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जोधपुर सीट पर राजपूत और विश्नोई वोटरों का बोलबाला, इस बार वैभव को उतारा तो बनेंगे नए जातीय समीकरण

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Published : Mar 19, 2019, 12:48 PM IST

पूर्व में अशोक गहलोत यहां से पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वे सांसद के साथ-साथ केन्द्र में मंत्री भी रहे हैं.

डिजाइन फोटो

जोधपुर. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रत्याशियों के चयन को लेकर कांग्रेस में कशमकश जारी है. इस समय जोधपुर संसदीय सीट हॉट सीट बनी हुई है. वजह है वैभव गहलोत को वहां से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी. इसी के साथ लगातार ये चर्चा भी बनी हुई है कि भाजपा इस बार राजपूत को ही उम्मीदवार बनाऐगी या किसी और को. वहीं कांग्रेस फिर एक बार ओबीसी यानी वैभव गहलोत पर दांव खेलेगी या किसी और पर.

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पूर्व में अशोक गहलोत यहां से पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वे सांसद के साथ-साथ केन्द्र में मंत्री भी रहे हैं लेकिन पिछले चार चुनावों से जोधपुर लोकसभा सीट के समीकरण देखे जाएं तो यहां राजपूत और विश्नोई मतदाताओं का वर्चस्व रहा है. जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं इनमें जोधपुर जिले के 7 तो जैसलमेर जिले से एक पोकरण विधानसभा शामिल है. इन 8 में से 6 विधानसभाएं सरदारपुरा, जोधपुर शहर, शेरगढ़, लूणी, लोहावट, पोकरण कांग्रेस के खाते में है.

जबकि भाजपा के खाते में सिर्फ 2 विधानसभा सीटें हैं फलौदी व सूरसागर. जोधपुर लोकसभा सीट पर हार-जीत जातिगत आंकड़ों पर टिकी है. 8 विधानसभा क्षेत्रों में 3 सीट पर फलोदी, लूणी और लोहावट पर विश्नोई समाज के विधायक हैं जो कि कांग्रेस के हैं. जबकि शेरगढ़ सीट पर राजपूत, पोकरण पर मुस्लिम, सरदारपुरा और जोधपुर शहर पर ओबीसी व ब्राह्मण विधायक हैं. इनके सामने हारने वाले भी राजपूत, विश्नोई व ब्राह्मण ही हैं. यही कारण है कि जोधपुर लोकसभा चुनाव में पिछले 20 सालों से विश्नोई व राजपूत जाति का ही बोलबाला रहा है.

वर्तमान में लोकसभा क्षेत्र में कुल 19 लाख से ज्यादा मतदाता है इनमें करीब 4 लाख राजपूत, साढ़े 3 लाख विश्नोई, 2.20 लाख मुस्लिम व अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. इसके अलावा एक बड़ी तादाद मूल ओबीसी के मतदाताओं की है. इसमें कई जातियां शामिल हैं. यही कारण है कि अगर लंबे समय बाद अगर कांग्रेस मूल ओबीसी के उम्मीदवार के रूप में वैभव गहलोत को उतारती है तो नए जाति समीकरण देखने को मिलेंगे.

कहां किस जाति का जोर
लोहावट, फलोदी, लूणी राजपूत और विश्नोई जाति बहुल है जबकि शेरगढ़ राजपूत व अनुसूचित जाति बहुल है. पोकरण की बात करें तो मुस्लिम व राजपूत बहुल क्षेत्र है. इसी तरह जोधपुर शहर और सरदारपुरा ओबीसी बहुल क्षेत्र है. सरदारपुरा में राजपूत वोटर भी अच्छी तादाद में है. सूरसागर विधानसभा में ब्राह्मण, ओबीसी और मुस्लिम वोटर ज्यादा हैं.

