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जोधपुर के इस शख्स को जिंदा रहने के लिए फरिश्ते का इंतजार

भोपालगढ़ के रामनगर निवासी नरपतराम की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं. डॉक्टर ने उन्हें किडनी ट्रासंप्लांट की सलाह दी है. लेकिन नरपत की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वे ट्रांसप्लांट का खर्चा उठाने में भी सक्षम नहीं हैं. ऐसे में उन्हें किसी फरिश्ते का इंतजार है जो उन्हें जीने की नई उम्मीद दे सके.

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Published : Jul 11, 2020, 12:25 PM IST

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नरतपराम को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए इंतजार है फरिश्ते का

भोपालगढ़ (जोधपुर). 29 वर्षीय नरपतराम इन दिनों परेशानी के बीच जीवन गुजार रहे हैं. वर्तमान में नरपतराम की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं और वे अब डायलिसिस पर जिंदा हैं. चिकित्सक ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी है. ऐसे में नरपत की जिदंगी बचाने के लिए उनके भाई किडनी देने को तैयार हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार किडनी ट्रांसप्लांट का खर्चा उठाने में सक्षम नहीं है.

नरतपराम को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए इंतजार है फरिश्ते का

ऐसे में नरपत के परिवार को ऐसे फरिश्ते का इंतजार है, जो किडनी ट्रांसप्लांट में उनकी आर्थिक मदद करे या सरकारी स्तर पर सहायता दिलवा कर किडनी ट्रांसप्लांट करवाए. जिससे नरपत ज्यादा समय तक जिंदा रह सकें और अपने परिवार की देखभाल खुद कर सकें.

यह भी पढ़ें : कोरोना से जंग: आंगनवाड़ी और आशा सहयोगिनियों का 'रोटरी क्लब ऑफ अलवर फोर्ट' ने किया सम्मान

5 महीने पहले पता चली थी बीमारी

नरपत भोपालगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सालवा कला ग्राम पंचायत के रामनगर गांव के निवासी हैं. वे बताते हैं की उनके माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. घर चलाने के लिए वह किराए की टैक्सी चलाता थे, लेकिन करीब 5 महीने पहले उन्हें सांस की तकलीफ होने पर एम्स में चिकित्सक को दिखाया, तो सामने आया कि उनकी दोनों किडनियां खराब हैं.

नरपत बताते हैं कि वे दो महीने तक अस्पताल में भर्ती रहे. उसके बाद चिकित्सक ने सप्ताह में दो बार डायलिसिस करवाने या एक किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह दी. ऐसे में फिलहाल वे डायलिसिस के सहारे ही जीवित हैं.

भाई किडनी देने को तैयार, पैसा बन रहा रोड़ा

अपने सगे भाई की यह स्थिति देख विक्रम जाट उनका जीवन बचाने के लिए खुद की एक किडनी देने को तैयार भी हो गए, लेकिन परिवार के सामने समस्या यह है कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि किडनी ट्रांसप्लांट करवाने का खर्च वे उठा सकें. ऐसे में परिवार को किसी फरिश्ते या स्थानीय प्रशासन से उम्मीद है जो उनका दर्द समझ सके ओर किडनी ट्रांसप्लांट करवाने में उनकी मदद करे.

घर खर्च चलाने में भी आ रही दिक्कत

नपतराम का एक साल का बेटा भी है. पिछले पांच माह से नरपत घर पर ही हैं. तबीयत ठीक नहीं रहने के कारण काम-काज भी नहीं कर पा रहे हैं. भाईयों की मदद से ही उनके घर का चूल्हा इन दिनों जल रहा है. लेकिन नरपत को एक ही चिंता सताए जा रही है कि आखिर ऐसा कब तक चलेगा.

यह भी पढ़ें : राजस्थान हाईकोर्ट के 9 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव, लोक अदालत स्थगित

आप भी बन सकते हैं मददगार

एक 23 वर्षीय सुहागन का सुहाग और एक साल मासूम के सिर पर पिता की छाया बनी रहे, इसके लिए आप भी अपनी ओर से मदद करके इस परिवार को बचा सकते हैं.

  • खाताधारक का नाम दिनेश पुत्र स्व.चुतराराम
  • बैंक का नाम SBI
  • खाता नंबर:-38448387599
  • IFSC- SBIN0031692
  • सम्पर्क- 9929983536

भोपालगढ़ (जोधपुर). 29 वर्षीय नरपतराम इन दिनों परेशानी के बीच जीवन गुजार रहे हैं. वर्तमान में नरपतराम की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं और वे अब डायलिसिस पर जिंदा हैं. चिकित्सक ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी है. ऐसे में नरपत की जिदंगी बचाने के लिए उनके भाई किडनी देने को तैयार हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार किडनी ट्रांसप्लांट का खर्चा उठाने में सक्षम नहीं है.

नरतपराम को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए इंतजार है फरिश्ते का

ऐसे में नरपत के परिवार को ऐसे फरिश्ते का इंतजार है, जो किडनी ट्रांसप्लांट में उनकी आर्थिक मदद करे या सरकारी स्तर पर सहायता दिलवा कर किडनी ट्रांसप्लांट करवाए. जिससे नरपत ज्यादा समय तक जिंदा रह सकें और अपने परिवार की देखभाल खुद कर सकें.

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5 महीने पहले पता चली थी बीमारी

नरपत भोपालगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सालवा कला ग्राम पंचायत के रामनगर गांव के निवासी हैं. वे बताते हैं की उनके माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. घर चलाने के लिए वह किराए की टैक्सी चलाता थे, लेकिन करीब 5 महीने पहले उन्हें सांस की तकलीफ होने पर एम्स में चिकित्सक को दिखाया, तो सामने आया कि उनकी दोनों किडनियां खराब हैं.

नरपत बताते हैं कि वे दो महीने तक अस्पताल में भर्ती रहे. उसके बाद चिकित्सक ने सप्ताह में दो बार डायलिसिस करवाने या एक किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह दी. ऐसे में फिलहाल वे डायलिसिस के सहारे ही जीवित हैं.

भाई किडनी देने को तैयार, पैसा बन रहा रोड़ा

अपने सगे भाई की यह स्थिति देख विक्रम जाट उनका जीवन बचाने के लिए खुद की एक किडनी देने को तैयार भी हो गए, लेकिन परिवार के सामने समस्या यह है कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि किडनी ट्रांसप्लांट करवाने का खर्च वे उठा सकें. ऐसे में परिवार को किसी फरिश्ते या स्थानीय प्रशासन से उम्मीद है जो उनका दर्द समझ सके ओर किडनी ट्रांसप्लांट करवाने में उनकी मदद करे.

घर खर्च चलाने में भी आ रही दिक्कत

नपतराम का एक साल का बेटा भी है. पिछले पांच माह से नरपत घर पर ही हैं. तबीयत ठीक नहीं रहने के कारण काम-काज भी नहीं कर पा रहे हैं. भाईयों की मदद से ही उनके घर का चूल्हा इन दिनों जल रहा है. लेकिन नरपत को एक ही चिंता सताए जा रही है कि आखिर ऐसा कब तक चलेगा.

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आप भी बन सकते हैं मददगार

एक 23 वर्षीय सुहागन का सुहाग और एक साल मासूम के सिर पर पिता की छाया बनी रहे, इसके लिए आप भी अपनी ओर से मदद करके इस परिवार को बचा सकते हैं.

  • खाताधारक का नाम दिनेश पुत्र स्व.चुतराराम
  • बैंक का नाम SBI
  • खाता नंबर:-38448387599
  • IFSC- SBIN0031692
  • सम्पर्क- 9929983536
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