जोधपुर. केंद्र सरकार के राज्यों में हाईकोर्ट की वर्चुअल बैंच खोलने की प्रस्तावित योजना का अब विरोध शुरू हो गया है. जोधपुर में अधिवक्ता इसके खिलाफ लामबंद दिखे और उन्होंने इस प्रस्तावित योजना का विरोध किया. वकीलों ने साफ शब्दों में कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट को अब खंडित नहीं होने दिया जाएगा. जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन और राजस्थान लॉयर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से इस पर विरोध जताते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को ज्ञापन देकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के वर्चुअल बैंच खोलने के बयान पर विरोध जताया. वहीं, इस दौरान शेखावत ने उन्हें आश्वासन दिया ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं है. हाईकोर्ट की कोई वर्चुअल बैंच नहीं खुलेगी.
एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने बताया कि सुलभ न्याय के नाम पर हाईकोर्ट की अलग-अलग जिलों में वर्चुअल बैंच खोलने की योजना सही नहीं है. हाईकोर्ट से ज्यादा जरूरत देश में सुप्रीम कोर्ट की बैंच खोलने की है. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर को भारत सरकार ने दिया था. 1977 में इसकी बैंच जयपुर स्थापित की गई, लेकिन आज भी मुख्य पीठ जोधपुर है. इसके विरोध में 46 सालों से हम हर माह के अंतिम दिन कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. सचिव गिरधर सिंह ने बताया कि हर दिन इसको लेकर जानकारियां आ रही हैं. इससे पश्चिमी राजस्थान के अधिवक्ताओं में रोष है. ऐसे में इस स्थिति को अविलंब साफ करना चाहिए.
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मुख्यमंत्री के बयान से भी नाराज - वहीं, वकील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा न्यायापालिका को लेकर दिए गए बयान से नाराज हैं. वकीलों का कहना है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री ने बयान दिया है, वो उनके गैरजिम्मेदाराना रवैए को दर्शाता है. देश की जनता का न्याय व्यवस्था पर भरोसा है.