पिछले 10 चुनाव परिणामों पर नजर
1980- अशोक गहलोत-कांग्रेस
1984 अशोक गहलोत-कांग्रेस
1989 जसवंत सिंह जसोल-भाजपा
1991 अशोक गहलोत-कांग्रेस
1996 अशोक गहलोत-कांग्रेस
1998 अशोक गहलोत-कांग्रेस
1999 जसवंत सिंह विश्नोई-भाजपा
2004 जसवंत सिंह विश्नोई-भाजपा
2009 चंद्रेश कुमारी-कांग्रेस
2014 गजेंद्र सिंह शेखावत-भाजपा

जोधपुर. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रत्याशियों के चयन को लेकर कांग्रेस में कशमकश जारी है. इस समय जोधपुर संसदीय सीट हॉट सीट बनी हुई है. वजह है वैभव गहलोत को वहां से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी. इसी के साथ लगातार ये चर्चा भी बनी हुई है कि भाजपा इस बार राजपूत को ही उम्मीदवार बनाऐगी या किसी और को. वहीं कांग्रेस फिर एक बार ओबीसी यानी वैभव गहलोत पर दांव खेलेगी या किसी और पर.

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पूर्व में अशोक गहलोत यहां से पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वे सांसद के साथ-साथ केन्द्र में मंत्री भी रहे हैं लेकिन पिछले चार चुनावों से जोधपुर लोकसभा सीट के समीकरण देखे जाएं तो यहां राजपूत और विश्नोई मतदाताओं का वर्चस्व रहा है. जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं इनमें जोधपुर जिले के 7 तो जैसलमेर जिले से एक पोकरण विधानसभा शामिल है. इन 8 में से 6 विधानसभाएं सरदारपुरा, जोधपुर शहर, शेरगढ़, लूणी, लोहावट, पोकरण कांग्रेस के खाते में है.

जबकि भाजपा के खाते में सिर्फ 2 विधानसभा सीटें हैं फलौदी व सूरसागर. जोधपुर लोकसभा सीट पर हार-जीत जातिगत आंकड़ों पर टिकी है. 8 विधानसभा क्षेत्रों में 3 सीट पर फलोदी, लूणी और लोहावट पर विश्नोई समाज के विधायक हैं जो कि कांग्रेस के हैं. जबकि शेरगढ़ सीट पर राजपूत, पोकरण पर मुस्लिम, सरदारपुरा और जोधपुर शहर पर ओबीसी व ब्राह्मण विधायक हैं. इनके सामने हारने वाले भी राजपूत, विश्नोई व ब्राह्मण ही हैं. यही कारण है कि जोधपुर लोकसभा चुनाव में पिछले 20 सालों से विश्नोई व राजपूत जाति का ही बोलबाला रहा है.

वर्तमान में लोकसभा क्षेत्र में कुल 19 लाख से ज्यादा मतदाता है इनमें करीब 4 लाख राजपूत, साढ़े 3 लाख विश्नोई, 2.20 लाख मुस्लिम व अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. इसके अलावा एक बड़ी तादाद मूल ओबीसी के मतदाताओं की है. इसमें कई जातियां शामिल हैं. यही कारण है कि अगर लंबे समय बाद अगर कांग्रेस मूल ओबीसी के उम्मीदवार के रूप में वैभव गहलोत को उतारती है तो नए जाति समीकरण देखने को मिलेंगे.

कहां किस जाति का जोर
लोहावट, फलोदी, लूणी राजपूत और विश्नोई जाति बहुल है जबकि शेरगढ़ राजपूत व अनुसूचित जाति बहुल है. पोकरण की बात करें तो मुस्लिम व राजपूत बहुल क्षेत्र है. इसी तरह जोधपुर शहर और सरदारपुरा ओबीसी बहुल क्षेत्र है. सरदारपुरा में राजपूत वोटर भी अच्छी तादाद में है. सूरसागर विधानसभा में ब्राह्मण, ओबीसी और मुस्लिम वोटर ज्यादा हैं.

