जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका से जुड़े एक आदेश में शहर में अवैध इमारतों के निर्माण, उन्हें सीज करने और बाद में उन्हें खोल देने के मामले में हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को दोषी माना है.
सोमवार को जस्टिस संगीत लोढ़ा और जस्टिस वीनित कुमार माथुर की खंडपीठ ने रवि लोढ़ा की जनहित याचिका को लेकर दिए आदेश में कहा कि इस मामले में न्यायालय ने 2007 से अभी तक कई तरह के आदेश दिए. लेकिन उनकी पालना करने में उत्तरदाता अधिकारियों ने इच्छाशक्ति नहीं दिखाई, जिसके वह दोषी हैं. हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में कोई कार्रवाई के आदेश नहीं दिए.
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आदेश में शहर के समग्र आधारभूत विकास और समस्याओं को लेकर नगर निगम, जेडीए, सेना, एनएचआई, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों को निर्देश दिए गए. जिसके तहत खासतौर से व्यावसायी इमारतों में पार्किंग स्पेस का उपयोग नहीं होने पर गंभीरता दिखाते हुए पालना नहीं करने पर भवनों को सीज करने के भी निर्देश दिए हैं. आदेशों में 2007 में दिए गए निर्देशों और उन आदेशों को भी शामिल किया गया. हाईकोर्ट ने सभी आदेशों की पालना के लिए सबंधित विभाग से शपथ पत्र मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को रखी गई है. शहर से जुड़ी जनहित याचिका स्व. महेंद्र लोढ़ा ने 2002 में लगाई थी. उनकी मृत्यु के बाद अब इस याचिका को उनके पुत्र रवि लोढ़ा आगे बढ़ा रहे हैं.
यह दिए हैं निर्देश
1. शहर की प्रमुख सड़कों से अतिक्रमण हटाए जाएं एवं सड़कों एवं फुटपाथ की मरम्मत एक समयबद्ध कार्यक्रम के तहत की जाए. जिससे शहरवासियों के वाहनों को नुकसान नहीं हो. 3 माह में इसकी पालना की जाए.
2.एनएचआई द्वारा रिंगरोड निर्माण में तेजी लाई जाए, सेना द्वारा नागौर रोड पर निर्माण में रोक लगाने को अनुचित माना.
3. पाली रोड का दबाव कम करने के लिए पीली टंकी की थ्री-लेन रोड का निर्माण 6 माह में पूरा किया जाए. यहां डिस्कॉम की हाईवोल्टेज लाइन के निस्तारण के लिए जेवीवीएनएल को नोटिस जारी.
4. निजी बसों का संचालन किसी भी हालत में शहर से नहीं किया जाए. इसके लिए पुलिस, यातायात एवं परिवहन विभाग को पाबंद किया.
5. शहर में व्यावसायिक इमारतों में पार्किग स्पेस का उपयोग हो. इसके लिए अखबार में सूचना जारी की जाए. सात दिन में अगर पालना नहीं होती है तो उस भवन को सीज कर जुर्माना लगाया जाए, उस स्थिति में ही खोला जाए, जब पार्किंग शुरू हो जाए.
6. शहर में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार पुलिसकर्मियों की नियुक्ति एक माह में करें.
7. जेडीए के ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड को शहर में व्यवस्थित यातायात एवं परिहवन व्यवस्था के लिए एक सुदृढ़ प्लान 3 माह में तैयार करना होगा.