जोधपुर. आने वाली अक्षय तृतीया यानी की 22 अप्रैल को बाल विवाह नही हो इसके लिए सरकार और जिला प्रशासन अपनी कवायद शुरू कर चुका है. इस बीच बाल विवाह के बंधन में जकड़ी एक बालिका को सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ.कृति भारती का साथ मिला. जिसके कारण उसका विवाह (बाल विवाह) निरस्त हो गया. डा कृति भारती के प्रयासों से सुहानी 49 वी बच्ची है जिसके बाल विवाह को कोर्ट ने निरस्त कर दिया. ऐसा करके डॉ कृति ने अनूठा रिकॉर्ड बना रही है. जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश प्रदीप कुमार मोदी ने आखातीज से पहले समाज को कड़ा संदेश देकर बालिका वधु सुहानी के बाल विवाह को निरस्त करने का फैसला सुनाया.
दैनिक मजदूर की बेटी करीब 19 वर्षीय सुहानी (बदला हुआ नाम) का बाल विवाह करीब 6 साल पहले महज 13 साल की उम्र में समाज के दबाव में करा दिया गया था. जबकि सुहानी प्रशासनिक अधिकारी बनने का ख्वाब संजोए थी. उसको खुद के ख्वाब टूटते दिखे. इधर लगातार छह साल तक ससुराल वालों ने गौना करने का दबाव बनाया और जानलेवा धमकियां भी दी तो (सुहानी) डिप्रेशन में चली गई. घबराहट में उसका स्कूल जाना तक छूट गया. हर पल उसे अपने भविष्य की चिंता सता रही थी. इसी दौरान उसे यूट्यूब लाइव कार्यक्रम में बीबीसी की 100 प्रेरणादायी महिलाओं व वर्ल्ड टॉप टेन एक्टिविस्ट सूची में शुमार सारथी ट्रस्ट की डॉ. कृति भारती की बाल विवाह निरस्त की मुहिम के बारे में जानकारी मिली.
उसके बाद उसने (सुहानी) डॉ. कृति से मुलाकात कर अपनी पीड़ा साझा की. डॉ. कृति भारती ने पारिवारिक न्यायालय संख्या 2 में करीब 5 माह पहले सुहानी के बाल विवाह निरस्त का केस दायर किया. पारिवारिक न्यायालय संख्या 2 के न्यायाधीश प्रदीप कुमार मोदी ने बालिका वधु सुहानी के 6 साल पहले महज 13 साल की उम्र में हुए बाल विवाह को निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया. न्यायाधीश मोदी ने समाज को बाल विवाह के खिलाफ खड़ा संदेश देते हुए कहा कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करना सरासर गलत है. देश सालों से बाल विवाह की कुप्रथा को झेल रहा है.
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