पिछले 10 चुनाव परिणामों पर नजर
1980- अशोक गहलोत-कांग्रेस
1984 अशोक गहलोत-कांग्रेस
1989 जसवंत सिंह जसोल-भाजपा
1991 अशोक गहलोत-कांग्रेस
1996 अशोक गहलोत-कांग्रेस
1998 अशोक गहलोत-कांग्रेस
1999 जसवंत सिंह विश्नोई-भाजपा
2004 जसवंत सिंह विश्नोई-भाजपा
2009 चंद्रेश कुमारी-कांग्रेस
2014 गजेंद्र सिंह शेखावत-भाजपा

Intro:जोधपुर लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही जोधपुर संसदीय क्षेत्र में राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है लगातार चर्चा बनी हुई है कि भाजपा इस बार राजपूत की जगह 10 मई को उम्मीदवार बनाएगी या कांग्रेस राजपूत की जगह फिर एक बार ओबीसी यानी वैभव गहलोत पर दांव खेलेगी क्योंकि पूर्व में गहलोत यहां से पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं वर्तमान जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं इनमें 7 जोधपुर जिले के हैं तो एक जैसलमेर जिले की पोकरण विधानसभा है वर्तमान 86 विधानसभा सरदारपुरा जोधपुर शहर शेरगढ़ लूणी लोहावट पोकरण कांग्रेस के खाते मेंहै।


Body:भाजपा के खाते में सिर्फ 2 विधानसभा सीटें हैं फलौदी व सूरसागर इस पूरे संसदीय क्षेत्र में हार जीत जातिगत आंकड़ों पर टिकी है 8 विधानसभा में 3 सीट में फलोदी लूणी लोहावट से विश्नोई विधायक है जबकि शेरगढ़ से राजपूत पोकरण से मुस्लिम सरदारपुरा जोधपुर शहर से ओबीसी से ब्राह्मण विधायक है इनके सामने हारने वाले भी राजपूत विश्नोई व ब्राह्मण हैं यही कारण है कि जोधपुर लोकसभा चुनाव में पिछले 20 सालों से विश्नोई व राजपूत जाति का ही बोलबाला रहा है वर्तमान में लोकसभा क्षेत्र में कुल 19 लाख से ज्यादा मतदाता है इनमें करीब 400000 राजपूत 3:30 लाख विश्नोई के अलावा 22 लाख मुस्लिम व अनुसूचित जाति के मतदाता हैं इसके अलावा सबसे बड़ी संख्या मूल ओबीसी के मतदाताओं की है इसमें कई जातियां शामिल है यही कारण है कि अगर लंबे समय बाद अगर कांग्रेस मूल ओबीसी के उम्मीदवार के रूप में वैभव गहलोत को उतारती है तो नए जाति समीकरण देखने को मिलेंगे।


Conclusion:कहां किस जाति का जोर
लोहावट फलोदी लोडिंग राजपूत विश्नोई जाति बहुल है जबकि शेरगढ़ राजपूत व अनुसूचित जाति बहुल है पोकरण मुस्लिम राजपूत बहुल क्षेत्र है इसी तरह जोधपुर शहर सरदारपुरा ओबीसी बहुल क्षेत्र है सरदारपुरा में राजपूतों का भी बोल बाला है सूरसागर ब्राह्मण ओबीसी और मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्र है
पिछले 10 चुनाव परिणामों पर नजर
1980 अशोक गहलोत कांग्रेस 1984 अशोक गहलोत कांग्रेस 1989 जसवंत सिंह जसोल भाजपा 1991 अशोक गहलोत कांग्रेस 1996 अशोक गहलोत कांग्रेस 1998 अशोक गहलोत कांग्रेस 1999 जसवंत सिंह विश्नोई भाजपा 2004 जसवंत सिंह विश्नोई भाजपा 2009 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस और 2014 गजेंद्र सिंह शेखावत भाजपा
bite 1 हनुमानसिंह खांगटा, अध्य्क्ष मारवाड़ राजपूत सभा
bite 2 अजय त्रिवेदी, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस
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