जोधपुर. महाराष्ट्र से नाबालिग के अपहरण में जांच करने आई वहां की पुलिस ने जोधपुर की कुड़ी भगतासानी थाना पुलिस पर जांच नहीं करने देने, रुकावट डालने का आरोप लगाया है. पूछताछ के लिए थाने लाए व्यक्ति को पुलिस ने भागा दिया. इधर कुड़ी भगतासनी थानाधिकारी का कहना है कि महाराष्ट्र पुलिस के पास कोई अनुमति और न ही कोई दस्तावेज थे. यदि थाना क्षेत्र के व्यक्ति के साथ अनहोनी हो जाती तो उसकी जिम्मेदारी थाने की होती.
महाराष्ट्र के मुंबई के एमपीडीसी थाने से आए एसआई सुनील गायकवाड ने बताया कि दो महीने पहले महाराष्ट्र एमपीडीसी थाना क्षेत्र से एक नाबालिग का अपहरण हो गया. मुंबई पुलिस उसे तभी से तलाश कर रही है. नाबालिक के पिता नहीं हैं, मां एक टेलीकाम कंपनी में नौकरी करती है. हाल ही में पुलिस को उसकी लोकेशन जोधपुर में मिली. यह भी पता चला कि आरोपी जालोर का रहने वाला है.
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हमारी जांच में आरोपी और नाबालिग की लोकेशन कुड़ी भगतासानी क्षेत्र स्थित एक घर में आई. पकड़ने के लिए पुलिस यहां पहुंची तो यहां से आरोपी भाग गया. पता चला कि दोनों यहां 10 दिन तक रहे थे. शनिवार को महाराष्ट्र पुलिस ने लोकेशन के आधार पर मकान मालिक को फोन कर प्रतापनगर थाने बुलाया, लेकिन वह प्रताप नागर थाने के बजाय कुड़ी भगतासनी थाने गया और उसने महाराष्ट्र पुलिस की शिकायत की कि पुलिस उसे परेशान कर रही है.
महाराष्ट्र पुलिस का आरोप है कि कुड़ी थानाधिकारी ने हमें थाने बुलाया और वहां उनके साथ अभद्र व्यवहार कर थाने से भगा दिया. आरोपी से भी पूछताछ नहीं करने दी, जबकि कहा भी कि वे उसे गिरफ्तार करने नहीं आए हैं, केवल पूछताछ करने आए हैं. नाबालिग की मां भी साथ में थी. मां ने भी आरोप लगाया कि हाईकोर्ट से परमिशन मांगी है जो सोमवार तक मिलेगी, लेकिन पुलिस पूछताछ नहीं करने दे रही.
इधर कुड़ी थानाधिकारी देवेंद्र सिंह देवड़ा ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस के साथ कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया गया है. उनसे जांच के दस्तावेज मांगे थे, लेकिन उनके पास कुछ नहीं था. पीड़ित ने हमें बताया कि महाराष्ट्र पुलिस कई दिनों से उन लोगों को परेशान कर रही थी. इसलिए वे थाने आए और उन्होंने वहां की पुलिस की शिकायत की. यहां मकान मालिक की तबियत खराब होने लगी तो मुंबई पुलिस से कहा कि वे परमिशन लेकर आएं तो वे पूछताछ कर सकते हैं, अन्यथा अनुमति नहीं दी जाएगी.