फलोदी (जोधपुर). क्षेत्र में नगरपालिका ने कार्रवाई करते हुए एक अवैध कॉलोनी लसे अतिक्रमण हटाया है. जहां नगरपालिका की ओर से बेशकीमती करीबन 200 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया. यही नहीं इस दौरान 50 से अधिक कोटड़ियां भी ध्वस्त की गई. पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में नगरपालिका ने इस बड़े अभियान को अंजाम दिया.
फलोदी से खीचन जाते समय रेलवे फाटक क्रॉस करने के बाद बांई और नगरपालिका का खसरा नंबर 188 है, जिसके पास ही नॉवल्टीनगर बसा हुआ है. इसके पास करीबन 200 बीघा जमीन पर अतिक्रमण किए हुए थे. यहां पर सुव्यवस्थित तरीके से प्लॉट काट कर बेचे गए थे.
आज सुबह नगरपालिका के ईओ अनिल कुमार विश्नोई, अतिक्रमण हटाओ अभियान के प्रभारी प्रेम गुचिया, मेनका विश्नोई, मनु रंगा, विधि सलाहकार भवानीशंकर चाण्डा सहित काफी संख्या में सफाई कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे. प्रशासन से एसडीएम यशपाल आहुजा, तहसीलदार रमजान खान और एडीशनल एसपी दीपक कुमार शर्मा, पुलिस थाना प्रभारी राकेश ख्यालिया सशस्त्र पुलिस और आरएसी का जाब्ता लेकर मौके पर पहुंचे.
कुछ स्थानों पर अतिक्रमियों ने सामान्य विरोध भी जताया और रोकने का भी प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने ऐसे लोगों के साथ समझाइश कर उन्हें वहां से हटा दिया. नगरपालिका लंबे समय से यहां से अतिक्रमण हटाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन सफल नहीं हो पा रही थी. पालिका पूर्व में भी यहां अतिक्रमण हटाने पहुंची, लेकिन पालिका के वहां पहुंचने से पूर्व ही हजार पांच सौ लोग वहां पहुंच जाते और अतिक्रमण हटाने नहीं देते थे.
पढ़ें- राज्यपाल कलराज मिश्र ने लोकायुक्त को दिलाई शपथ
मंगलवार को पुलिस ने सुबह तक कार्रवाई को गुप्त रखा और पालिका कर्मचारियों को भी सुबह पता चला कि अतिक्रमण हटाने के लिए जाना कहां हैं. इक्के दुक्के लोगों ने जब देखा कि अब तो कब्जे बचाने का कोई तरीका नहीं है तो उन्होंने अतिक्रमण स्वयं हटा लिए.
कुछ कोटड़िया बनी हुई थीं तो कुछ ने पक्के निर्माण करवा रखे थे. बाकायदा बिजली कनेक्शन लिए हुए थे. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रारंभ करने से पूर्व बिजली विभाग को बुलाकर लाइन बंद करवाई गई और कनेक्शन हटवाए गए. इस दौरान यह भी जानकारी सामने आई कि स्वयं कब्जा करने वाले तो एक दो जने होंगे, लेकिन अधिकांश ने कब्जे खरीदे हुए हैं. खीचन के ही एक व्यक्ति ने यहां प्लाट काटकर बेचे हैं, उसके विरुद्ध क्या कार्रवाई प्रशासन करता है, यह तो बाद में पता चलेगा.
अतिक्रमण हटाने के बाद कई ह्दय विदारक दृश्य भी सामने आए, जब महिलाओं और घर के युवाओं ने कार्रवाई का विरोध किया. घर टूटने से आहत एक युवा ने कीटनाशक पीने की कोशिश की, लेकिन इसके साथ ही एक बात और है, खसरा नंबर 188 में कब्जे तो और भी बहुत हैं और वे इनसे भी पक्के निर्माण हैं. यहां पर कुछ सफेदपोश कथित प्रभावशाली लोगों के भी अतिक्रमण हैं, वर्षों से हैं क्या नगरपालिका उनके कब्जों पर भी जेसीबी चलाने का साहस दिखा पाएगी.
अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई की सार्थकता भी तभी दिखेगी, जब यह कब्जे हटेंगे, वरना यह कब्जे तो नगरपालिका कभी भी हटा सकती थी. खसरा नम्बर 188 से अतिक्रमण हटाने के बाद ईओ अनिल कुमार ने कहा पुलिस व प्रशासन के सहयोग से शांति पूर्वक अतिक्रमण मुक्त करवाया है.