जोधपुर. जिले के दूर दराज के थाने में दर्ज बड़े मामलों में बयान अब थाने के बजाय उनके (गवाह या फरियादी) घर के पास ही दर्ज होने लगे हैं. राज्य सरकार ने जोधपुर ग्रामीण पुलिस को मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट आवंटित किया है. जिसकी वजह से ये मोबाइल अब चलता फिरता थाना की शक्ल ले रहा है. बड़ी घटना, गंभीर व संगीन मामलों में पुलिस इसका उपयोग करने लगी है. जिससे समय पर गवाहों के बयान दर्ज होने लगे हैं. इसके साथ ही केस की जांच में भी तेजी आ रही है और समय रहते न्यायालय में भी चार्जशीट पेश हो सकेगा. ग्रामीण एसपी धर्मेन्द्र सिंह का कहना है कि इस इन्वेस्टिंगेटिंग वैन से दूर दराज के मामलों में गवाहों और परिवादियों को थाने आने की आवश्यकता नहीं होगी. वैन अब सीधा उनके आवास तक जा रही है. इसकी सहायता से घटना स्थल पर ही गवाहों के बयान रिकॉर्ड दर्ज करने व जांच में काफी मदद मिलेगा.
हाईटेक है वैन
पुलिस मुख्यालय ने हाईटैक वैन जिले को मुहैया कराया है. इसका उपयोग बड़े बड़े व संगीन मामलों में किया जा रहा है. इसके माध्यम से मौके पर गवाहों या पीड़ितों के बयान दर्ज किया जा रहा है. बता दें कि लोग थाने में आने जाने के चक्कर से बचने के लिए गवाही देने या गवाह बनने से कतराते थे. लेकिन इस वैन के आने के बाद गवाह या फरियादी का बयान दर्ज करने थाना ही उनके पास पहुंच रही है. इससे पुलिस की जांच में भी तेजी आ रही है. इस वैन में सभी अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं जो जांच में आवश्यक है. जिनमें डिजिटल वीडिया कैमरा, इन्वेस्टिंगेशन किट, लेपटॉप, प्रिंटर, फिंगर प्रिंट डवलपमेंट किट के साथ साथ नारकोटिक डिटेक्शन किट और जरूरत पडने पर काम आने वाला डीएनए सेंपल कलेक्शन किट भी मौजूद है.
पुलिस की मोबाइल इन्वेस्टिगेशन वैन, गवाहों को नहीं लगाने पड़ेंगे थाने के चक्कर
जोधपुर पुलिस हुई हाईटेक- अब गवाहों या फरियादियों को थाना के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे बल्कि पुलिस ही उनके पास पहुंचेगी. ये वैन सभी अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है और साक्ष्य (डीएनए सैंपल) इकट्ठा करने में भी सक्षम है.
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जांच में तेजी, साक्ष्य जुटाना भी हुआ आसान
इस वैन में बाकायदा पुलिसकर्मी के बैठने के लिए डेस्क है. उसके सामने परिवादी या गवाह के बैठने के लिए भी जगह है. पुलिस कर्मी व गवाह दोनों आमने सामने बैठकर अपना बयान दर्ज करवा सकते हैं. गवाह तक इस वैन के पहुंचने से जांच का समय भी बचता है. साथ ही मौके पर सभी उपकरण होने से साक्ष्य एकत्र करने में भी आसानी होती है. अन्यथा दूर दराज के इलाकों में जिला मुख्यालय से उपकरण मंगवाने तक साक्ष्य (सबूत) भी खुर्द बुर्द हो जाते हैं. साथ ही गंभीर मामलों में एक जगह पर ही गवाहों के बयान दर्ज होने से गवाह के खिलाफ हिंसा की आशंका भी कम हो जाती है. साथ ही उनका हौसला भी बना रहता है.
जोधपुर. जिले के दूर दराज के थाने में दर्ज बड़े मामलों में बयान अब थाने के बजाय उनके (गवाह या फरियादी) घर के पास ही दर्ज होने लगे हैं. राज्य सरकार ने जोधपुर ग्रामीण पुलिस को मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट आवंटित किया है. जिसकी वजह से ये मोबाइल अब चलता फिरता थाना की शक्ल ले रहा है. बड़ी घटना, गंभीर व संगीन मामलों में पुलिस इसका उपयोग करने लगी है. जिससे समय पर गवाहों के बयान दर्ज होने लगे हैं. इसके साथ ही केस की जांच में भी तेजी आ रही है और समय रहते न्यायालय में भी चार्जशीट पेश हो सकेगा. ग्रामीण एसपी धर्मेन्द्र सिंह का कहना है कि इस इन्वेस्टिंगेटिंग वैन से दूर दराज के मामलों में गवाहों और परिवादियों को थाने आने की आवश्यकता नहीं होगी. वैन अब सीधा उनके आवास तक जा रही है. इसकी सहायता से घटना स्थल पर ही गवाहों के बयान रिकॉर्ड दर्ज करने व जांच में काफी मदद मिलेगा.
हाईटेक है वैन
पुलिस मुख्यालय ने हाईटैक वैन जिले को मुहैया कराया है. इसका उपयोग बड़े बड़े व संगीन मामलों में किया जा रहा है. इसके माध्यम से मौके पर गवाहों या पीड़ितों के बयान दर्ज किया जा रहा है. बता दें कि लोग थाने में आने जाने के चक्कर से बचने के लिए गवाही देने या गवाह बनने से कतराते थे. लेकिन इस वैन के आने के बाद गवाह या फरियादी का बयान दर्ज करने थाना ही उनके पास पहुंच रही है. इससे पुलिस की जांच में भी तेजी आ रही है. इस वैन में सभी अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं जो जांच में आवश्यक है. जिनमें डिजिटल वीडिया कैमरा, इन्वेस्टिंगेशन किट, लेपटॉप, प्रिंटर, फिंगर प्रिंट डवलपमेंट किट के साथ साथ नारकोटिक डिटेक्शन किट और जरूरत पडने पर काम आने वाला डीएनए सेंपल कलेक्शन किट भी मौजूद है.
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जांच में तेजी, साक्ष्य जुटाना भी हुआ आसान
इस वैन में बाकायदा पुलिसकर्मी के बैठने के लिए डेस्क है. उसके सामने परिवादी या गवाह के बैठने के लिए भी जगह है. पुलिस कर्मी व गवाह दोनों आमने सामने बैठकर अपना बयान दर्ज करवा सकते हैं. गवाह तक इस वैन के पहुंचने से जांच का समय भी बचता है. साथ ही मौके पर सभी उपकरण होने से साक्ष्य एकत्र करने में भी आसानी होती है. अन्यथा दूर दराज के इलाकों में जिला मुख्यालय से उपकरण मंगवाने तक साक्ष्य (सबूत) भी खुर्द बुर्द हो जाते हैं. साथ ही गंभीर मामलों में एक जगह पर ही गवाहों के बयान दर्ज होने से गवाह के खिलाफ हिंसा की आशंका भी कम हो जाती है. साथ ही उनका हौसला भी बना रहता है.