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स्वस्थ होकर फिर से अपने जंगल पहुंचा नारलाई से रेस्क्यू किया गया पैंथर - नारलाई रेस्क्यू पैंथर शावक जोधपुर

नारलाई से रेस्क्यू किए गए पैंथर के शावक को जोधपुर रेस्क्यू सेंटर पर उपचार के बाद मंगलवार को एक बार फिर उसके क्षेत्र में छोड़ दिया गया. फिलहाल पैंथर का शावक पूरी तरह से स्वस्थ है.

Narlai Rescue Panther Cub Jodhpur, नारलाई रेस्क्यू पैंथर शावक जोधपुर
स्वस्थ होकर जंगल पहुंचा पैंथर
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Published : Dec 11, 2019, 10:42 AM IST

जोधपुर. सोमवार को पाली जिले के नारलाई से रेस्क्यू किए गए पैंथर के छोटे बच्चे को जोधपुर रेस्क्यू सेंटर पर उपचार करने के बाद मंगलवार को एक बार फिर उसके क्षेत्र में छोड़ दिया गया. जोधपुर माचिया बायोलॉजिकल पार्क के डॉ श्रवण सिंह राठौड़ की अगुवाई में पैंथर को जोधपुर लाया गया और उसका उपचार किया गया और मंगलवार दोपहर बाद जिस जगह से उसे पकड़ा गया था. उसके आसपास के क्षेत्र में ही उसे छोड़ दिया गया. इसके लिए बाकायदा पूरा लवाजमा वापस जगह पर पहुंचा और एक पिंजरे में कैंसर के शावक को ले जाया गया और उसे छोड़ दिया गया.

स्वस्थ होकर जंगल पहुंचा पैंथर...

सोमवार को सुंधा माता मंदिर से सटे खेत पर काम कर रहे किसान परिवार को पैंथर के एक फंदे में फंसे होने की जानकारी मिली तो उन्होंने विभाग के अधिकारियों को सूचना दी इसके बाद उदयपुर और जोधपुर से वन विभाग की टीम में पहुंची जिन्होंने पैंथर के शावक को ट्रेंकुलाइज कर फंदे से निकाला और उसके बाद उपचार के लिए जोधपुर लाए यहां प्राथमिक उपचार दिया गया और उसका ऑब्जरवेशन किया गया.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: कोटा में आवारा पशुओं को शहर से 15 किलोमीटर दूर बसाने की योजना...सस्ती दर में पशुपालकों को मिलेंगे प्लॉट

डॉ. श्रवण सिंह ने बताया कि क्षेत्र से पेंटर का शावक मिला था हमें उम्मीद है कि उस क्षेत्र में उसकी फैमिली होगी इसलिए उसे वहां छोड़ा गया है हालांकि अभी वन विभाग की टीम यह पता कर रही है शिकारी फंदा किसने लगाया और क्यों लगाया उल्लेखनीय है कि पाली जिले के नारलाई सहित आसपास के क्षेत्रों में पैंथर बहुतायत पाए जाते हैं. कई बार वे आबादी क्षेत्र में भी घुस जाते हैं.

जोधपुर. सोमवार को पाली जिले के नारलाई से रेस्क्यू किए गए पैंथर के छोटे बच्चे को जोधपुर रेस्क्यू सेंटर पर उपचार करने के बाद मंगलवार को एक बार फिर उसके क्षेत्र में छोड़ दिया गया. जोधपुर माचिया बायोलॉजिकल पार्क के डॉ श्रवण सिंह राठौड़ की अगुवाई में पैंथर को जोधपुर लाया गया और उसका उपचार किया गया और मंगलवार दोपहर बाद जिस जगह से उसे पकड़ा गया था. उसके आसपास के क्षेत्र में ही उसे छोड़ दिया गया. इसके लिए बाकायदा पूरा लवाजमा वापस जगह पर पहुंचा और एक पिंजरे में कैंसर के शावक को ले जाया गया और उसे छोड़ दिया गया.

स्वस्थ होकर जंगल पहुंचा पैंथर...

सोमवार को सुंधा माता मंदिर से सटे खेत पर काम कर रहे किसान परिवार को पैंथर के एक फंदे में फंसे होने की जानकारी मिली तो उन्होंने विभाग के अधिकारियों को सूचना दी इसके बाद उदयपुर और जोधपुर से वन विभाग की टीम में पहुंची जिन्होंने पैंथर के शावक को ट्रेंकुलाइज कर फंदे से निकाला और उसके बाद उपचार के लिए जोधपुर लाए यहां प्राथमिक उपचार दिया गया और उसका ऑब्जरवेशन किया गया.

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डॉ. श्रवण सिंह ने बताया कि क्षेत्र से पेंटर का शावक मिला था हमें उम्मीद है कि उस क्षेत्र में उसकी फैमिली होगी इसलिए उसे वहां छोड़ा गया है हालांकि अभी वन विभाग की टीम यह पता कर रही है शिकारी फंदा किसने लगाया और क्यों लगाया उल्लेखनीय है कि पाली जिले के नारलाई सहित आसपास के क्षेत्रों में पैंथर बहुतायत पाए जाते हैं. कई बार वे आबादी क्षेत्र में भी घुस जाते हैं.

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उपचार करने के बाद पैंथर के शावक को जंगल में छोड़ा
जोधपुर। सोमवार को पाली जिले के नारलाई से रेस्क्यू किए गए पैंथर के छोटे बच्चे को जोधपुर रेस्क्यू सेंटर पर उपचार करने के बाद मंगलवार को एक बार फिर उसके क्षेत्र में छोड़ दिया गया जोधपुर माचिया बायोलॉजिकल पार्क के डॉ श्रवण सिंह राठोड़ की अगुवाई में पैंथर को जोधपुर लाया गया और उसका उपचार किया गया और मंगलवार दोपहर बाद जिससे तरसे उसे पकड़ा गया था उसके आसपास के क्षेत्र में उसे छोड़ दिया गया इसके लिए बाकायदा पूरा लवाजमा वापस जगह पर पहुंचा और एक पिंजरे में कैंसर के शावक को ले जाया गया और उसे छोड़ दिया गया। सोमवार को सुंधा माता मंदिर से सटे खेत पर काम कर रहे किसान परिवार को पैंथर के एक फंदे में फंसे होने की जानकारी मिली तो उन्होंने विभाग के अधिकारियों को सूचना दी इसके बाद उदयपुर और जोधपुर से वन विभाग की टीम में पहुंची जिन्होंने पैंथर के शावक को ट्रेंकुलाइज कर फंदे से निकाला और उसके बाद उपचार के लिए जोधपुर लाए यहां प्राथमिक उपचार दिया गया और उसका ऑब्जरवेशन किया गया उसके बाद मंगलवार को उसे वापस उसी क्षेत्र में छोड़ दिया गया डॉक्टर सरवन सिंह ने बताया कि क्षेत्र से पेंटर का शावक मिला था हमें उम्मीद है कि उस क्षेत्र में उसकी फैमिली होगी इसलिए उसे वहां छोड़ा गया है हालांकि अभी वन विभाग की टीम यह पता कर रही है शिकारी फंदा किसने लगाया और क्यों लगाया उल्लेखनीय है कि पाली जिले के नारलाई सहित आसपास के क्षेत्रों में पैंथर बहुतायत पाए जाते हैं । कई बार वे आबादी क्षेत्र में भी घुस जाते हैं।
वाइट डॉ श्रवण सिंह राठौड़ माचिया पार्क जोधपुर

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