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भोपालगढ़ में टिड्डी दल रिटर्न, आधा दर्जन से अधिक गांवों में फसल को किया चट

राजस्थान में टिड्डियों का अटैक जारी है. जोधपुर के भोपालगढ़ क्षेत्र में पिछले दिनों हेलीकॉप्टर के जरिए कीटनाशक छिड़ककर टिड्डियों को नष्ट किया गया था, लेकिन सोमवार को एक बार फिर टिड्डी दल ने हमला कर दिया. टिड्डियों ने आधे दर्जन से ज्यादा गांवों में किसानों की फसलों को चौपट कर दिया.

Rajasthan locust attack, locust attack in Bhopalgarh
भोपालगढ़ में टिड्डी दल रिटर्न
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Published : Jul 13, 2020, 9:44 PM IST

भोपालगढ़ (जोधपुर). जिले के भोपालगढ़ उपखंड क्षेत्र सहित विभिन्न भागों में किसानों ने खेती की फसल बुवाई कर दी है, लेकिन आए दिन हो रहे टिड्डी हमलों से उनकी परेशानी बढ़ी हुई है. जोधपुर सहित विभिन्न जिलों में टिड्डी का प्रकोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. आसमान में टिड्डी देखकर ही किसान घबरा जाते हैं और कृषि विभाग के पास इन पर पूरी तरह से नियंत्रण पाने का कोई उपाय ही नहीं है.

पढ़ें: जोधपुरः भोपालगढ़ में किसानों के लिए खेती में उपयोगी है वर्मी कम्पोस्ट खाद...

पिछले मंगलवार को क्षेत्र में हेलीकॉप्टर के जरिए कीटनाशक का छिड़कवा करवाकर टिड्डी दल को नष्ट किया गया था. ऐसे में अब एक बार फिर एक सप्ताह बाद सोमवार शाम को बड़ी संख्या में टिड्डी दल ने भोपालगढ़ में अटैक कर दिया. इस दौरान टिड्डियों ने आधे दर्जन से ज्यादा गांवों में किसानों की फसलों को चौपट कर दिया. किसानों का कहना है कि यदि टिड्डियों को समय पर नहीं रोका गया तो वो पूरी खरीफ की फसल को नष्ट कर देंगी.

भोपालगढ़ में टिड्डी दल रिटर्न

नहीं मिल पा रही पूरी सफलता

गौरतलब है कि पिछले डेढ़ माह से ज्यादा समय होने के बावजूद जिले के विभिन्न क्षेत्रों में टिड्डी दल ने हमला किया और अपना पड़ाव डाल दिया. लेकिन पर्याप्त संसाधनों के अभाव में विभाग केवल 30 फीसदी टिड्डियों का खात्मा ही कर पाया. बता दें कि तकरीबन सभी तहसीलों में जहां-जहां टिड्डियों ने हमला किया है. कृषि विभाग और किसान उन्हें पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाए. कहीं 20 फीसदी तो कहीं पर 30 फीसदी तक ही टिड्डियों का सफाया हो सका. सोमवार को क्षेत्र के उस्तरा, सोपडा, कुड़ी, अरटिया खुर्द, बागोरिया, भोपालगढ़ सहित आसपास के गांवों में 30x10 वर्ग किमी क्षेत्र में टिड्डी दल ने पड़ाव डाला.

पढ़ें: किसानों के लिए सिरदर्द बनी टिड्डी, तो वन्य जीवों के लिए पौष्टिक आहार..जानिए कैसे

नहीं हो पाता टिड्डियों का खात्मा

बता दें कि टिड्डियां किसी भी स्थान पर अपना पड़ाव डालती हैं तो पेड़ पौधों या खेतों में बैठने के दौरान अपने पंख फैला लेती हैं और एक दूसरे से चिपक कर एक के ऊपर एक बैठती हैं. ऐसे में जब उन पर कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है तो वह सभी तक नहीं पहुंच पाता और पूरी तरह से उनका खात्मा नहीं हो पाता.

