जोधपुर. जिले के नागौरी गेट और आस-पास के 37 वार्डों में डोर-टू-डोर सर्वे कर रहे महात्मा गांधी अस्पताल के नर्सिंग स्कूल के स्टूडेंट्स ने सरकार की बदइंतजामी के चलते सोमवार को सर्वे पर जाने से मना कर दिया है. साथ ही स्टूडेंट्स ने अस्पताल अधीक्षक कार्यालय के बाहर खड़े होकर नारेबाजी भी की. साथ ही कहा कि, कोरोना से संक्रमित होकर 10 नर्सिंग छात्र पहले ही क्वॉरेंटाइन में हैं, इसलिए हम सभी का बीमा किया जाना चाहिए.
ऐसे में स्टूडेंट्स ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि, काम से लौटने के बाद जब हम घर से बाहर निकलते हैं, तो पुलिसकर्मी उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं. आई कार्ड दिखाने के बावजूद उनके साथ कई बार मारपीट भी हुई है. सर्वे के दौरान हमारे साथ कोई जिम्मेदार अधिकारी भी नहीं होता है, इस कारण जब हम घर-घर जाकर लोगों से बात करते हैं, तो मोहल्लों में हमारे साथ दुर्व्यवहार होता है. फीमेल नर्सिंग स्टूडेंट जब सर्वे करती हैं, तो उन्हें दस दस लोग घेर लेते हैं. यहा तक की लोग हमें गालियां भी देते हैं. इसके बावजूद हम सरकार के काम को कर रहे हैं. लेकिन हमारे लिए कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं है. अगर कोई नर्सिंग स्टूडेंट संक्रमित होता है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा.
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इस पूरे घटनाक्रम के बाद अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वर्तमान में ये सभी छात्र सीएमएचओ कार्यालय के निर्देश पर कार्यरत हैं. ऐसे में पूरा जिम्मा सीएमएचओ का ही है. वहीं सीएमएचओ डॉ बलवंत मंडा नर्सिंग कर्मी NMK2 बीमा में कवर होने की बात करते हैं, लेकिन नर्सिंग स्टूडेंट पर चुप हो जाते है. 10 नर्सिंग छात्र पहले ही क्वॉरेंटाइन में हैं, भी बीमा किया जाना चाहिए. हालाकि राज्य सरकार ने कोरोना के दौरान काम करने वाले सभी स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख का बीमा कराने की घोषणा की है, लेकिन नर्सिंग स्टूडेंट्स को इसमें शामिल नहीं किया गया है.