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सीएम के गृह जिले में सड़क के लिए एनएसयूआई कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर

सीएम अशोक गहलोत के गृह जिला जोधपुर में विश्वविद्यालय में सड़क निर्माण की मांग (nsui workers on hunger strike) को लेकर एनएसयूआई के कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हैं. हालांकि एनएसयूआई के नेता कहते हैं कि हमारी मांग सरकार से नहीं विश्वविद्यालय से है, क्योंकि ये स्वायत्त संस्थान है.

एनएसयूआई कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर
एनएसयूआई कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर
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Published : Nov 18, 2022, 10:34 PM IST

जोधपुर. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस के हर नेता और विधायक का काम हो रहा है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ता भूख हड़ताल (nsui workers on hunger strike) पर बैठे हैं. इनकी मांग विश्वविद्यालय में सड़क बनवाने की है. इसको लेकर तीन दिन से विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय के बाहर तंबू लगाकर धरना भी दे रहे हैं. अचरज इस बात है कि एनएसयूआई के नेता कहते हैं कि हमारी मांग सरकार से नहीं विश्वविद्यालय से क्योंकि यह स्वायत्त संस्थान है.

कार्यकर्ताओं का कहना है कि गत दिनों जेएनवीयू व जेडीए प्रशासन को विश्वविद्यालय परिसर की सभी सड़कों की दुर्दशा व सड़कों के नवीनीकरण को लेकर ज्ञापन दिया गया. लेकिन अब तक कोई संज्ञान नही लिया गया. इस पर आक्रोशित कार्यकर्ता जेएनवीयू मुख्य ऑफिस के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए. इसमें एनएसयूआई जिलाध्यक्ष दिलीप चौधरी भी शामिल हैं. तीसरे दिन हड़ताल पर छात्र नेता रामचंद्र जलवानिया, मनीष बिश्नोई, उपाध्यक्ष रूपाराम गर्ग, महासचिव जितेंन्द्र देवड़, ओमप्रकाश, महेंद्र कङवासरा भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. छात्रों का कहना है कि जब तक विश्वविद्यालय परिसर में सड़क नवीनीकरण कार्य शुरू नहीं होगा, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी.

पढ़ें. पटवार संघ का अनोखा प्रदर्शन, सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट होकर जताया विरोध

विश्वविद्यालय की दयनीय हालतः जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति दयनीय है. अपने संसाधनों से विश्वविद्यालय अपने पूर्व कार्मिकों की पेंशन भी नहीं चुका पा रहा है. हाल ही में तीन से चार माह की पेंशन बाकी होने पर मुख्यमंत्री ने सरकार से विशेष अनुदान के तहत बीस करोड़ रुपए मंजूर किए तब कहीं जाकर पेंशन बांटी गई. ऐसे में विश्वविद्यालय में आधरभूत सुविधाओं को लेकर छात्रों को संघर्ष करना पड़ता है. जिसके चलते इस बार अपनी पार्टी के राज में एनएसयूआई को भूख हड़ताल करनी पड़ रही है.

जोधपुर. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस के हर नेता और विधायक का काम हो रहा है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ता भूख हड़ताल (nsui workers on hunger strike) पर बैठे हैं. इनकी मांग विश्वविद्यालय में सड़क बनवाने की है. इसको लेकर तीन दिन से विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय के बाहर तंबू लगाकर धरना भी दे रहे हैं. अचरज इस बात है कि एनएसयूआई के नेता कहते हैं कि हमारी मांग सरकार से नहीं विश्वविद्यालय से क्योंकि यह स्वायत्त संस्थान है.

कार्यकर्ताओं का कहना है कि गत दिनों जेएनवीयू व जेडीए प्रशासन को विश्वविद्यालय परिसर की सभी सड़कों की दुर्दशा व सड़कों के नवीनीकरण को लेकर ज्ञापन दिया गया. लेकिन अब तक कोई संज्ञान नही लिया गया. इस पर आक्रोशित कार्यकर्ता जेएनवीयू मुख्य ऑफिस के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए. इसमें एनएसयूआई जिलाध्यक्ष दिलीप चौधरी भी शामिल हैं. तीसरे दिन हड़ताल पर छात्र नेता रामचंद्र जलवानिया, मनीष बिश्नोई, उपाध्यक्ष रूपाराम गर्ग, महासचिव जितेंन्द्र देवड़, ओमप्रकाश, महेंद्र कङवासरा भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. छात्रों का कहना है कि जब तक विश्वविद्यालय परिसर में सड़क नवीनीकरण कार्य शुरू नहीं होगा, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी.

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विश्वविद्यालय की दयनीय हालतः जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति दयनीय है. अपने संसाधनों से विश्वविद्यालय अपने पूर्व कार्मिकों की पेंशन भी नहीं चुका पा रहा है. हाल ही में तीन से चार माह की पेंशन बाकी होने पर मुख्यमंत्री ने सरकार से विशेष अनुदान के तहत बीस करोड़ रुपए मंजूर किए तब कहीं जाकर पेंशन बांटी गई. ऐसे में विश्वविद्यालय में आधरभूत सुविधाओं को लेकर छात्रों को संघर्ष करना पड़ता है. जिसके चलते इस बार अपनी पार्टी के राज में एनएसयूआई को भूख हड़ताल करनी पड़ रही है.

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