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गजेंद्र शेखावत केस में सरकार ने दाखिल किया था आदेश संशोधन प्रार्थना पत्र, शुक्रवार को फिर होगी सुनवाई

राजस्थान के बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत को भले ही हाईकोर्ट से राहत मिल गई हो, लेकिन राज्य सरकार उन्हें अभी राहत देने वाली नहीं है. सरकार की ओर से आदेश संशोधन प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट में दाखिल किया था. जिस पर गुरुवार को समयाभाव के चलते सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. अब शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से फिर से सुनवाई होगी.

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गजेंद्र शेखावत केस में सरकार ने दाखिल किया आदेश संशोधन प्रार्थना पत्र
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Published : Apr 27, 2023, 10:48 PM IST

जोधपुर. बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के आरोप में घिरे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा राहत दिए जाने पर सरकार की ओर से आदेश संशोधन के लिए पेश प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को सुनवाई हुई. जस्टिस कुलदीप माथुर की बेंच में राज्य सरकार की ओर से पेश संशोधन प्रार्थना पत्र पर वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने वीसी के जरिए पैरवी की थी. इस दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह की सहयोगी प्रियंका बोराणा ने कहा कि अभी तक उन्हे प्रार्थना पत्र की कॉपी नहीं मिली है.

ये भी पढ़ेंः Jodhpur High Court: संजीवनी मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत को राहत, कोर्ट ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक

सुनवाई नहीं हुई पूरीः वरिष्ठ अधिवक्ता लूथरा के सहयोगी एएजी अनिल जोशी ने कहा कि ईमेल के जरिए कॉपी भेज दी गई है. कोर्ट ने कहा कि समयाभाव के चलते मामले पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाएगी. ऐसे में शुक्रवार सवेरे साढे़ आठ बजे इस मामले पर सुनवाई मुकरर्र की गई है. वहीं AAG अनिल जोशी को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं को प्रार्थना पत्र की कॉपी प्रदान की जाए. गौरतलब है कि 13 अप्रैल को राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि SOG की FIR में अभी न तो आरोपी माना है न ही गिरफ्तार कर रहे हैं. जिस पर कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री शेखावत को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

राज्य सरकार की हुई थी किरकिरीः इसके बाद सरकार की किरकिरी होने लगी तो तत्काल उसी दिन आदेश में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया कि कोर्ट में एसओजी के अनुसंधान अधिकारी मौजूद थे और तथ्यात्मक रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय मंत्री शेखावत आरोपी है. बावजूद इसके तालमेल के अभाव में वो तथ्य कोर्ट के सामने नहीं आए थे. ऐसे में सरकार की ओर से सभी तथ्य पेश किए जाने आवश्यक हैं. जिसके लिए संशोधन प्रार्थना पत्र पेश किया गया.

जोधपुर. बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के आरोप में घिरे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा राहत दिए जाने पर सरकार की ओर से आदेश संशोधन के लिए पेश प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को सुनवाई हुई. जस्टिस कुलदीप माथुर की बेंच में राज्य सरकार की ओर से पेश संशोधन प्रार्थना पत्र पर वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने वीसी के जरिए पैरवी की थी. इस दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह की सहयोगी प्रियंका बोराणा ने कहा कि अभी तक उन्हे प्रार्थना पत्र की कॉपी नहीं मिली है.

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सुनवाई नहीं हुई पूरीः वरिष्ठ अधिवक्ता लूथरा के सहयोगी एएजी अनिल जोशी ने कहा कि ईमेल के जरिए कॉपी भेज दी गई है. कोर्ट ने कहा कि समयाभाव के चलते मामले पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाएगी. ऐसे में शुक्रवार सवेरे साढे़ आठ बजे इस मामले पर सुनवाई मुकरर्र की गई है. वहीं AAG अनिल जोशी को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं को प्रार्थना पत्र की कॉपी प्रदान की जाए. गौरतलब है कि 13 अप्रैल को राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि SOG की FIR में अभी न तो आरोपी माना है न ही गिरफ्तार कर रहे हैं. जिस पर कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री शेखावत को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

राज्य सरकार की हुई थी किरकिरीः इसके बाद सरकार की किरकिरी होने लगी तो तत्काल उसी दिन आदेश में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया कि कोर्ट में एसओजी के अनुसंधान अधिकारी मौजूद थे और तथ्यात्मक रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय मंत्री शेखावत आरोपी है. बावजूद इसके तालमेल के अभाव में वो तथ्य कोर्ट के सामने नहीं आए थे. ऐसे में सरकार की ओर से सभी तथ्य पेश किए जाने आवश्यक हैं. जिसके लिए संशोधन प्रार्थना पत्र पेश किया गया.

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