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जोधपुर: भोपालगढ़ में डीजे बजाकर उड़ाई जा रही टिड्डियां

जोधपुर जिले के भोपालगढ़ उपखण्ड में टिड्डियों के हमले से बचने के लिए किसान डीजे बजाकर खेतों में घूमा रहे हैं. पिछले एक महीने से लगातार भोपालगढ़ में टिड्डी दलों के हमले में कपास, बाजरा, मूंग, मोठ की फसल को भारी नुकसान हुआ है. जिसको देखते हुए किसान शादी समारोह में बजने वाले डीजे को तेज वॉल्यूम करके खेतों में घूमा रहे हैं. कोरोना वायरस के कारण शादी ब्याह काफी कम हो रहे हैं. ऐसे में डीजे की मदद से किसान अपनी फसल बचाने में लगे हुए हैं.

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शादियों में नहीं टिड्डी उड़ाने में काम आ रहे हैं डीजे
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Published : Jul 2, 2020, 5:14 PM IST

भोपालगढ़ (जोधपुर). उपखंड में इन दिनों लगातार टिड्डी दलों का हमला होता रहता है. पिछले एक महीने से लगातार टिड्डियों के हमले में किसानों की कपास, बाजरा, मूंग, मोठ की फसल को भारी नुकसान हुआ है. जिसके बाद किसानों ने टिड्डी नियंत्रण के लिए डीजे बजा कर खेतों में घूमा रहे हैं. भोपालगढ़ क्षेत्र के रजलानी, नाडसर, छापला, देवातड़ा, बुड़किया, आसोप, रड़ोद, गजसिंहपुरा, रामपुरा, बासनी हरिसिंह, कुंभारा गांव के खेतों में 3 किमी से 5 किमी लंबें टिड्डी दल ने हमला कर दिया था.

बारिश के कारण टिड्डियों के प्रजनन में बढ़ोतरी देखने को मिलती हैं

जिसके बाद किसानों ने टिड्डी दल के पड़ाव की सूचना स्थानीय प्रशासनिक और कृषि अधिकारी को दी. टिड्डियों के हमले को देखते हुए किसान शादी समारोह में बजने वाले डीजे को तेज वॉल्यूम करके खेतों में घूमा रहे हैं. कोरोना वायरस के कारण शादी ब्याह काफी कम हो रहे हैं. ऐसे में डीजे की मदद से किसान अपनी फसल बचाने में लगे हुए हैं. पिछले दिनों बारिश के बाद किसानों ने खेतों में कई हेक्टेयर में कपास, बाजरा, मूंग, मोठ और तिल की फसलें बोयी थी. अभी फसल अंकुरित होकर बाहर निकली थी, ऐसे में पिछले एक महीने से लगातार भोपालगढ़ क्षेत्र के किसानों के खेतों में पड़ाव डाले टिड्डी दल ने फसलों को चट कर दिया.

पढ़ें: जयपुर: एक हफ्ते में तीसरी बार चाकसू पहुंचा टिड्डी दल, किसानों की बढ़ी चिंता

टिड्डी दलों के बढ़ते अटैक और राज्य सरकार की ओर से पर्याप्त इंतजाम ना होने से किसानों को चिंता सताने लगी है. वहीं किसानों ने उपखंड अधिकारी सुखाराम पिंडेल को टिड्डी दल से फसलों को हुए नुकसान के बारे में अवगत करवाया और राज्य सरकार से उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है.

UNO के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक 4 करोड़ की संख्या वाला टिड्डी दल 35 हजार लोगों के जितना भोजन चट कर जाता है. बारिश और चक्रवात के कारण टिड्डियों के प्रजनन में बढ़ोतरी देखने को मिलती हैं. पिछले साल अरब में टिड्डियों के प्रजनन में भारी इजाफा देखने को मिला था. भारत में 1993 के बाद टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला है.

भोपालगढ़ (जोधपुर). उपखंड में इन दिनों लगातार टिड्डी दलों का हमला होता रहता है. पिछले एक महीने से लगातार टिड्डियों के हमले में किसानों की कपास, बाजरा, मूंग, मोठ की फसल को भारी नुकसान हुआ है. जिसके बाद किसानों ने टिड्डी नियंत्रण के लिए डीजे बजा कर खेतों में घूमा रहे हैं. भोपालगढ़ क्षेत्र के रजलानी, नाडसर, छापला, देवातड़ा, बुड़किया, आसोप, रड़ोद, गजसिंहपुरा, रामपुरा, बासनी हरिसिंह, कुंभारा गांव के खेतों में 3 किमी से 5 किमी लंबें टिड्डी दल ने हमला कर दिया था.

बारिश के कारण टिड्डियों के प्रजनन में बढ़ोतरी देखने को मिलती हैं

जिसके बाद किसानों ने टिड्डी दल के पड़ाव की सूचना स्थानीय प्रशासनिक और कृषि अधिकारी को दी. टिड्डियों के हमले को देखते हुए किसान शादी समारोह में बजने वाले डीजे को तेज वॉल्यूम करके खेतों में घूमा रहे हैं. कोरोना वायरस के कारण शादी ब्याह काफी कम हो रहे हैं. ऐसे में डीजे की मदद से किसान अपनी फसल बचाने में लगे हुए हैं. पिछले दिनों बारिश के बाद किसानों ने खेतों में कई हेक्टेयर में कपास, बाजरा, मूंग, मोठ और तिल की फसलें बोयी थी. अभी फसल अंकुरित होकर बाहर निकली थी, ऐसे में पिछले एक महीने से लगातार भोपालगढ़ क्षेत्र के किसानों के खेतों में पड़ाव डाले टिड्डी दल ने फसलों को चट कर दिया.

पढ़ें: जयपुर: एक हफ्ते में तीसरी बार चाकसू पहुंचा टिड्डी दल, किसानों की बढ़ी चिंता

टिड्डी दलों के बढ़ते अटैक और राज्य सरकार की ओर से पर्याप्त इंतजाम ना होने से किसानों को चिंता सताने लगी है. वहीं किसानों ने उपखंड अधिकारी सुखाराम पिंडेल को टिड्डी दल से फसलों को हुए नुकसान के बारे में अवगत करवाया और राज्य सरकार से उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है.

UNO के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक 4 करोड़ की संख्या वाला टिड्डी दल 35 हजार लोगों के जितना भोजन चट कर जाता है. बारिश और चक्रवात के कारण टिड्डियों के प्रजनन में बढ़ोतरी देखने को मिलती हैं. पिछले साल अरब में टिड्डियों के प्रजनन में भारी इजाफा देखने को मिला था. भारत में 1993 के बाद टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला है.

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