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जोधपुर : विवाह की 'दोबारा' अनुमति के लिए लगीं कतारें...अब नगर निगम उपायुक्त से ली जा सकती है परमीशन - Corona period side effects

जोधपुर में लोगों को बार-बार बदली जा रही कोरोनागाइड लाइन के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिनके घरों में शादी है और जो पहले ही विवाह की परमीशन ले चुके थे, वे भी सब काम छोड़ कर कलेक्ट्रेट की कतारों में लग रहे हैं. यहां भीड़ और अव्यवस्था होने पर नगर निगम के उपायुक्त कार्यालयों को यह अधिकार दिया गया कि वे विवाह समारोहों की अनुमति दे सकें.

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जोधपुर कलेक्ट्रेट परिसर में लोगों की कतारें
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Published : Nov 23, 2020, 7:39 PM IST

जोधपुर. विवाह की अनुमति लेने के लिए जोधपुर कलेक्ट्रेट परिसर में कतारें लगी हुई हैं. लोगों को इससे बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा, हालांकि बाद में व्यवस्था को दुरुस्त करने के दावे भी किए गए. बता दें कि कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक विवाह समारोह में पहले 200 लोगों के शरीक होने की छूट थी, उसी के मुताबिक बहुत से लोगों ने अनुमति भी ले ली थी. लेकिन अब विवाह समारोह में मेहमानों की संख्या की सीमा 100 तय कर दी गई है. इसके बाद उन लोगों को दोबारा कलेक्ट्रेट का चक्कर लगाना पड़ रहा है जो पहले ही अनुमति ले चुके थे.

जोधपुर कलेक्ट्रेट परिसर में लोगों की कतारें

कोरोना काल में विवाह करना भी चुनौती से कम नहीं. राज्य सरकार द्वारा दो दिन पहले विवाद आदि समारोह में 100 लोगों के शामिल हो सकने की सीमा तय करने के बाद सोमवार को विवाह परिवार एक बार फिर कतारों में खड़े नजर आए. जोधपुर कलेक्ट्रेट में उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर सुबह से ही लोगों की कतारें लग गई.

निर्धारित प्रपत्र में लोग विवाह की जानकारी देने पहुंचे. लेकिन यहां अव्यवस्थाओं के आलम से हर कोई परेशान होता दिखा, जिसके चलते तैनात पुलिसकर्मियों की कई लोगों से बहस भी हो गई. प्रपत्र जमा करवाने पहुंचे लोगों को नगर निगम भेजा जाने लगा तो लोग नाराज हो गए.

पढ़ें जोधपुर के सरकारी अस्पतालों के ICU में बढ़ेंगे बेड, निजी अस्पतालों की व्यवस्थाओं पर भी रहेगी नजर

दरअसल, स्पष्ट आदेशों के अभाव में यह हुआ. जिसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पडी. कतार में खड़े एडवोकेट करणसिंह ने कहा कि सरकार चुनाव के दौरान होने वाली भीड पर पाबंदी नहीं लगा रही है. सिर्फ विवाह परिवारों को परेशान कर रही है. अनुमति के लिए भी सही व्यवस्था नहीं कर रखी है. खुद को आर्मी पर्सन बताने वाले रोहित शर्मा ने कहा कि 25 नवंबर को बहन की शादी है. लेकिन फिर से अनुमति के लिए भटक रहा हूं. कोई बताने वाला भी नहीं है. आर्मी पर्सन को भी ऐसी परेशानी भुगतनी पड़ रही है, आमजन का क्या होगा.

हालांकि, कुछ देर बाद जिला प्रशासन ने आदेश में बदलाव करते हुए दोनो नगर निगम के उपायुक्त कार्यालय से अनुमति जारी करने की व्यवस्था कर दी, जिससे लोगों को कलेक्ट्रेट नहीं आना पड़े.

जोधपुर. विवाह की अनुमति लेने के लिए जोधपुर कलेक्ट्रेट परिसर में कतारें लगी हुई हैं. लोगों को इससे बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा, हालांकि बाद में व्यवस्था को दुरुस्त करने के दावे भी किए गए. बता दें कि कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक विवाह समारोह में पहले 200 लोगों के शरीक होने की छूट थी, उसी के मुताबिक बहुत से लोगों ने अनुमति भी ले ली थी. लेकिन अब विवाह समारोह में मेहमानों की संख्या की सीमा 100 तय कर दी गई है. इसके बाद उन लोगों को दोबारा कलेक्ट्रेट का चक्कर लगाना पड़ रहा है जो पहले ही अनुमति ले चुके थे.

जोधपुर कलेक्ट्रेट परिसर में लोगों की कतारें

कोरोना काल में विवाह करना भी चुनौती से कम नहीं. राज्य सरकार द्वारा दो दिन पहले विवाद आदि समारोह में 100 लोगों के शामिल हो सकने की सीमा तय करने के बाद सोमवार को विवाह परिवार एक बार फिर कतारों में खड़े नजर आए. जोधपुर कलेक्ट्रेट में उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर सुबह से ही लोगों की कतारें लग गई.

निर्धारित प्रपत्र में लोग विवाह की जानकारी देने पहुंचे. लेकिन यहां अव्यवस्थाओं के आलम से हर कोई परेशान होता दिखा, जिसके चलते तैनात पुलिसकर्मियों की कई लोगों से बहस भी हो गई. प्रपत्र जमा करवाने पहुंचे लोगों को नगर निगम भेजा जाने लगा तो लोग नाराज हो गए.

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दरअसल, स्पष्ट आदेशों के अभाव में यह हुआ. जिसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पडी. कतार में खड़े एडवोकेट करणसिंह ने कहा कि सरकार चुनाव के दौरान होने वाली भीड पर पाबंदी नहीं लगा रही है. सिर्फ विवाह परिवारों को परेशान कर रही है. अनुमति के लिए भी सही व्यवस्था नहीं कर रखी है. खुद को आर्मी पर्सन बताने वाले रोहित शर्मा ने कहा कि 25 नवंबर को बहन की शादी है. लेकिन फिर से अनुमति के लिए भटक रहा हूं. कोई बताने वाला भी नहीं है. आर्मी पर्सन को भी ऐसी परेशानी भुगतनी पड़ रही है, आमजन का क्या होगा.

हालांकि, कुछ देर बाद जिला प्रशासन ने आदेश में बदलाव करते हुए दोनो नगर निगम के उपायुक्त कार्यालय से अनुमति जारी करने की व्यवस्था कर दी, जिससे लोगों को कलेक्ट्रेट नहीं आना पड़े.

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