई जनता ने आपके लिए भिजवाई है.
इसके बाद जैसे ही सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो काली पट्टी बांधकर सदन में पहुंचे कांग्रेसी पार्षदों ने शहर की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए महापौर के खिलाफ पोस्टर लहराए और वैल में उतर गए. इस पर बीजेपी पार्षदों ने उनका विरोध किया और वेल में आमने-सामने हो गए. इस दौरान हुई धक्का मुक्की में नोटिंग अधिकारियों की कुर्सियां भी गिर गई. जैसे-तैसे कांग्रेस के पार्षद शांत होकर अपनी सीट पर बैठे, तो सफाई समिति के अध्यक्ष रामस्वरूप मीणा और पार्षद श्रावणी देवी सहित कुछ निर्दलीय पार्षद वैल में उतर गए और यहां जमकर हंगामा करते हुए सदन की कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ने दिया.
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बीजेपी पार्षदों ने उन्हें समझाने के लिए कई बार प्रयास किया. उनके हाथ में जो पोस्टर थे उन्हें भी फाड़ दिया, लेकिन वो अपनी बात पर अड़े रहे. रामस्वरूप मीणा वेल में ही दंडवत होकर जगतपुरा जोन क्षेत्र में गलत तरीके से पट्टा देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे, जिनकी बात सुनने के लिए सदन की कार्रवाई को 1 घंटे के अंदर ही दूसरी बार स्थगित कर दिया गया.
आपको बता दें कि इस बैठक में 23 प्रस्ताव रखे गए हैं. इसमें ज्यादातर प्रस्ताव उन कार्यों की टेंडर और वित्तीय स्वीकृति लेने के है, जिनके काम साल 2023 और 2024 में किए जा चुके हैं. इसके अलावा सबसे चर्चित प्रस्ताव नगर निगम की संचालन समितियों के चेयरमैन और सदस्यों सहित उनके कार्य संचालन पर चर्चा का है. चर्चा है कि इस प्रस्ताव के जरिए मेयर सौम्या गुर्जर वर्तमान में संचालन समितियों के तमाम अध्यक्षों और उनके सदस्यों में बदलाव करवाना चाहती हैं. इस प्रस्ताव पर सदन में पक्ष के लोग ही दोबारा हंगामा कर सकते हैं.