बालोतरा (बाड़मेर). भारत साधु समाज प्रदेशाध्यक्ष और श्रीमठ कनाना महंत परशुराम गिरी महाराज ने कोरोना संक्रमण काल में एक मुहिम छेड़ी है. ये मुहिम नशा मुक्ति को लेकर है. कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद और लॉकडाउन में नशे के आदि लोगों की स्थिति को देखते हुए महंत ने मुहिम को छेड़ा है.
ईटीवी भारत की टीम ने कनाना पहुंचकर महंत परशुराम गिरी महाराज से बातचीत की. उन्होंने बताया कि नशा नाश की जड़ है. लॉकडाउन के दौरान नशा करने वालों को भोजन करने से ज्यादा नशा करने की चिंता थी. उन्होंने कहा कि आज के माहौल में युवा पीढ़ी नशे की ग्रस्त में आकर पूरी तरह से समाप्ति की ओर जा रहा है. इस कारण इस नशा मुक्ति अभियान की महती आवश्यकता थी.
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महंत ने कहा कि इस कारण कनाना मठ की ओर से उन्होंने देशव्यापी नशा मुक्ति की मुहिम का आह्वान किया है, जिसका छोटे बच्चों से लेकर, विधायक, मंत्री, भजन गायक, देश के जवानों के साथ विदेश में बैठे भारतीय भी उसका समर्थन कर रहे हैं. साथ ही समाज में परिवर्तन लाने की बात कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू और शराब सहित अन्य मादक पदार्थ शरीर के लिए हानिकारक हैं. शरीर के साथ परिवार के लिए भी हानियां उत्पन्न करते हैं. इसके साथ ही ही समाज की भी हानि होती है, जो आगे चलकर राष्ट्र के लिए भी हानिकारक होता है. श्रीमठ कनाना की नशा मुक्ति को लेकर शुरू हुई मुहिम राष्ट्र जागरण के अभियान की शुरुआत की.
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लोगों को नशे से दूर रहने का आह्वान किया जा रहा है. उन्होंने अपील किया है कि देशव्यापी कोरोना संक्रमण संकट में जंहा कोरोना को लेकर आमजन भयभीत नजर आ रहा है. लोग नशे की लत से दूर रहें. नशा की आदत को छोड़ राष्ट्र की उन्नति के लिए भागीदारी निभाएं. श्रीमठ कनाना से शुरू हुई नशा मुक्ति की मुहिम को लोगों का समर्थन भी मिल रहा है. लोग नशे की लत को छोड़ने का संकल्प भी लेते नजर आ रहे हैं.
26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस (International day against drug abuse and illicit Trafficking) मनाया जाता है. इस दिन को ड्रग्स और तस्करी से संबंधित मामलों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. देश और दुनिया में नशीली दवाओं का सेवन एक चिंता का विषय है, क्योंकि अब यह नशा स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्रों तक पहुंच चुका है. इसका असर राजस्थान में भी देखने को मिल रहा है. आए दिन पुलिस की ओर से ड्रग्स माफियों को पकड़ा जा रहा है, फिर भी प्रदेश के युवाओं को नशे से छुटकारा नहीं मिल रहा है.