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सरकार ने फीस नहीं भरी, निजी स्कूलों ने बच्चों को पढ़ाने से किया इनकार

अनुसूचित जातियों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकारी योजना नवजीवन के तहत जोधपुर के निजी विद्यालयों में पढ़ रहे 800 से अधिक छात्र-छात्राओं की शिक्षा पर तलवार लटक गई है. सरकार की लापरवाही के बाद निजी स्कूलों ने उन्हें पढ़ाने से इनकार कर दिया है.

निजी स्कूलों ने बच्चों को पढ़ाने से किया इनकार
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Published : Jul 8, 2019, 8:53 PM IST

जोधपुर. अनुसूचित जाति समाज के छात्रों को नवजीवन योजना के तहत सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों में भी प्रवेश दिए गए थे. लेकिन एक साल तक सरकार द्वारा फीस जमा नहीं भरे जाने के कारण जोधपुर शहर में ऐसे 800 स्टूडेंट्स को निजी विद्यालयों ने पढ़ाने से मना कर दिाय है.

दरअसल, पिछले 1 साल में सरकार द्वारा इस योजना के तहत निजी स्कूलों को फीस का पुनर्भरण नहीं करने से यह नौबत आई है. अब परेशान अभिभावक प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. सोमवार को जोधपुर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में सांसी समाज की महिलाएं एकत्र होकर पहुंची और अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई. हालांकि, अधिकारियों ने इस बारे में बोलने से दूरी बना रखी है.

निजी स्कूलों ने बच्चों को पढ़ाने से किया इनकार

अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों ने सरकार के कहने पर ही प्रवेश दिया था, लेकिन सरकार ने इनकी फीस नहीं चुकाई. इसके चलते यह नौबत आई है, जिसके चलते स्कूल संचालक हमारे बच्चों को बाहर निकाल रहे हैं. बता दें कि गत वर्ष सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग में नवजीवन योजना के तहत इन बच्चों के एडमिशन निजी स्कूलों में करवाए थे, जिनकी फीस सरकार को देनी थी.

जोधपुर. अनुसूचित जाति समाज के छात्रों को नवजीवन योजना के तहत सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों में भी प्रवेश दिए गए थे. लेकिन एक साल तक सरकार द्वारा फीस जमा नहीं भरे जाने के कारण जोधपुर शहर में ऐसे 800 स्टूडेंट्स को निजी विद्यालयों ने पढ़ाने से मना कर दिाय है.

दरअसल, पिछले 1 साल में सरकार द्वारा इस योजना के तहत निजी स्कूलों को फीस का पुनर्भरण नहीं करने से यह नौबत आई है. अब परेशान अभिभावक प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. सोमवार को जोधपुर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में सांसी समाज की महिलाएं एकत्र होकर पहुंची और अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई. हालांकि, अधिकारियों ने इस बारे में बोलने से दूरी बना रखी है.

निजी स्कूलों ने बच्चों को पढ़ाने से किया इनकार

अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों ने सरकार के कहने पर ही प्रवेश दिया था, लेकिन सरकार ने इनकी फीस नहीं चुकाई. इसके चलते यह नौबत आई है, जिसके चलते स्कूल संचालक हमारे बच्चों को बाहर निकाल रहे हैं. बता दें कि गत वर्ष सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग में नवजीवन योजना के तहत इन बच्चों के एडमिशन निजी स्कूलों में करवाए थे, जिनकी फीस सरकार को देनी थी.

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Body:जोधपुर सामाजिक अपराध में लिप्त जातियों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकारी योजना नवजीवन के तहत जोधपुर के निजी विद्यालयों में पढ़ रहे 800 से अधिक ऐसे छात्र-छात्राओं की शिक्षा पर तलवार लटक गई है पिछले 1 साल में सरकार द्वारा इस योजना के तहत निजी स्कूलों को फीस का पुनर्भरण नहीं करने से यह नौबत आई है अब परेशान अभिभावक प्रशासन से गुहार लगा रहे है।। सोमवार को जोधपुर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में सांसी समाज की महिलाएं एकत्र होकर पहुंची और अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई हालांकि अधिकारियों ने इस बारे में बोलने से दूरी बना रखी है । अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों ने सरकार के कहने पर ही प्रवेश दिया था लेकिन सरकार ने इनकी फीस नहीं चुकाई इसके चलते यह नौबत आई है, जिसके चलते स्कूल संचालक हमारे बच्चों को बाहर निकाल रहे हैं । गत वर्ष सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग में नवजीवन योजना के तहत इन बच्चों के एडमिशन निजी स्कूलों में करवाए थे, जिनकी फीस सरकार को देनी थी।
bite मधु सांसी, अभिभावक


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