ओसियां (जोधपुर). कोरोना वायरस हो या लॉकडाउन, इस अनुभव से हर कोई रूबरू हुआ है. इन्हीं कड़े अनुभवों से गुजर चुका है जिले के ओसियां तहसील के व्यापारी राजेन्द्र ईनाणी और उनका परिवार. पूरे विश्व में कोरोना महामाारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण ओसियां के व्यापारी राजेंद्र ईनाणी सूडान के खार्तूम में फंस गए थे. बीते तीन महीनों से राजेंद्र ने वतन वापसी के लिए खूब संघर्ष किया, लेकिन कोई असर ना हुआ. आखिरकार राजेंद्र ने ईटीवी भारत का सहारा लिया.
दरसअल, ओसियां निवासी व्यापारी राजेंद्र ईनाणी व्यापार के सिलसिले में 17 फरवरी को सूडान की राजधानी खार्तूम गए हुए थे. जिसके बाद 22 मार्च को लॉकडाउन होने कि वजह से व्यापारी राजेंद्र वापस भारत नहीं आ सके. वहीं, 16 अप्रैल को व्यापारी का वीजा भी खत्म हो गया. ऐसे में परिवार के सदस्यों और वतन से दूर विदेश में फंसे व्यापारी की चितांए बढ़ने लगी. करीब तीन महीने से अधिक समय तक सूडान में फंसे व्यापारी ने अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए पुनः वतन लौटने का खूब संघर्ष किया.
ईटीवी भारत ने मदद की चलाई मुहिम...
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान सूडान में फंसे व्यापारी राजेंद्र ईनाणी ने सूडान सरकार और भारतीय दूतावास से मदद के लिए गुहार लगाई, लेकिन किसी ने राजेंद्र की पीड़ा नहीं सुनी. फिर सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापारी ने ईटीवी भारत से मदद के लिए गुहार लगाई. जिसपर गत 2 मई को ईटीवी भारत टीम ने ओसियां स्थित व्यापारी के घर जाकर परिवारजनों की सूध ली.
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हालांकि, केन्द्र सरकार ने वंदे भारत मिशन अभियान के तहत विदेश में फंसे भारतीयों को वतन लाने की कवयाद तेज की. इसी क्रम में तीन महीने के बाद व्यापारी राजेंद्र ईनाणी 1 जून को चार्टड प्लेन से पुनः अपने वतन वापस आए. वतन लौटने के बाद केन्द्र सराकर की गाइडलाइन के अनुसार व्यापारी राजेंद्र दिल्ली के जेडब्ल्यू होटल में 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन रहे. जिसके बाद उनकी कोरोना जांच हुई. जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद व्यापारी निजी वाहन से अपने पैतृक गांव ओसियां के लिये रवाना हुए.
व्यापारियों और परिवारजनों में खुशी की लहर...
ओसियां लौटने पर समस्त व्यापारियों और परिवारजनों में खुशी की लहर छायी हुई है. इस दौरान व्यापार मंडल के अध्यक्ष दिलीप सोनी और सरपंच श्यामलाल ओझा के नेतृत्व में व्यापारियों ने कस्बे के बाहर प्रवेश द्वार पर नगाड़ों से भव्य स्वागत किया, साथ ही एक दूसरे का मुंह मीठा करवाकर खुशी जाहिर की.