पढ़ें: भरतपुरः कामां में टिड्डियों का हमला, किसान परेशान

शादियों के डीजे ले रहे काम

कोरोना वायरस कोविड-19 को लेकर इस बार क्षेत्र में शादियां नहीं हो रही हैं. ऐसे में शादियों में काम आने वाले डीजे इस बार भोपालगढ़ तहसील क्षेत्र के गांवों में टिड्डी दल को उड़ाने के लिए काम में लिया जा रहा है. डीजे की तेज आवाज के माध्यम से ग्रामीण टिड्डी दल को उड़ाने के लिए गांव-गांव जतन करते हुए अब देखे जाने लगे हैं.

भोपालगढ़ (जोधपुर). जिले के भोपालगढ़ उपखंड क्षेत्र सहित विभिन्न भागों में किसानों ने खेती की फसल बुवाई कर दी है, लेकिन आए दिन हो रहे टिड्डी हमलों से उनकी परेशानी बढ़ी हुई है. जोधपुर सहित विभिन्न जिलों में टिड्डी का प्रकोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. आसमान में टिड्डी देखकर ही किसान घबरा जाते हैं और कृषि विभाग के पास इन पर पूरी तरह से नियंत्रण पाने का कोई उपाय ही नहीं है.

पढ़ें: जोधपुरः भोपालगढ़ में किसानों के लिए खेती में उपयोगी है वर्मी कम्पोस्ट खाद...

पिछले मंगलवार को क्षेत्र में हेलीकॉप्टर के जरिए कीटनाशक का छिड़कवा करवाकर टिड्डी दल को नष्ट किया गया था. ऐसे में अब एक बार फिर एक सप्ताह बाद सोमवार शाम को बड़ी संख्या में टिड्डी दल ने भोपालगढ़ में अटैक कर दिया. इस दौरान टिड्डियों ने आधे दर्जन से ज्यादा गांवों में किसानों की फसलों को चौपट कर दिया. किसानों का कहना है कि यदि टिड्डियों को समय पर नहीं रोका गया तो वो पूरी खरीफ की फसल को नष्ट कर देंगी.

भोपालगढ़ में टिड्डी दल रिटर्न

नहीं मिल पा रही पूरी सफलता

गौरतलब है कि पिछले डेढ़ माह से ज्यादा समय होने के बावजूद जिले के विभिन्न क्षेत्रों में टिड्डी दल ने हमला किया और अपना पड़ाव डाल दिया. लेकिन पर्याप्त संसाधनों के अभाव में विभाग केवल 30 फीसदी टिड्डियों का खात्मा ही कर पाया. बता दें कि तकरीबन सभी तहसीलों में जहां-जहां टिड्डियों ने हमला किया है. कृषि विभाग और किसान उन्हें पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाए. कहीं 20 फीसदी तो कहीं पर 30 फीसदी तक ही टिड्डियों का सफाया हो सका. सोमवार को क्षेत्र के उस्तरा, सोपडा, कुड़ी, अरटिया खुर्द, बागोरिया, भोपालगढ़ सहित आसपास के गांवों में 30x10 वर्ग किमी क्षेत्र में टिड्डी दल ने पड़ाव डाला.

पढ़ें: किसानों के लिए सिरदर्द बनी टिड्डी, तो वन्य जीवों के लिए पौष्टिक आहार..जानिए कैसे

नहीं हो पाता टिड्डियों का खात्मा

बता दें कि टिड्डियां किसी भी स्थान पर अपना पड़ाव डालती हैं तो पेड़ पौधों या खेतों में बैठने के दौरान अपने पंख फैला लेती हैं और एक दूसरे से चिपक कर एक के ऊपर एक बैठती हैं. ऐसे में जब उन पर कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है तो वह सभी तक नहीं पहुंच पाता और पूरी तरह से उनका खात्मा नहीं हो पाता.

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शादियों के डीजे ले रहे काम

कोरोना वायरस कोविड-19 को लेकर इस बार क्षेत्र में शादियां नहीं हो रही हैं. ऐसे में शादियों में काम आने वाले डीजे इस बार भोपालगढ़ तहसील क्षेत्र के गांवों में टिड्डी दल को उड़ाने के लिए काम में लिया जा रहा है. डीजे की तेज आवाज के माध्यम से ग्रामीण टिड्डी दल को उड़ाने के लिए गांव-गांव जतन करते हुए अब देखे जाने लगे हैं.

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